Posted on 29 Nov, 2017 4:18 pm

कहानियाँ बच्चों और शिक्षकों के बीच परस्पर व्यवहार स्थापित करने में सेतु का कार्य करती हैं। कहानियों की मदद से शिक्षक बच्चों के दिलों के माध्यम से उनके दिमाग तक सहजता से पहुँच सकते हैं। तकनीकी शिक्षा (स्वतंत्र प्रभार), स्कूल शिक्षा एवं श्रम राज्य मंत्री श्री दीपक जोशी ने प्रगत शैक्षिक संस्थान में दो दिवसीय राज्य स्तरीय कहानी उत्सव का शुभारंभ करते हुए कहा कि मैंने अपने स्कूल के समय में कहानियों के माध्यम से गुरु को बच्चों का मित्र बनते देखा है।

श्री जोशी ने अपने स्कूल काल के संस्मरण सुनाते हुए प्रेमचन्द, गुलेली, सुदर्शन और श्री गिजू भाई जैसे कहानीकारों की अनेक रचनाओं का उल्लेख किया। उन्होंने कहानी कहने वाले बच्चों और शिक्षकों को पुस्तकें भेंट कर सम्मानित किया। उत्सव में प्रदेश के चयनित 51 बच्चे और 51 शिक्षक सहभागिता कर रहे हैं।

स्कूलों में कक्षा शिक्षण को रोचक बनाने के लिये शाला स्तर से राज्य स्तर तक कहानी उत्सव आयोजित किया जा रहा है। सबसे पहले 3 अगस्त को श्री मैथिलीशरण गुप्त जयंती पर 1 लाख 14 हजार स्कूलों में शाला स्तर पर कहानी प्रतियोगिता करवाई गई। इस प्रतियोगिता में प्रथम आने वाले विद्यार्थी और शिक्षक 16 अगस्त को सुश्री सुभद्रा कुमारी चौहान के जन्म दिन पर जनशिक्षा केन्द्र स्तर पर कहानी प्रतियोगिता में शामिल हुए। हिन्दी दिवस पर 14 अगस्त को विकासखंड स्तरीय और मुंशी प्रेमचन्द्र की पुण्य-तिथि 8 अक्टूबर को जिला स्तरीय कहानी उत्सव हुआ। इसी क्रम में शिक्षाविद और बाल कहानीकार श्री गिजू भाई की जयंती पर राज्य स्तरीय कहानी उत्सव किया जा रहा है।

कहानी शिक्षण के महत्व को देखते हुए राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा कक्षा-1 एवं 2 में शिक्षण के पूर्व कक्षा का प्रारंभ रोचक कहानी के साथ करने के निर्देश दिये गये हैं। कहानी उत्सव में शामिल बच्चों को आंचलिक विज्ञान केन्द्र का भ्रमण भी करवाया जाएगा। विगत शैक्षिणक सत्र में राज्य स्तरीय कहानी उत्सव के विजेता रहे प्रथम 5 बच्चों को हैदराबाद में आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय बाल फिल्म महोत्सव ' गोल्डन एलीफेंट' में सहभागिता का भी मौका मिला। इस दौरान संचालक राज्य शिक्षा केन्द्र श्री लोकेश कुमार जाटव एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

Recent