Posted on 21 Nov, 2017 10:35 am

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि भावांतर भुगतान योजना किसानों के हित संरक्षण की अद्भुत योजना है। इस पर पूरे देश की निगाहें हैं। उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिये हैं कि किसानों की उपज के भावांतर की सही राशि किसानों के खातों में पहुंचाना सुनिश्चित करें। इस योजना के अंतर्गत पहला भुगतान एक लाख 35 हजार से ज्यादा किसानों को 22 नवम्बर को एक साथ होगा।

मुख्यमंत्री श्री चौहान आज मंत्रालय में वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिला कलेक्टरों से भावांतर भुगतान योजना के संबंध में विस्तृत चर्चा कर रहे थे। इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री बी.पी. सिंह सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से स्पष्ट कहा कि पूरी सतर्कता के साथ भावांतर भुगतान की सभी औपचारिकताएं समय पर पूरी कर ली जायें ताकि किसानों को उनकी उपज की सही राशि का समय पर भुगतान मिल सके। इसमें किसी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं की जायेगी। जिन किसानों ने इस योजना के अंतर्गत 16 अक्टूबर से 31 अक्टूबर के बीच अपनी उपज बेची है, उन्हें 22 नवम्बर को उनके खातों में सीधे भुगतान होगा। उन्होंने कहा कि जो किसान पंजीयन नहीं करा पाये थे, उन्हें 15 से 22 नवम्बर तक पंजीयन की सुविधा दी गई है।

श्री चौहान ने होशंगाबाद, हरदा, भोपाल, देवास, सीहोर एवं नरसिंहपुर जिले में उड़द के कम भाव आने पर कलेक्टरों से कहा कि वे कृषि उपज मण्डियों का भ्रमण कर इसका जायजा लें। आवश्यक होने पर बोली निरस्त करें, जिससे किसानों को उनकी उपज का वाजिब दाम मिलना सुनिश्चित हो। उन्होंने पोर्टल पर जानकारी अपलोड और सत्यापन करने के निर्देश दिये ताकि समय पर भुगतान किया जा सके। श्री चौहान ने खरीफ फसल की बीमा राशि किसानों को मिलना सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि इसमें कोई कमी नहीं रहे। यह योजना किसानों के लिये संजीवनी की भांति है। इसके अंतर्गत लगभग आठ हजार करोड़ रूपये किसानों को भुगतान होगा।

प्रमुख सचिव कृषि डॉ. राजेश राजौरा ने बताया गया कि भावांतर भुगतान योजना क्रियान्वित होने से मण्डियों में आवक बढ़ी है। साथ ही अन्य प्रदेशों से मध्यप्रदेश के किसानों को उनकी उपज का ज्यादा दाम भी मिल रहा है। खरीदी की पूरी चाक-चौबंद व्यवस्थाएं की गई हैं। सभी मण्डियों में मॉडल रेट भी प्रदर्शित किये गये हैं। बैठक में कृषि उत्पादन आयुक्त श्री पी.सी. मीना एवं अन्य अधिकारीगण भी उपस्थित थे।

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

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