Posted on 17 Dec, 2020 4:30 pm

चम्बल प्रोग्रेस-वे और नर्मदा एक्सप्रेस-वे की निकटता वाले क्षेत्र विश्वस्तरीय औद्योगिक कोरीडोर के रूप में विकसित होंगे

औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री श्री राजवर्धन सिंह ने कहा है कि आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के रोडमेप-2023 के अंतर्गत प्रदेश में विश्वस्तरीय औद्योगिक अधोसंरचना के विकास तथा मध्यप्रदेश को सबसे पसंदीदा व्यापार स्थल के रूप में स्थापित करने का लक्ष्य है। इसी दिशा में चम्बल प्रोग्रेस-वे और नर्मदा एक्सप्रेस-वे की निकटता वाले क्षेत्रों में विशेष रूप से एमएसएमई के लिये विश्वस्तरीय औद्योगिक कोरीडोर के रूप में विकसित किये जाने की योजना है इसके लिये 2000 एकड़ भूमि पार्सल में 5 औद्योगिक नोड्स में विकसित की जाएगी। उन्होंने कहा कि इन प्रयासों से प्रदेश में लगभग एक हजार करोड़ के निवेश को आकर्षित किया जा सकेगा जो अगले पाँच वर्षों में लगभग 20 हजार प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा करेगा।

मंत्री श्री दत्तीगाँव ने कहा कि आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश रोडमैप के तहत प्रत्येक जिले के लिये एक औद्योगिक/ पारम्परिक उपज की पहचान की जा रही है। उन्होने कहा कि चिन्हित उत्पादन को बढ़ावा देने के लिये योजनाएँ तैयार की जायेगी और उन्हें क्रियान्वित किया जायेगा। उन्होंने कहा कि इन औद्योगिक उत्पादनों की देशव्यापी ब्राँडिंग भी की जायेगी। रक्षा क्षेत्र, उत्पादन, रासायनिक उद्योग, चमड़े एवं गैर चमड़ा उद्योग, बैट्री भंडारण, परिधान और वस्त्र आदि के लिये अगले वर्षों में नये औद्योगिक कलस्टर को चिन्हित कर विकसित किया जायेगा।

मंत्री श्री दत्तीगाँव ने कहा कि प्रदेश में औद्योगिक निवेश को आकर्षित करने के लिये कई ठोस कदम उठाये गये हैं। जिनमें सबसे महत्वपूर्ण कदम के रूप में 30 दिवस में व्यवसाय शुरू करने के लिये विभिन्न प्रक्रियाओं का सरलीकरण किया गया है तथा ऑनलाइन व्यवस्था लागू की गई है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा उठाये गये इन्हीं प्रयासों के कारण राज्य व्यवसाय सुधार कार्य-योजना वर्ष 2019 की मध्यप्रदेश को 'ईज ऑफ डूईंग बिजनेस' वाले राज्यों की सूची में चौथी रैकिंग प्रदान की गई है।

मंत्री श्री दत्तीगाँव ने कहा कि प्रदेश में उद्योगों की स्थापना हेतु भूमि उपलब्धता, नर्मदा जल की उपलब्धता, विद्युत अधिशेष, लगभग नगण्य श्रम अशांति घटनाएँ, प्रख्यात कौशल संस्थाओं की उपस्थिति एवं बेहतरीन अधोसंरचना की उपलब्धता के कारण मध्यप्रदेश में भारत के मैन्युफैक्चरिंग हब बनने की अपार संभावनाएँ हैं। मध्यप्रदेश ऑटो सेक्टर, खाद्य प्रसंस्करण, कपड़ा एवं परिधान, रक्षा क्षेत्र, लॉजिस्टिक और भंडारण उद्योगों के लिये उपयुक्त है।

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

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