कमजोर जनजातीय समूहों की लोकतंत्र में सहभागिता के लिये आयोग के प्रयास रंग लाये
Posted on 01 May, 2024 1:18 pm
देश के विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) को चुनाव प्रक्रिया में शामिल करने के लिए पिछले दो वर्षों में भारत निर्वाचन आयोग के प्रयासों के प्रतिफल अब सामने आने लगे हैं। लोकतंत्र में अपनी आस्था व्यक्त करते हुए मध्यप्रदेश के जनजातीय समूहों ने पहले और दूसरे चरण में उत्साहपूर्वक भाग लिया है। भारत निर्वाचन आयोग ने चुनावी प्रक्रिया में पीवीटीजी को शामिल करते हुए मतदाताओं के रूप में उनके नामांकन और मतदान में भागीदारी के लिए पिछले दो वर्षों में विशेष प्रयास किए हैं। मतदाता सूची के अपडेशन के लिए विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण के दौरान, जहां पीवीटीजी निवास करते हैं, मतदाता सूची में शामिल करने के लिए विशेष आऊटरीच कैम्प आयोजित किए गए थे। गौरतलब है कि मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री राजीव कुमार ने पीवीटीजी को देश के गौरवशाली मतदाताओं के रूप में नामांकित और सशक्त बनाने के लिए आयोग के विशेष प्रयासों पर जोर दिया था।
मध्यप्रदेश में बैगा और भारिया जनजातीय मतदाताओं ने बढ़-चढ़कर किया मतदान
मध्यप्रदेश में बैगा, भारिया और सहरिया तीन पीवीटीजी हैं। प्रदेश में 23 जिलों की कुल 9 लाख 91 हजार 613 आबादी में से 6 लाख 37 हजार 681 पात्र मतदाता हैं और ये सभी मतदाता सूची में पंजीकृत हैं। राज्य में अब तक हुए दो चरणों के मतदान में बैगा और भारिया जनजाति के मतदाताओं में काफी उत्साह देखा गया। यह मतदाता सुबह-सुबह ही अपने मतदान केंद्र पर पहुँच गए। मतदान के लिए अपनी बारी का इंतजार किया और लोकतंत्र के महापर्व में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करते हुए उत्साह से मतदान किया। इन मतदाताओं की सुविधा के लिये दुर्गम क्षेत्र में भी नये मतदान केन्द्र स्थापित किये गए थे।
साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश