Posted on 06 Sep, 2024 4:02 pm

राज्य सरकार द्वारा भोपाल गैस पीड़ितों और उनके बच्चों को आयुष्मान ‘निरामयम’ मध्यप्रदेश योजना का लाभ दिया जा रहा है। इसके तहत गैस पीड़ितों एवं उनके बच्चों के आयुष्मान कार्ड बनाये जा रहे हैं। अब तक 17 हजार 423 से अधिक गैस पीड़ितों के आयुष्मान कार्ड बनाये जा चुके हैं। यह कार्य गैस पीड़ित मरीजों एवं उनके बच्चों को भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास विभाग के अधीन संचालित 6 अस्पतालों एवं 9 औषधालयों में सभी प्रकार की उपचार सुविधाएँ निःशुल्क दी जा रही हैं। साथ ही आयुष्मान भारत ‘निरामयम’ मध्यप्रदेश योजना के अंतर्गत प्रदेश के सभी अनुबंधित अस्पतालों में भी गैस पीड़ितों को उपचार सुविधाएँ उपलब्ध कराई जा रही हैं। विशेष प्रकरणों में इस योजना में निर्धारित पैकेज के अतिरिक्त इलाज पर खर्च होने पर संबंधित अस्पताल को उसकी प्रतिपूर्ति गैस राहत विभाग द्वारा की जाती है। गैस पीड़ित मरीज एवं उनके बच्चों को किडनी, लीवर ट्रॉन्सप्लांट एवं अन्य प्रकार की गंभीर बीमारियों के उपचार के लिये विशेष प्रकरण मानते हुए मरीजों को आवश्यकतानुसार इलाज की सुविधा दी जा रही है।

भोपाल गैस पीड़ित मरीजों एवं उनके बच्चों को कैंसर के उपचार के लिये गैस राहत विभाग द्वारा तीन निजी अस्पतालों एवं एम्स भोपाल के साथ अनुबंध भी किया गया है। यहाँ पीड़ितों को कैंसर के उपचार की नि:शुल्क सुविधा दी जा रही है।

गैस राहत विभाग के अधीन संचालित सभी अस्पतालों में गैस पीड़ित मरीजों एवं उनके बच्चों के उपचार के लिये अत्याधुनिक इमरजेंसी यूनिट सातों दिन 24 घंटे संचालित की जा रही हैं। गैस पीड़ित मरीजों एवं उनके बच्चों के किडनी रोग (सी.के.डी.- IV) व अतिगंभीर मरीजों के उपचार के लिये कमला नेहरू अस्पताल, भोपाल में डायलिसिस यूनिट की स्थापना भी की गई है। इसमें 13 डायलिसिस मशीनें लगाकर मरीजों का निःशुल्क उपचार किया जा रहा है।

गैस पीड़ित विधवाओं (कल्याणी), (जिनको राज्य शासन द्वारा सामाजिक सुरक्षा पेंशन कार्यक्रम के अंतर्गत सामाजिक सुरक्षा पेंशन मिलती हैं), को इस पेंशन राशि के अलावा गैस राहत विभाग द्वारा एक हजार रूपये प्रतिमाह अतिरिक्त पेंशन दी जा रही है। वर्तमान में 4 हजार 406 गैस पीड़ित विधवाओं (कल्याणियों) को यह पेंशन दी जा रही है।

भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुर्नवास विभाग द्वारा यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री परिसर, भोपाल में 337 मीट्रिक टन अपशिष्ट पदार्थों के विनिष्टीकरण के लिये निविदा की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। सफल निविदाकार मेसर्स पीथमपुर इंडस्ट्रियल वेस्ट मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड के साथ अनुबंध भी कर लिया गया है। विभाग द्वारा फैक्ट्री परिसर में स्थित अपशिष्ट पदार्थों के विनिष्टीकरण की कार्यवाही समयबद्ध कार्ययोजना के अनुसार की जा रही है।

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

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