Posted on 20 Oct, 2017 8:37 pm

 

नरसिंहपुर जिले में आज की स्थिति में किसी भी किसान का एक सितम्बर 2017 के पूर्व का एक भी अविवादित नामांतरण और अविवादित बँटवारा का आवेदन ग्राम पंचायतों में लंबित नहीं है। जिले की हर ग्राम पंचायत में दो अक्टूबर 2017 के पहले राजस्व अधिकार अभियान चलाकर पात्र किसानों से आवेदन लिये गये और उनका शत-प्रतिशत निराकरण किया गया। सभी ग्राम पंचायतों के सरपंच, सचिव एवं पटवारी द्वारा संयुक्त रूप से कोई भी अविवादित प्रकरण शेष नहीं रहने संबंधी प्रमाण पत्र जिला कलेक्टर को प्रस्तुत कर दिया गया है। जिला कलेक्टर डॉ. आर.आर. भोंसले ने कहा है कि जिले में किसी भी किसान का अविवादित नामांतरण और बँटवारा का आवेदन यदि एक सितम्बर 2017 के पूर्व से लंबित है, तो सूचना देने वाले को 500 रूपये का पुरस्कार दिया जाएगा। यह राशि संबंधित पटवारी/ सचिव से वसूल की जाएगी।

जिला कलेक्टर ने अधिसूचित किया है कि यदि किसी किसान ने अविवादित नामांतरण या बँटवारा के लिए आवेदन एक सितम्बर 2017 से पहले ग्राम पंचायत या पटवारी स्तर पर किया हो और इस आवेदन के आधार पर आपत्ति के लिए प्रकाशन में कोई आपत्ति प्राप्त नहीं हुई हो तथा शासकीय हित एवं नियमों के विपरीत नहीं हो, तभी उसे अविवादित नामांतरण या बँटवारे की श्रेणी में रखा जायेगा। इश्तहार प्रकाशन के बाद कोई आपत्ति प्राप्त हो चुकी हो या शासकीय हित एवं नियमों के विपरीत हो, तो नामांतरण/बँटवारे का प्रकरण विवादित माना जायेगा।

यदि किसान द्वारा अविवादित नामांतरण या बँटवारे का आवेदन एक सितम्बर 2017 के पहले ग्राम पंचायत या पटवारी को प्रस्तुत किया गया है, जिसकी पावती आवेदक के पास उपलब्ध हो तथा प्रकरण आज भी लंबित हो, तो वह कलेक्टर को आवेदन पत्र देकर 500 रूपये का पुरस्कार प्राप्त कर सकता है। भविष्य में भी अविवादित नामांतरण का आवेदन एक माह से अधिक लंबित रहने पर तथा अविवादित बँटवारा का आवेदन पत्र 45 दिन से अधिक लंबित रहने पर आवेदक को उक्त प्रक्रिया के तहत 500 रूपये का पुरस्कार प्राप्त करने की पात्रता होगी।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

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