Posted on 25 Nov, 2017 7:44 pm

विश्व प्रसिद्ध पर्यटन केन्द्र एवं बौद्ध अनुयायियों के तीर्थ स्थल साँची में 65वां महाबोधि महोत्सव आज सुबह भगवान बुद्ध के शिष्य सारिपुत्र और महामोदग्लायन के अस्थि-कलश पूजन के साथ शुरू हुआ। अस्थि-कलश पूजन के लिए श्रीलंका, जापान, भूटान, ताईवान, चीन तथा थाईलैण्ड सहित कई देशों से बड़ी संख्या मे आए बौद्ध अनुयायी पारंपरिक ढोल-नगाड़ों के साथ महाबोधि सोयायटी से स्तूप परिसर स्थित बुद्ध मंदिर पहुंचे।

स्तूप परिसर स्थित मंदिर में श्रीलंका महाबोधी सोसायटी के अध्यक्ष श्री वानगल उपतिस्स नायक थेरो तथा उनके शिष्यों द्वारा महात्मा बुद्ध के शिष्य महामोदग्लायन एवं सारिपुत्र की पवित्र अस्थियों की पूजा कर उसे दर्शनार्थ प्रस्तुत किया गया।

महोत्सव में संस्कृति विभाग द्वारा दो दिन तक भगवान बुद्ध पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाएंगे। महाबोधी महोत्सव में देश-विदेश से अलुयायियों का आना जारी है।

कार्यक्रम

महोत्सव के दूसरे दिन 26 नवम्बर को निर्देशक श्री अशोक जाम्बुलकर द्वारा भगवान बुद्ध की जीवन कथा पर आधारित नाट्य  अंगुलिमाल की प्रस्तुति ध्यान-धम्म बहु-उद्देशीय विकास संस्था नागपुर द्वारा दी जाएगी। 

इसके साथ ही अखिल भारतीय कवि सम्मेलन भी होगा। इसमें सर्वश्री डॉ. सुरेश अवस्थी-कानपुर, मदन मोहन समर-भोपाल, अतुल ज्वाला-इन्दौर, सुश्री प्रियंका राय-बनारस, सुश्री वैशाली शुक्ला-उज्जैन, पुष्पक देशमुख-बैतूल तथा कौशल सक्सेना-देवनगर शामिल होंगे। सांस्कृतिक कार्यक्रम शाम 7 बजे आयोजित किये जाएंगे।

मुख्य अतिथि

साँची महाबोधी महोत्सव में पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री सुरेन्द्र पटवा, उद्यानिकी एवं खाद्य प्र-संस्करण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री सूर्यप्रकाश मीणा, श्रीलंका के भारत में उच्चायुक्त श्रीमती चित्रांगे वागीसवर, मुख्य विहाराधिपति होसनजी मंदिर जापान के प्रतिनिधि श्री ताकाहाशि केन्सेई, शंघाई जिंगान मंदिर चीन की प्रतिनिधि डॉ सुश्री हाइयान शेन सहित वियतनाम संघ एवं उपासक प्रतिमंडल मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

 

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