Posted on 20 Oct, 2017 8:42 pm

 

इस वर्ष दीपोत्सव के अवसर पर प्रदेश में 19 अक्टूबर को दीपावली के दिन 20 करोड़ 49 लाख यूनिट बिजली की सप्लाई की गई, जबकि पिछले वर्ष दीपावली के दिन प्रदेश में 19 करोड़ 21 लाख यूनिट बिजली की सप्लाई हुई थी। इस प्रकार पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष दीपावली के दिन बिजली की सप्लाई 7 प्रतिशत अधिक रही। प्रदेश में दीपावली के दिन बिजली की अधिकतम मांग 9 हजार 249 मेगावाट रही। वहीं पिछले वर्ष बिजली की अधिकतम मांग 8 हजार 733 मेगावाट रही थी। ऊर्जा मंत्री श्री पारस चन्द्र जैन, अपर प्रमुख सचिव ऊर्जा श्री इकबाल सिंह बैंस और एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड के प्रबंध संचालक श्री संजय कुमार शुक्ल ने प्रदेश की सभी बिजली कंपनियों के कार्मिकों को सतत् बिजली उत्पादन एवं आपूर्ति करने के लिए बधाई दी है।

एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड के प्रबंध संचालक श्री संजय कुमार शुक्ल ने जानकारी दी कि 18 अक्टूबर को 20 करोड़ 69 लाख यूनिट बिजली की सप्लाई प्रदेश में की गई। पिछले वर्ष प्रदेश में 19 करोड़ 44  लाख यूनिट बिजली की सप्लाई की गई थी, जो पिछले वर्ष की तुलना में 6 प्रतिशत अधिक है। इस वर्ष नरक चौदस को बिजली की अधिकतम मांग 9 हजार 402 मेगावाट रही, जबकि पिछले वर्ष इस दिन प्रदेश में बिजली की अधिकतम मांग 8 हजार 790 मेगावाट दर्ज हुई थी। उल्लेखनीय है कि इस वर्ष 17 अक्टूबर को धन तेरस के दिन प्रदेश में 20 करोड़ 76 लाख 96 हजार यूनिट बिजली की सप्लाई की गई।       

इस वर्ष दीपावली के दिन मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के ताप विद्युत गृहों का उत्पादन 1 हजार 693 मेगावाट एवं जल विद्युत गृहों का उत्पादन 168 मेगावाट रहा। इंदिरा सागर, ओंकारेश्वर एवं सरदार सरोवर जल विद्युत गृह से प्रदेश को 430 मेगावाट बिजली प्राप्त हुई। वहीं सेंट्रल सेक्टर से एवं डीवीसी से 3 हजार 066 मेगावाट बिजली का अंश प्राप्त हुआ। सासन बिजली परियोजना से प्रदेश को 1 हजार 347 मेगावाट  एवं आईपीपी एवं अन्य स्त्रोतों से 2 हजार 545 मेगावाट बिजली प्राप्त हुई।

दीपावली के दिन प्रदेश में सफलतापूर्वक बिजली सप्लाई करने में स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर, एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड का कंट्रोल रूम एवं क्षेत्रीय कार्यालय, पावर जनरेटिंग कंपनी के विद्युत गृहों के साथ मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी तथा प्रदेश की तीनों विद्युत वितरण कंपनी के कंट्रोल रूम एवं मैदानी अभियंताओं और कार्मिकों की सराहनीय भूमिका रही।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

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