Posted on 20 May, 2022 7:40 pm

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि ग्रीष्म ऋतु में पेयजल का सर्वाधिक संकट रहता है। शहरी और ग्रामीण क्षेत्र से पेयजल समस्या की जानकारी प्राप्त होते ही त्वरित कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। नल-जल योजना के संचालन की वास्तविक स्थिति का जन-प्रतिनिधि भी नियमित अवलोकन करें और इनके संधारण में हर-संभव सहयोग प्रदान करें। पेयजल आपूर्ति में यदि कोई तकनीकी समस्या आ रही हो, तो उसका तत्काल निराकरण किया जाए। मुख्यमंत्री श्री चौहान प्रात: 6:30 बजे सीधी जिले की विकास और जन-कल्याणकारी योजनाओं की निवास कार्यालय से वर्चुअली समीक्षा कर रहे थे।

जनजातीय कार्य तथा अनुसूचित कल्याण मंत्री और सीधी जिले की प्रभारी सुश्री मीना सिंह भी उमरिया से वर्चुअली सम्मिलित हुई। सीधी कलेक्टर श्री मुजीबुर्रहमान खान तथा अन्य अधिकारी भी वर्चुअली जुड़े। बैठक में जानकारी दी गई कि सीधी जिले के 21 हजार हेण्डपम्पों के संधारण और संचालन की निगरानी कॉल-सेंटर से की जा रही है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास आवंटन की जानकारी संबंधित हितग्राहियों को उनकी ओर से जारी पत्र से दी जाए। यह जन-सामान्य से संवाद और सम्पर्क में बने रहने का प्रभावी माध्यम है। साथ ही प्रधानमंत्री आवास योजना में नाम सम्मिलित होने की जानकारी सीधे पत्र से प्राप्त होने से भ्रष्टाचार की संभावनाएँ भी कम होती हैं। यह व्यवस्था योजना क्रियान्वयन में पारदर्शिता और गुणवत्ता को सुधारेगी। बैठक में जानकारी दी गई कि सीधी जिले में प्रधानमंत्री आवास शहरी 45 प्रतिशत और ग्रामीण 72 प्रतिशत पूर्ण हो गए हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने योजना के कार्य शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने समीक्षा में राशन वितरण में विलम्ब की जानकारी प्राप्त होने पर नाराजगी व्यक्त की।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि अमृत सरोवरों के निर्माण में सौंदर्यीकरण का ध्यान भी रखा जाए। जिला चिकित्सालय को आदर्श बनाने के निर्देश भी दिए गए। उन्होंने "एक जिला-एक उत्पाद" योजना में सीधी कार्पेट की मार्केटिंग "सीधी ब्रांड" के नाम से करने और आँगनवाड़ियों के संचालन में जन-भागीदारी को प्रोत्साहित करने के निर्देश भी दिए। बैठक में सीधी में विद्यार्थियों को आईआईटी और नीट परीक्षा की कोचिंग के लिए एल.एन. इन्स्टीट्यूट कोटा के साथ आरंभ किए गए नवाचार की जानकारी दी गई।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि महिला स्व-सहायता समूहों की गतिविधियों को प्रोत्साहित कर बहनों की आय प्रतिमाह 10 हजार रूपए सुनिश्चित की जाए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने सीएम हेल्प लाइन के प्रकरणों में त्वरित कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश देते हुए कहा कि यह सुशासन और न्याय देने का प्रभावी माध्यम है।

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश