Posted on 20 Oct, 2017 6:45 pm

 

भोपाल की बरखेड़ा निवासी ज्योति खरे एवं जानकी की बेटियाँ लाड़ली लक्ष्मी योजना के सहारे अब अच्छे स्कूल में पढ़ रही हैं। ज्योति विधवा है और जानकी दृष्टिहीन है। दोनों की दो-दो बेटियाँ हैं।

ज्योति आर्थिक तंगी और दो बेटी की पढ़ाई का खर्चा वहन करने में असमर्थ थी। एक दिन उसकी मुलाकात आँगनबाड़ी महिला कार्यकर्ता से हुई तो उसने समझाया कि परिवार नियोजन करा लो, तो बेटियों को लाड़ली लक्ष्मी योजना का लाभ मिल जायेगा। ज्योति को यह बात समझ में आई, पर इसी बीच उसके पति का असमायिक निधन होने से वह असहाय हो गई। ज्योति ने फिर भी हिम्मत नहीं हारी और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की मदद से माता/पिता की मृत्यु होने पर परिवार नियोजन की शर्त से छूट देने की माँग की। सरकार ने लाड़ली लक्ष्मी योजना के नियमों में संशोधन किया। अब ज्योति की दोनों बेटी अच्छे स्कूल में पढ़ाई कर रही हैं। सरकार पढ़ाई करवा रही है।

जानकी दृष्टिहीन है। प्रकृति की मार ऊपर से आर्थिक तंगी और दो बेटी की पढ़ाई-लिखाई। जानकी बहुत मजबूर थी फिर भी उसने हिम्मत नहीं हारी। नजदीक के  आँगन बाड़ी केन्द्र में दीदी शादाब से मिली तो उन्होंने उसे लाड़ली लक्ष्मी योजना के बारे में बताया और सुझाव दिया कि वह परिवार नियोजन करवा ले तो उसकी बेटियों को इस योजना का लाभ मिलने लगेगा। जानकी ने परिवार नियोजन करा लिया है। अब उसकी बेटियों को  लाड़ली लक्ष्मी योजना का लाभ मिलने लगा है। ज्योति और जानकी अपनी बेटियों को पढ़ा-लिखाकर उनका जीवन सँवारने में व्यस्त हैं।

सफलता की कहानी (भोपाल)

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

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