Posted on 16 Jul, 2019 6:26 pm

प्रदेश में चलाये जा रहे दस्तक अभियान से उमरिया जिले के ग्राम बिझरिया की दो वर्षीय मासूम दीपिका, आगर जिले के ग्राम रामपुरा भुड़वास की 18 माह की मासूम सुहाना और जबलपुर जिले के ग्राम बिशनपुरा महतपुरी की तीन वर्षीय मासूम मोनिका को नई जिन्दगी मिली है। इन बच्चियों के माता-पिता गरीबी के कारण इनका इलाज कराने में असमर्थ थे। दस्तक दलों ने जब घर-घर जाकर बच्चों का पता लगाकर उन्हें बेहतर स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध कराने का अभियान शुरू किया, तब उन्हें इन बच्चों की जानकारी मिली। बच्चों को तुरंत नजदीकी पुनर्वास पोषण केन्द्रों में भर्ती कराया गया, जहाँ उनका पूरा इलाज नि:शुल्क हुआ। अब ये तीनों मासूम पूरी तरह स्वस्थ हैं।

मासूम दीपिका का हिमोग्लोबिन था मात्र 6 ग्राम :उमरिया जिले के ग्राम  बिझरिया में दस्तक दल को आदिवासी दम्पत्ति माधुरी-सुरेश के घर उनकी दो वर्षीय मासूम दीपिका कमजोर और अस्वस्थ हालत में मिली थी। दल ने जब उसका हीमोग्लोबिन टेस्ट करवाया, तो केवल 6 ग्राम था। उसे उमरिया के पुनर्वास पोषण केन्द्र में रक्त देने के बाद नई जिंदगी मिली है।

अब स्वस्थ है सुहाना : आगर जिले के ग्राम रामपुरा भुण्डवास निवासी हेमलता पति महेश की कुपोषित 18 माह की बेटी सुहाना को दस्तक दल द्वारा एक जुलाई को पुनर्वास पोषण केन्द्र, आगर-मालवा में भर्ती कराया गया। भर्ती के समय सुहाना का वजन मात्र 6 किलो 600 ग्राम था। चिकित्सकों द्वारा परीक्षण कर उपचार किया गया, जरूरी पोषण आहार दिया गया। अब उसका वजन 7 किलो 500 ग्राम हो गया है, वह पूरी तरह स्वस्थ है।

मोनिका का वजन अब बेहतर : जबलपुर जिले के विकासखंड कुंडम के ग्राम बिशनपुरा महतपुरी की सुरेन्द्र-आरती उरैती दम्पत्ति की तीन वर्षीय कुपोषित बेटी मोनिका को दस्तक टीम द्वारा विक्टोरिया हॉस्पिटल के पोषण पुनर्वास केन्द्र में भर्ती कराया गया। मोनिका को 22 जून को भर्ती कराया गया था, तब उसका वजन 8 किलो 530 ग्राम था, अब बढ़कर 9 किलो 240 ग्राम हो गया है। मोनिका का वजन बढ़ने से उसके स्वास्थ्य में भी अप्रत्याशित सुधार हुआ है। बिटिया के स्वस्थ होने से उरैती दम्पत्ति काफी खुश हैं।

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

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