Posted on 21 Dec, 2021 8:29 pm

राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा है कि दाँतों का जीवन में अत्यन्त महत्व है। दाँतों का संबंध स्वास्थ्य एवं सौन्दर्य से है। दाँतों की देखभाल और स्वास्थ्य के प्रति शहरों में जागरूकता तो दिखाई देती है, परंतु ग्रामीण क्षेत्रों में इसकी कमी परिलक्षित होती है। उन्होंने कहा कि दन्त चिकित्सा से जुड़े डॉक्टरों की अहम जिम्मेदारी बनती है कि वे ग्रामीण क्षेत्रों में शिविर लगाकर दाँतों के स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता लायें और उपचार करें।   राज्यपाल श्री पटेल आज इंदौर के शासकीय दन्त चिकित्सा महाविद्यालय के हीरक जयंती समारोह को सम्बोधित कर रहे थे।

महाविद्यालय के 60 वर्ष पूर्ण होने पर आयोजित समारोह की अध्यक्षता पूर्व लोकसभा अध्यक्ष श्रीमती सुमित्रा महाजन ने की। चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री विश्वास सारंग विशेष अतिथि के रूप में वर्चुअली शामिल हुए। कार्यक्रम में महाविद्यालय की स्वशासी समिति के अध्यक्ष तथा संभागायुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा, महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. देशराज जैन, हीरक जयंती आयोजन समिति की अध्यक्ष श्रीमती संध्या जैन भी मौजूद थे।

राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा कि यह गौरव का विषय है कि इस महाविद्यालय ने अपनी सफलता के 60 वर्ष पूर्ण किये हैं। दन्त चिकित्सा के क्षेत्र में महाविद्यालय का बड़ा योगदान है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में दन्त चिकित्सा सेवाओं का विस्तार बड़ी चुनौती है। इस चुनौती का सामना करने के लिये जरूरी है कि चिकित्सक गाँवों में शिविर लगाकर ग्रामीणों का उपचार करें और बच्चों तथा अन्य ग्रामीणों में जागरूकता भी लायें। राज्यपाल ने कहा कि जीने के लिये जितना जरूरी खाना है, खाने के लिये उतना ही जरूरी दाँतों का स्वस्थ होना भी है। दाँत स्वस्थ रहेंगे तो हम अच्छे से खाएंगे, अच्छे से खाएंगे तो शरीर भी हमेशा स्वस्थ रहेगा, शरीर स्वस्थ रहेगा तो मन भी स्वस्थ रहेगा।

राज्यपाल ने चिकित्सकों से कहा कि वे रोग की उत्पत्ति के कारणों का लगातार पता लगाते रहें। इसके लिये निरन्तर अध्ययन एवं शोध करें। चिकित्सकों की अहम जवाबदारी है कि वे मनुष्य को शारीरिक एवं मानसिक दोनों रूप से स्वस्थ रखें। अपने अनुभव और ज्ञान के माध्यम से लोगों को स्वस्थ रखें। सभी खुशहाल एवं स्वस्थ रहें, इसके लिये चिकित्सा क्षेत्र के हर विधा के चिकित्सक मिलकर प्रयास करें।

            पूर्व लोकसभा अध्यक्ष श्रीमती सुमित्रा महाजन ने कहा कि इंदौर का चिकित्सा सेवा के क्षेत्र में देश में विशेष स्थान है। चिकित्सा सेवा के क्षेत्र में इंदौर में अनेक उपलब्धियाँ हासिल की गई हैं। कोरोना महामारी की चुनौती का यहाँ प्रशासन और चिकित्सा जगत के लोगों ने मिलकर सफलता से सामना किया है। उन्होंने प्रशासन की सराहना करते हुए कहा कि सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल का कोरोना के बाद पुन: शुरू होना प्रशासन की संकल्पबद्धता का परिचय है। इंदौर के एमवाय अस्पताल में आधुनिक शव गृह भी बनाया गया है। यहाँ का प्रशासन सभी के सहयोग से संवेदनशील होकर बेहतर तरीके से कार्य कर रहा है।

महाविद्यालय की स्वशासी समिति के अध्यक्ष तथा संभागायुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा ने कहा कि इंदौर के शासकीय दन्त चिकित्सा महाविद्यालय के चिकित्सकों का कोरोना काल में बेहतर सहयोग रहा है। विषम परिस्थितियों में महाविद्यालय की टीम ने उल्लेखनीय कार्य किये हैं। ब्लैक फंगस के उपचार में भी इस महाविद्यालय के चिकित्सकों ने योगदान दिया है। ब्लैक फंगस में देश में सबसे कम मृत्यु दर इंदौर में रही है। उन्होंने बताया कि सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल को चरणबद्ध रूप से शुरू किया जा रहा है। वर्तमान में दो विषय कार्डियोलॉजी और नेफ्रोलॉजी का उपचार और ऑपरेशन किये जा रहे हैं। क्रमश: सभी रोगों का उपचार क्रमबद्ध रूप से शुरू किया जायेगा। दो-तीन माह में यह अस्पताल पूरी तरह से कार्य करने लगेगा। उन्होंने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए प्रशासन पूरी तरह तैयार है। सभी आवश्यक प्रबंध कर लिये गये हैं।

चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री विश्वास सारंग ने भी वर्चुअली रूप से सम्बोधित किया। प्राचार्य डॉ. देशराज जैन ने महाविद्यालय की 60 वर्षों की अध्ययन, अध्यापन एवं रिसर्च यात्रा का वृतान्त प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि इस महाविद्यालय ने अनेक प्रतिष्ठित दन्त चिकित्सक दिये हैं, जिन्होंने इंदौर का नाम प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश और विदेश में रोशन किया है। उन्होंने बताया कि महाविद्यालय में दाँतों के उपचार के लिये अनेक अत्याधुनिक सुविधाएँ उपलब्ध हैं। इस महाविद्यालय को उन्नत करने के लिये निरन्तर प्रयास किये जा रहे हैं। आगामी माहों में एमवाय हॉस्पिटल द्वारा ट्रामा सेंटर प्रारंभ किया जायेगा। कार्यक्रम में मुख्य अतिथियों को हीरक जयंती के संबंध में प्रकाशित स्मारिका भेंट की गई।

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश