Posted on 26 Jun, 2020 3:06 pm

कोरोना संकट के दौरान आगॅनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका की संवेदनशीलता और सतत निगरानी ने कुपोषित बादशाह को पूर्णत: स्वस्थ कर दिया है।

शिवपुरी जिले के सिद्देश्वर टेकरी पर रहने वाले रमेश बाथम और रूक्मणी के चार माह का बेटा बादशाह जन्म के समय से ही कुपोषित था। आगॅनवाड़ी कार्यकर्ता श्रीमती वंदना भार्गव बताती है कि धात्री रूक्मणी को प्रतिमाह पोषण आहार दिया जाता था। इसके बावजूद बच्चे की स्थिति अत्यंत खराब रहती थी। आशा कार्यकर्ता, पर्यवेक्षक और कार्यकर्ता ने बादशाह के माता-पिता को उसके इलाज की समझाईश दी, लेकिन वे तैयार नहीं होते थे। बच्चे के वजन कराने में भी बड़ी मुश्किल से सहमत होते थे। अप्रैल माह में बादशाह को एन.आर.सी. में भर्ती कराया गया लेकिन उसकी माँ जबरदस्ती बच्चे को घर ले आई। बच्चें को समूचित उपचारित करने के लिये स्वास्थ्य अधिकारी और स्थानीय पुलिस प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद बादशाह को एस.एन.सी.यू. में भर्ती कराया गया। जहां 24 घंटे बच्चे को चिकित्सीय देख-रेख में रखा गया। कोविड-19 के दौरान आगॅनवाड़ी कार्यकर्ता एवं पर्यवेक्षक निरंतर चिकित्सालय जाकर देख-रेख करती और बच्चे एवं माँ को उनकी आवश्यकतानुसार जरूरी वस्तुएं निरंतर उपलब्ध कराती रही।

श्रीमती भार्गव बताती है कि चिकित्सालय में भर्ती करते समय पाँच माह के बादशाह का वजन मात्र 2.1 कि.ग्रा. था। आज उसका वजन 3.8 कि.ग्रा. हो गया है। अब नन्हा बादशाह कुपोषित बच्चे की श्रेणी से बाहर आ गया है।

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

Recent