Constitution of Happiness Ministry a welcome step: Swami Harshanand-आनंद मंत्रालय का गठन स्वागत योग्य : स्वामी हर्षानन्द
Posted on 20 May, 2016 6:35 pm
Constitution of Happiness Ministry a welcome step: Swami Harshanand |
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Bhopal : Friday, May 20, 2016, 18:16 IST | |
Founder of Yoga Darshan Charitable Trust Swami Harshanand camping at Ujjain during Simhastha has described decision of Chief Minister Shri Shivraj Singh Chouhan to constitute Happiness Ministry as a welcome step. Born at Bhanpura in Mandsaur district, Swami Harshanand informed that he is imparting Yoga training through his organisation for the last 25 years. So far, he has imparted Yoga training to children of 3,500 schools in the country. He informed that he has held camps in 192 jails to bring change in prisoners' lives. Swami Harshanand said that environment in the country can be conserved by imbuing spirit of respect for water and trees in children. He informed that human body and Earth have 72 percent water. It goes to underscore importance of water. He also threw light on Giddhasani Asan of Yoga. Nature of vulture is to keep Earth clean while flying high in the sky. He has given details of this Asan to devotees during training. Swami Harshanand informed that speciality of horse is better coordination between breath, sound and rhythm. This is the reason that it runs with full energy. Swami Harshanand also lauded efforts of Government of India for creating awareness about Yoga in the world following announcement of United Nations Orgnaisation to celebrate Yoga Day. |
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Mukesh Modi/Gaurav |
आनंद मंत्रालय का गठन स्वागत योग्य : स्वामी हर्षानन्द |
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भोपाल : शुक्रवार, मई 20, 2016, 18:20 IST | |
उज्जैन सिंहस्थ में आए योग दर्शन परर्माथिक ट्रस्ट के संस्थापक स्वामी हर्षानन्द ने मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा आनंद मंत्रालय के गठन के निर्णय को स्वागत योग्य बताया है। मंदसौर के भानपुरा में जन्में स्वामी हर्षानन्द ने बताया कि वे पिछले 25 वर्ष से अपने संगठन के माध्यम से योग शिक्षा दे रहे हैं। उन्होंने अब तक देशभर के लगभग 3,500 स्कूल के बच्चों को योग की शिक्षा दी है। उन्होंने बताया कि 192 जेलों के कैदियों के जीवन में परिवर्तन लाने के लिए, उनके द्वारा जेल में शिविर लगाए गए हैं। स्वामी हर्षानन्द ने कहा कि बच्चों में पानी और पेड़ के प्रति आदर भाव पैदा कर देश के पर्यावरण को सुरक्षित रखा जा सकता है। उन्होंने बताया कि मानव शरीर और पृथ्वी पर 72 प्रतिशत पानी की मात्रा है। यह इस बात का आभास कराता हैं कि पानी का कितना महत्व है। उन्होंने योग के गिद्धासनी आसन के बारे में भी बताया। गिद्ध की प्रवृत्ति होती है आकाश की अधिकतम ऊँचाई पर उड़कर ज़मीन को साफ रखना। उन्होंने अपने प्रशिक्षण के दौरान श्रद्धालुओं को इस आसन के बारे में विस्तार से जानकारी दी। स्वामी हर्षानन्द ने बताया कि अश्व में भी एक विशेषता होती है वह सांस, ध्वनि और ताल में बेहतर तालमेल रखता है। इस वजह से वह पूरी उर्जा के साथ दौड़ता है। स्वामी हर्षानन्द ने संयुक्त राष्ट्र संघ में योग दिवस घोषित होने पर दुनियाभर में योग के प्रति जागरूकता लाए जाने के भारत सरकार के प्रयासों की भी प्रशंसा की। |
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मुकेश मोदी/गौरव |