Posted on 12 Dec, 2017 5:30 pm

भोपाल : मंगलवार, दिसम्बर 12, 2017
 

खण्डवा में कभी कपड़े की दुकान पर 3 हजार रूपये महीने की नौकरी करने वाला राजेश आज अन्त्यावसायी सहकारी विकास समिति द्वारा संचालित स्वरोजगार योजना की मदद से खण्डवा शहर के बुधवारा बाजार में साड़ी की दुकान का मालिक बन गया है। लगभग 20 से 25 हजार रूपये महीने आसानी से कमाकर अपने परिवार का बेहतर तरीके से पालन-पोषण भी कर रहा है। 

राजेश के पिता दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी थे। आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी। पढ़ाई लिखाई भी बहुत अच्छी नहीं हुई। नौकरी भी नहीं लगी। पूंजी के अभाव में बड़ा धंधा कर नहीं सकता था। कपड़े की एक दुकान पर 100 रूपये रोज में नौकरी कर ली। कुछ दिन कपड़े की दुकान पर नौकरी कर कपड़े के व्यवसाय के बारे में काफी कुछ सीख गया। दुकान का किराया देने के लिए उसके पास पूंजी नहीं थी। इसलिये पहले कुछ दिन खुद की दुकान नहीं खोली बल्कि साईकिल पर और बाद में मोटरसाईकिल पर गांव-गांव जाकर साड़ी बेचने का काम शुरू किया। इस व्यवसाय में दिनभर घर से बाहर रहना तथा रात में थककर घर वापस आना रोज का काम हो गया था।  

एक दिन राजेश ने अन्त्यावसायी सहकारी विकास समिति के कार्यालय में जाकर व्यवसाय में मदद के बारे में पूछताछ की। जानकारी मिलने पर स्व-रोजगार में मदद के लिये आवेदन दिया। आवेदन स्वीकृत हुआ और 50 हजार रूपये की मदद मिल गई। राजेश को इस मदद में से केवल 40 हजार रूपये ही चुकाना थे क्योंकि 10 हजार रूपये की अनुदान सहायता उसे स्वीकृत हुई थी। यह राशि 5 वर्ष में चुकाना थी। राजेश ने मन लगाकर व्यवसाय किया और सब जरूरी खर्चे निकालकर मात्र 3 वर्ष में ही पूरा कर्जा चुका दिया। आज वह खण्डवा के मुख्य बाजार में अपनी दुकान बेहतर तरीके से चला रहा है।

 सफलता की कहानी (खण्डवा)

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

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