Posted on 12 Nov, 2024 6:21 pm

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में विद्यार्थियों के 21वीं शताब्दी के कौशल उन्नयन पर जोर दिया गया है। इसके लिये प्रदेश के सरकारी हाई स्कूल और हायर सेकेण्ड्री स्कूलों में प्रति सप्ताह शनिवार को बाल सभा में कन्टीन्यूअस एण्ड कम्प्रेंसिव लर्निंग एण्ड एवोल्युशन (सीसीएलई) प्रोग्राम को समाहित किया गया है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थी आनंदमयी वातावरण में शिक्षा प्राप्त कर सक्रिय नागरिक के रूप में राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका निवर्हन कर सकें।

सीसीएलई कार्यक्रम में स्कूलों में सतत् और व्यापक शिक्षा के माध्यम से पूरे वर्ष विभिन्न सह शैक्षिक और सह पाठ्यक्रम पर केन्द्रित कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। पिछले वर्ष स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा प्रदेशभर के 600 शिक्षकों को प्रशिक्षित किया गया। मास्टर ट्रेनर के रूप में प्रशिक्षित शिक्षकों ने प्रत्येक जिले में चयनित 2 शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया गया। इस प्रकार प्रदेश में करीब 14 हजार 250 शिक्षकों को प्रशिक्षित किया गया। विद्यार्थियों की गतिविधियों पर आंतरिक मूल्यांकन का अधिभार भी सुनिश्चित किया गया है। बालसभा कालखंड में शिक्षक और विद्यार्थी दोनों ही एक आनंदपूर्ण वातावरण में शिक्षण गतिविधियों में भाग ले रहे हैं। इससे विद्यार्थियों को सुनने, बोलने, पढ़ने एवं लिखने की योग्यताएं प्राप्त होती हैं।

कौशल के अंतर्गत गतिविधियां

बाल सभा कालखंड में विद्यार्थियों से निंबध लेखन, समाचार पत्र लेखन, कहानी, कविता, नाट्य लेखन और वार्षिक पत्रिका का निर्माण कराया जा रहा है। इसके साथ ही वाद-विवाद, कहानी, कविता वाचन, साक्षात्कार अभ्यास, तार्किक क्षमता, आकृति परीक्षण, संगीत, नृत्य, चित्रकला, क्रॉफ्ट, मूर्तिकला जैसी गतिविधियां प्रमुखता से कराई जा रही हैं। इन गतिविधियों में शामिल विद्यार्थियों को उनकी उपस्थिति के आधार पर अंक भी दिये जाने का प्रावधान भी रखा गया है। वर्ष के कैलेण्डर के अनुसार, जो विषय तय किये गये हैं, उनमें स्वास्थ्य, ट्रेफिक नियम, स्वस्थ दिनचर्या, योग, खेल एवं आहार प्रमुख हैं। इसी के साथ गौरवमयी भारत विषय में भारतीय इतिहास, महान विभुतियों के ग्रंथ, भारत के स्वतंत्रता संग्राम को शामिल किया गया है। प्रखर भारत थीम में भारतीय विज्ञान, पर्यावरण, आपदा प्रबंधन और वैज्ञानिक दृष्टिकोण को शामिल किया गया है। विद्यार्थियों को बाल सभा में संविधान के प्रावधान, संसदीय प्रणाली, राष्ट्रीय प्रतीक, पंचायती राज और नागरिकों के संवैधानिक अधिकार के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी जा रही है।

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश