Posted on 29 Nov, 2019 4:25 pm

सभी अभ्यर्थियों द्वारा व्यय का ब्यौरा प्रस्तुत किया जाएगा

कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी डॉ. एस भारतीदासन ने नगरीय निकाय निर्वाचन के लिए सभी अभ्यर्थियों से निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित चुनाव व्यय की सीमा का पालन करने को कहा है। उल्लेखनीय है कि राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा नगर पलिका निगम, नगर पालिका परिषद और नगर पंचायतों के अभ्यर्थियों के लिए अधिकतम व्यय सीमा निर्धारित की गई है।
    कलेक्टर ने बताया है कि छत्तीसगढ नगर पालिका अधिनियम 1956 और 1969 के तहत पार्षद के निर्वाचन के सभी अभ्यर्थियों पर यह दायित्व है कि ऐसे निर्वाचन के सिलसिले में उसके निर्वाचन अभिकर्ता द्वारा उपगत या प्राधिकृत समस्त व्यय का पृथक एवं सही लेखा ऐसी विशिष्टियों के साथ रखा जाए है, जो राज्य निर्वाचन द्वारा विहित की जाए। इसके लिए व्यय संपरीक्षकों की नियुक्ति की गई है।
    इसी तरह जिला स्तरीय मीडिया प्रमाणन एवं अनुवीक्षण समिति (एम सी एम सी )  भी बनाई गई है, जो विज्ञापनों के प्रमाणन के लिए विचार कर उस पर निर्णय लेगी तथा दत्त मूल्य समाचार (दमूस या पेड न्यूज) के मामलों का अनुवीक्षण कर जॉच करेगी। इसके तहत समाचार पत्र, प्रिन्ट मीडिया, इलेक्ट्रानिक मीडिया, केबल नेटवर्क, इन्टरनेट, सोशल मीडिया की जॉच करेगा।    प्रिन्ट एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया के आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के मामलों की कटिंग/सीडी भी रिटर्निग अधिकारियों के पास प्रस्तुत की जाएगी। पेड न्यूज होने पर पेड न्यूज की लागत डी ए वी पी/ डी पी आर के दर के आधार पर अभ्यर्थी के निर्वाचन व्यय खाते में जोड़ी जाएगी। यह भी उल्लेखनीय है कि निर्वाचन पैंफलेट, पोस्टर, हैंड बिल तथा अन्य दस्तावेजों पर प्रकाशक तथा मुद्रक का नाम और पता लिखना अनिवार्य है। जिला स्तरीय एम सी एम सी के आदेश/ विनिश्चयन के विरूद्ध संभाग स्तरीय एम सी एम सी में 15 दिन के भीतर अपील की जा सकती है।

साभार – जनसम्पर्क विभाग छत्तीसगढ़