Posted on 08 May, 2020 9:09 pm

नोवल कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए लगे लाॅकडाउन में जिले की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा पूरक पोषण आहार कार्यक्रम के तहत बच्चों, किशोरी बालिकाओं, गर्भवती एवं शिशुवती माताओं के घर-घर पहुंचकर सूखा राशन और रेडी-टू-ईट फूड वितरित किया जा रहा है। इससे जिले के 52 हजार से बच्चे लाभान्वित हो रहे हैं। जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग श्री एम.डी.नायक से मिली जानकारी के मुताबिक जिले के पांच एकीकृत बाल विकास परियोजना के तहत आने वाली आंगनबाड़ियों की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा रेडी-टू-ईट फुड घर-घर पहुंचाया जा रहा है। इससे 06 माह से 36 माह तक के 30081 और 36 माह से 72 माह के 21994 बच्चे तथा 5686 गर्भवती माता, 6150 शिशुवती माताएं और 59 किशोरी बालिका लाभान्वित हो रहीं हैं।  

इसी तरह कार्यकर्ताओं द्वारा मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत सूखा राशन में गरम भोजन के खाद्य सामग्री वितरित किए जा रहे हैं, जिससे कुपोषित बच्चों को सुपोषित करते में मदद मिल रही है। इसमें दाल, चावल, आटा, सोयाबीन बड़ी, लड्डू और रेडी-टू-ईट फुड का पैकेट शामिल है। इस दौरान आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए किए जाने वाले सुरक्षात्मक उपाय की जानकारी भी लोगों को दी जा रही है। इसमें सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क का उपयोग, साबून अथवा हैण्डवाॅश से बार-बार हाथ धोने और सेनेटाइजर का उपयोग करने की सलाह शामिल है। जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि सूखा राशन वितरण के समय भी सोशल डिस्टेंसिंग का कड़ाई से पालन करने कार्यकर्ताओं को निर्देशित किया गया है। इसके अलावा बच्चों को ’चकमक’ अभियान के तहत वीडियो दिखाने, अभिभावकों के स्मार्ट फोन में मैसेज फाॅरवर्ड, साप्ताहिक कैलेण्डर के अनुसार बच्चों से विभिन्न गतिविधियां, अभिनय गीत, पेंटिंग इत्यादि गतिविधियां भी कराई जा रही हैं।

साभार – जनसम्पर्क विभाग छत्तीसगढ़