Posted on 20 Jan, 2022 7:54 pm

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मध्यप्रदेश को वर्ष 2022 में स्वच्छता सर्वेक्षण में देश में प्रथम स्थान पर लाने के लिए स्थानीय निकाय, प्रत्येक नगर और ग्राम में सार्वजनिक स्वच्छता, सौंदर्यीकरण और कचरा प्रबंधन के कार्यों के लिए ईमानदार प्रयास करें। वर्ष 2021 के स्वच्छ सर्वेक्षण में मध्यप्रदेश देश में तीसरे क्रम पर रहा है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंस द्वारा अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी कलेक्टर यह प्रयास करें कि शहरों की स्वच्छता में बेहतर रैंकिंग हो। स्वच्छता को जन-आन्दोलन बनाया जाए। मैं स्वयं भी झाड़ू लेकर निकलूंगा।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा प्रदेश के लिए यह गर्व की बात है कि इंदौर स्वच्छता के क्षेत्र में निरंतर देश में प्रथम स्थान पर रहा है। इंदौर जिले के 9 निकायों में भी स्वच्छता में आगे रहने पर इंदौर जिले को राष्ट्रीय स्तर पर दूसरी रैंक मिली है। इंदौर अब स्वच्छता में देश के लिए आयकॉन बन चुका है। संभवतः आगामी वर्ष इंदौर को स्वच्छता की स्पर्धा में भी नहीं लिया जाएगा। ऐसे में प्रदेश के अन्य बड़े नगर अधिक स्वच्छ बनें, अपनी रैंक सुधारें। यह मध्यप्रदेश के लिए एक नई उपलब्धि होगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने इंदौर, भोपाल, उज्जैन, ग्वालियर और बुरहानपुर को स्वच्छता में जिला स्तर पर पूरे देश में क्रमश: दूसरे, सातवें, दसवें, बारहवें और सोलहवें स्थान पर आकर प्रतिष्ठा अर्जित करने के लिए बधाई दी।

मध्यप्रदेश को विभिन्न श्रेणियों में स्थान दिलवाने के प्रयास

मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा नगरीय क्षेत्रों में स्वच्छता अभियान की कार्यवाहियों की समीक्षा कॉन्फ्रेंस में की गई। स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 में इंदौर ओडीएफ प्रमाणीकरण और वॉटर प्लस श्रेणी में प्रथम रहा है। कुल 74 निकायों को ओडीएफ प्लस और 295 निकायों को ओडीएफ डबल प्लस श्रेणी में शामिल किया गया है। स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 के लिए जिलों की भी रैकिंग होगी और कलेक्टर्स को राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत किया जाएगा। प्रदेश के 378 नगरीय निकायों को ओडीएफ डबल प्लस, सभी नगर निगमों को 5 स्टार और शेष सभी निकायों को न्यूनतम 3 स्टार की रेटिंग दिलवाने का प्रयास है। प्रेरक दौर सम्मान गत वर्ष देश में 70 निकायों को मिला था। इस वर्ष मध्यप्रदेश की सभी नगर निगम न्यूनतम गोल्ड और शेष निकाय न्यूनतम सिल्वर श्रेणी में आएँ, ऐसा प्रयास किया जाए।

 अच्छी हों सड़कें, मेंटेंनेंस भी किया जाए

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सभी नगरों में सड़कें बेहतर हों। नगरीय क्षेत्र की सड़कों तथा अन्य सभी प्रकार के सड़क मार्गों के मेंटेनेंस (संधारण) पर भी ध्यान दिया जाए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने समीक्षा के दौरान कहा कि जहाँ आवश्यक हो, सीमेंट और कांक्रीट का उपयोग कर बेहतर एवं टिकाऊ सड़कें बनाएँ। कॉलोनियों की भीतरी सड़कें भी अच्छी हों। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि उन्होंने कुछ मिनी समार्ट सिटी के कार्य देखे हैं। इनमें सुधार की जरूरत है। कॉन्फ्रेंस में बताया गया कि प्रदेश के 407 नगरीय निकायों में 26 हजार 300 किलोमीटर की सड़कें हैं। इनमें 14 हजार 700 किलोमीटर कांक्रीट सड़कें, 7 हजार किलोमीटर डामर सड़कें और 4 हजार 600 किलोमीटर डब्ल्यू बीएम सड़कें हैं।

सीवरेज योजनाओं के कार्य समय पर पूरे हों

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में नगरों में सीवरेज परियोजनाओं के कार्य समय पर पूरे किए जाएँ। प्रत्येक घर के लिए सीवर कनेक्शन, रोड रेस्टोरेशन, रोड कटिंग कार्यों में कटर मशीन का उपयोग, उपचारित जल का पुन:उपयोग सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। मुख्यमंत्री ने नर्मदा किनारे के सीवर प्रोजेक्ट के कार्यों पर विशेष ध्यान देने को कहा। कॉन्फ्रेंस में बताया गया कि प्रदेश में 50 निकायों के लिए 54 सीवरेज योजनाएँ मंजूर की गई हैं। इनमें से 12 का कार्य पूरा हो गया है। जून 2022 तक भोपाल की शाहपुरा, भोजवेट लैंड और कोलार सीवरेज योजनाओं सहित महेश्वर, नसरुल्लागंज, छिंदवाड़ा, चित्रकूट, डिंडोरी, नेमावर, ओंकारेश्वर और मंडलेश्वर योजनाओं को पूरा करने का लक्ष्य है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान के प्रमुख निर्देश

  • सीमेंट-कांक्रीट का उपयोग कर बेहतर टिकाऊ सड़कें बनाएँ।

  • कालोनियों की भीतरी सड़कें भी अच्छी हों।

  • मैंने गंजबासोदा, मैहर जैसे मिनी समार्ट सिटी के कार्य देखे हैं। इनमें सुधार की जरूरत है।

  • अमरकंटक में नदी में न मिले प्रदूषित जल, इसे सुनिश्चित करें।

  • सागर में राहतगढ़ बस स्टेंड और अप्सरा टॉकीज के पास सीवरेज परियोजना के कार्य की बाधाएँ समाप्त कर कार्य प्रारंभ हो।

  • होशंगाबाद की सीवर लाईन के लिए न्यायालय में प्रकरण के निराकरण, सनावद में पंपिंग स्टेशन के लिए भूमि आवंटन और जबलपुर में अन्धमुख बायपास स्थित नेशनल हाइवे की क्रासिंग की अनुमति के कार्यों को शीघ्र पूरा किया जाए।

  • समस्त कार्यों में गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाए।

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश