Posted on 03 Dec, 2017 12:07 pm

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि सागर संभाग में सभी छोटे-बड़े तालाबों का सीमांकन कर उन्हें अतिक्रमण मुक्त करवाया जाएगा। गांव-गांव में नये तालाब बनाने के लिये भूमि चिन्हित की जायेगी। जल संरक्षण के लिये अधिक से अधिक नये तालाब, चैक डेम, स्टाप डेम, नाले बनाने के अलावा बोरीबंधान के कार्य भी करवाये जायेगे। उन्होंने कहा कि जीवन का प्राण है जल। इसलिये जल संरक्षण के लिये जन-जागरण अभियान चलाया जाएगा।

मुख्यमंत्री आज खजुराहो में बुन्देलखंड के विशेष संदर्भ में आयोजित राष्ट्रीय सूखा मुक्त जल सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। श्री चौहान ने कहा है कि बुन्देलखंड क्षेत्र की तस्वीर और तकदीर बदलने के लिये शासन, समाज तथा जल संरक्षण के क्षेत्र में कार्य करने वाले सभी संगठन मिल-जुलकर कार्य करेंगे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि बुन्देलखंड क्षेत्र में वर्षा की स्थिति पर सूखती नदियों को पुनर्जीवित करने के लिए सभी जरूरी प्रयास किये जाएंगे। गरमी के मौसम में पूरे बुन्देलखंड क्षेत्र में जल संरक्षण के कार्य और वर्षाकाल में अधिक से अधिक पौधरोपण के कार्य कराए जाएंगे। इससे वर्षा जल रूकेगा और धरती की प्यास बुझेगी। इससे भूमि में नमी बनी रहेगी और फसल की पैदावार भी अच्छी होगी। इससे क्षेत्र का किसान खुशहाल होगा। श्री चौहान ने कार्यक्रम में लोगों को प्राण-प्रण से जल बचाने का संकल्प भी दिलाया।

जलपुरुष श्री राजेन्द्र सिंह ने कहा कि मध्यप्रदेश में नीर, नारी और नदी का पूर्ण सम्मान है। यहाँ शासन ने समाज को प्रकृति और इससे जुड़े सरोकारों से जोड़ा है। उन्होंने कहा कि भू-जल भंडारण के लिये सूखती-मरती नदियों और तालाबों को पुनर्जीवित करना होगा। भू-जल संरक्षण के लिये हर जरूरी उपाय कर नदियों और तालाबों को अतिक्रमण, प्रदूषण और अंधाधुंध शोषण से बचाना होगा। तभी अपनी भावी पीढ़ी का भविष्य सुरक्षित होगा।

इस अवसर पर पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती ललिता यादव, बुन्देलखंड विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री रामकृष्ण कुसमारिया, वाटर एक्सपर्ट चैन्नई श्री गुरु स्वामी, डॉ. राजेन्द्र पोददार, कृषि नीति आयोग के सलाहकार श्री जे.पी.मिश्रा तथा बड़ी संख्या में जल संरक्षण कार्यकर्ता उपस्थित थे।

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

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