Posted on 16 Feb, 2022 7:48 pm

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि भोपाल में बनने वाले ग्लोबल स्किल पार्क का नाम संत शिरोमणि रविदास जी महाराज के नाम पर रखा जाएगा। संत रविदास जी ने श्रम की महत्ता और समानता के भाव को स्थापित किया। ग्लोबल स्किल पार्क में भी युवा विभिन्न विधाओं में प्रशिक्षण प्राप्त कर आत्म-निर्भर होंगे। वहाँ श्रम की पूजा होगी, काम सीखने हजारों नौजवान आएंगे। इस संस्थान में युवा उन विधाओं में प्रशिक्षित होंगे, जिससे उन्हें तत्काल रोजगार मिल सकेगा। संत शिरोमणि रविदास जी के नाम पर इस पार्क का नामकरण करना उन्हें वास्तविक श्रद्धांजलि होगी। साथ ही युवाओं को रोजगार देने के‍लिए संत रविदास स्व-रोजगार योजना, डॉ. भीमराव अंबेडकर आर्थिक कल्याण योजना और मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति विशेष परियोजना वित्त पोषण योजना आरंभ की जाएगी। प्रदेश के प्रत्येक जिले के अनुसूचित जाति बहुल क्षेत्रों में संत रविदास सामुदायिक भवनों का निर्माण किया जाएगा। इससे सार्वजनिक कार्यक्रम व्यवस्थित हो सकेंगे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान संत रविदास जयंती पर संत रविदास मंदिर प्रांगण बरखेड़ा पठानी, भोपाल में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में निवास से वुर्चअली सम्मिलित हुए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने उपस्थित संतों का वुर्चअली स्वागत किया। कार्यक्रम में संत रविदास के भक्ति पद की प्रस्तुति हुई। जनजातीय कार्य और अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री सुश्री मीना सिंह, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी, पूर्व मंत्री श्री लाल सिंह आर्य, प्रदेश के अनुसूचित जाति मोर्चा के अध्यक्ष श्री कैलाश जाटव, विधायक श्रीमती कृष्णा गौर, संत सर्वश्री किशन दास जी महाराज, मंगल दास जी महाराज, रूपराम जी महाराज, सदाजप जी महाराज तथा अन्य जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोरोना से प्रभावित होने के कारण वे कार्यक्रम स्थल पर उपस्थित हो पाने में असमर्थ हैं। प्रदेश की प्रत्येक ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत और जिला मुख्यालय पर संत रविदास जयंती का कार्यक्रम आयोजित किया गया है। कार्यक्रमों में मंत्री, सांसद, विधायक भाग ले रहे हैं। यह कार्यक्रम हमारी श्रद्धा का विषय है। रविदास जी की वाणी सारगर्भित, अनूठी और प्रभावशाली थी। उन्होंने श्रम के महत्व, समानता, असहायों की सेवा के लिए जन-जन को प्रेरित किया।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी “सबका साथ-सबका विकास” के ध्येय को लेकर सशक्त, समृद्ध और सम्पन्न भारत के निर्माण में लगे हैं। इस दिशा में राज्य सरकार भी निरंतर सक्रिय है। संत रविदासजी ने कहा था "ऐसा चाहूँ राज मैं जहाँ मिले सबहूँ को अन्न, छोट-बड़ो सब सम बसे, रविदास रहे प्रसन्न"। संत जी की प्रेरणा से हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री श्री मोदी सभी वर्गों के कल्याण के लिए कार्यरत हैं। इसी क्रम में प्रदेश में अनुसूचित जाति वर्ग के युवाओं को रोजगार के लिए विशेष पहल की गई है। संत रविदास स्व-रोजगार योजना में अनुसूचित जाति वर्ग के युवाओं को मैन्युफेक्चरिंग इकाई की स्थापना के लिए एक लाख से 50 लाख रूपए तक की ऋण सहायता प्रदान की जाएगी। परियोजना के लिए 5 प्रतिशत की दर से ब्याज अनुदान दिया जाएगा। इसी प्रकार सर्विस सेक्टर और रिटेल ट्रेड के लिए भी योजना में एक लाख से 25 लाख तक ऋण की व्यवस्था होगी। योजना का संचालन मध्यप्रदेश राज्य सहकारी अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के माध्यम से किया जाएगा।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति विशेष परियोजना वित्त पोषण योजना में अनुसूचित जाति वर्ग के युवाओं को स्व-रोजगार, कौशल उन्नयन, संवर्धन और नवाचार के लिए दो करोड़ रूपए तक का अनुदान दिया जाएगा। अनुसूचित जाति वर्ग के हितग्राहियों के पूर्व से स्थापित सूक्ष्म, लघु और मध्यम श्रेणी के उद्योगों को कम लागत के उपकरण या कार्यशील पूँजी के लिए एक लाख रूपए तक का ऋण उपलब्ध कराने के उद्देश्य से डॉ. भीमराव अंबेडकर आर्थिक कल्याण योजना आरंभ की जा रही है। योजनाओं का संचालन मध्यप्रदेश राज्य सहकारी अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के माध्यम से किया जाएगा।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि संत रविदास जी अद्भुत संत थे। उनके संदेश गरीब कल्याण की प्रेरणा देते हैं। महान संत, तपस्वी, श्रम साधक, परोपकारी और दयालु संत रविदास जी भारत में जन्में और यह देश धन्य हो गया। संत रविदास जी ने कभी भी अपने द्वार से किसी को भूखा नहीं जाने दिया। राज्य सरकार भी दीनदयाल रसोई के माध्यम से गरीबों को भोजन उपलब्ध कराने का प्रयास कर रही है। "कोई भूखा न रहे" यह हमारा ध्येय वाक्य है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि दीनदयाल रसोई की गतिविधियों का प्रदेश में विस्तार किया जाएगा। प्रत्येक जरूरतमंद को अन्न से लेकर आवास तक मिलना सुनिश्चित हो, इसके लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि राज्य सरकार शिक्षा के क्षेत्र में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। शिक्षा के साथ रोजगार की भी आवश्यकता है। प्रदेश के जिन गरीब परिवारों के बच्चों का आई.आई.एम, इंजीनियरिंग, मेडिकल और उच्च शिक्षण संस्थानों तथा विदेशी यूनिवर्सिटी में एडमिशन होगा, उनकी फीस राज्य सरकार भरवाएगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि उज्जैन की कुमारी सोनम टैगोर ब्रिटेन से मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन कर रही है। इस बिटिया की 45 लाख 71 हजार रूपये की फीस राज्य सरकार ने भरी है। इसी प्रकार भोपाल के श्री निदित्त पवार ब्रिटेन से मास्टर ऑफ इंटनेशनल बिजनेस मैनेजमेंट कर रहे हैं, जिनकी 40 लाख रूपये से अधिक की फीस राज्य सरकार द्वारा दी जा रही है। महू, इंदौर के श्री पुष्कल मसानी आस्ट्रेलिया से मास्टर ऑफ प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कर रहे हैं, जिनकी 55 लाख 48 हजार रूपये की फीस राज्य सरकार ने भरी है। विद्यार्थी पढ़ाई करें, राज्य सरकार हर कदम पर उनके साथ है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि शासकीय सेवाओं में बैकलॉग के पद भरने का हरसंभव प्रयास किया जाएगा। अनुसूचित जाति के युवाओं को सेना और पुलिस में भर्ती के लिए आवश्यक प्रशिक्षण की व्यवस्था भी की जाएगी।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि विद्यार्थियों के लिए कन्या साक्षरता प्रोत्साहन योजना और सिविल सेवा परीक्षाओं के लिए निजी कोचिंग क्लासेस में कोचिंग की व्यवस्था है। महर्षि वाल्मिकी प्रोत्साहन योजना में आई.आई.टी., एन.आई.टी, नीट, क्लेट, एनडीए, एम्स की प्रतिस्पर्धात्मक परीक्षाओं में सफल होने पर राष्ट्रीय स्तर की संस्थाओं में प्रवेश लेने पर प्रोत्साहन राशि की व्यवस्था की गई है। प्रदेश में संचालित 10 ज्ञानोदय विद्यालय में कक्षा 10वीं का परिणाम 100 प्रतिशत रहा और 98.80 प्रतिशत विद्यार्थी प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण हुए। इसी प्रकार कक्षा 12वीं में भी परिणाम 100 प्रतिशत रहा और 98.20 प्रतिशत विद्यार्थी प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण हुए।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जात-पात, ऊँच-नीच, अगड़ा-पिछड़ा का भेद दूर करने के लिए संत रविदासजी, गुरूनानक जी, नामदेवजी जैसे संतों की परम्परा आयी, जिसने सनातन धर्म और भारतीय संस्कृति की रक्षा की और इसे आगे बढ़ाया। संत रविदासजी श्रम, सत्य और ईश्वर भक्ति में भरोसा रखते थे। उनके जीवन के तप, त्याग और तपस्या तथा जन-कल्याण की अनेक कहानियाँ हैं, जो आज भी मनुष्य को श्रेष्ठ जीवन जीने की प्रेरणा दे रही हैं। संत रविदास ने समाज को नाम, काम और सेवा का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि हरि का नाम जपा करो, श्रम से अपनी जीविका का उपार्जन करो और श्रम से जो प्राप्त हो, उसे ईश्वर और जरूरतमंद की सेवा में अर्पित कर दो। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि संत रविदासजी के आदर्शों के अनुरूप सरकार का संचालन करने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं।

जनजातीय कार्य एवं अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री सुश्री मीना सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री चौहान ने संत रविदास जयंती का कार्यक्रम वृहद स्वरूप में आयोजित करने की पहल की है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी सदैव अनुसूचित वर्गों के हितों के संरक्षण के ‍प्रति सजग रहते हैं और अनुसूचित वर्गों की बेहतरी के लिये पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं।

लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने कहा कि पहले भी संत रविदास जी की जयंती मनाई जाती थी, किन्तु मुख्यमंत्री श्री चौहान ने इसे व्यापक स्वरूप दिया। इस बार जिला मुख्यालयों तथा पंचायत स्तर पर भी संत रविदास जी की जयंती मनाई गई। यहाँ तक कि ग्राम्यांचल में भी संत रविदास जी की जयंती पूरे उत्साह से मनाई गई।

अनुसूचित मोर्चे के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री श्री लाल सिंह आर्य ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री चौहान के नेतृत्व में ग्राम से लेकर राज्य-स्तर तक इतने भव्य रूप में संत रविदास जी की जयंती को मनाया जा रहा है। संत रविदास जी की जयंती का इतना भव्य आयोजन एक ऐतिहासिक निर्णय है। उन्होंने कहा कि संत कबीर और संत वाल्मिकी की तरह अब संत रविदास जी का कुंभ आयोजित हो रहा है। श्री आर्य ने कहा कि मैहर में 3.5 करोड़ रूपये की लागत से संत रविदास जी का भव्य मंदिर बनाया गया है। सागर में भी 3 करोड़ रूपये राशि का स्मारक बनाया जा रहा है। केन्द्र सरकार भी देशभर में संत रविदासजी के सम्मान में मंदिर एवं स्मारक बनवा रही है।

विधायक श्रीमती कृष्णा गौर ने कहा कि संत रविदास जी ने सामाजिक समता और समरसता का इतिहास रचा। उन्होंने गरीब, महिलाओं, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति सबको समानता के साथ आगे बढ़ाया। श्रीमती गौर ने मुख्यमंत्री श्री चौहान से माँग की कि बरखेड़ा स्थित संत रविदास जी के मंदिर को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाए और संत रविदास जी के आदर्श और सीख को स्कूलों के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए।

संत रविदास जी के चित्र पर माल्यार्पण एवं पूजन किया गया। पूरे प्रदेश से आए संतों को माला पहनाकर एवं शाल और श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया गया। अरूण गोयल एवं मंडली ने संत रविदास जी के सुमधुर भजन गाकर श्रोताओं को आत्म-विभोर किया। अनुसूचित जाति वर्ग के प्रशिक्षणार्थियों के कौशल उन्नयन के लिये स्वीकृति-पत्र वितरित किये गये। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित थे।

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साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश