Posted on 04 Jun, 2020 6:12 pm

राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (म.प्र.) के अंतर्गत ग्रामीण अंचल में स्व-सहायता समूहों के माध्यम से बड़ी संख्या में महिलाओं को रोजगार-मूलक गतिविधियों से जोड़ा गया है। वर्तमान में प्रदेश में 2 लाख 87 हजार से अधिक स्व-सहायता समूहों से 32 लाख 27 हजार महिलाऐं सदस्य के रूप में जुड़ी है। महिलाओं के इन समूहों को विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाते हुए, उनके द्वारा तैयार सामग्री के विक्रय के लिये बाजार भी उपलब्ध करवाया जा रहा हैं। महिला स्व-सहायता समूह की 652 शिक्षित महिलाएं बैंक-सखी के रूप में भी कार्य कर रही हैं। 

अपर मुख्य सचिव ग्रामीण विकास विभाग श्री मनोज श्रीवास्तव ने बताया कि बताया कि ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत गठित महिला स्व- सहायता समूह की शिक्षित महिलाओं को बैंक प्रणाली से जोड़ा गया। ऐसी शिक्षित महिलाओं को जरूरी प्रशिक्षण दिया जाकर उन्हें बैंक सखी के रूप में पहचान दी गई। इन सभी बैंक सखियों ने इस दिशा में भी महिला सशक्तीकरण का बेजोड़ उदाहरण प्रस्तुत कर यह साबित कर दिया कि महिलाएं किसी से कम नहीं हैं। ग्रामीणों द्वारा अपनी छोटी-छोटी बचत कर बैंक में जमा करने और समय-समय पर आवश्यकता पड़ने पर बैंक से अपनी बचत राशि निकाली जाती है। कोरोना संक्रमण के चलते अपनी बचत राशि की आवश्यकता होने और बैंक तक न पंहुचने की स्थिति में बैंक-सखियां की मदद से ग्रामीणों को बैंक में जमा रशि आसानी से अपने घर बैठे ही मिल गई। लॉकडाउन अवधि में 652 बैंक-सखियों द्वारा बैंक खातेदारों के साथ 3 लाख 42 हजार बैंक ट्रांसजेक्शन किये गये। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में 62 करोड़ 23 लाख रूपये की राशि संबंधित खातेदारों तक पहुँची।

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश