Posted on 13 Aug, 2019 6:49 pm

प्रदेश के विद्यालयों में संचालित अध्ययन केन्द्रों का संचालन अब उच्च शिक्षा विभाग द्वारा किया जायेगा। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (मुक्त और दूरस्थ माध्यमों से शिक्षा प्राप्ति) विनियम-2017 के अनुपालन में अध्ययन केन्द्र विद्यालयों से महाविद्यालयों में स्थानांतरित कर दिये गये हैं। इस संबंध में आज उच्च शिक्षा मंत्री श्री जीतू पटवारी की उपस्थिति में म.प्र. भोज (मुक्त) विश्वविद्यालय एवं 186 महाविद्यालय के मध्य अनुबंध हुआ।

उच्च शिक्षा मंत्री श्री जीतू पटवारी ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण, अफोर्डेबल और दूरस्थ शिक्षा की ओर यह नवाचार एक सार्थक पहल है। आज प्रदेश में ग्रॉस इनरोलमेंट रेशियो तमिलनाडु के मुकाबले काफी कम है, यह एक चुनौती है। उन्होंने कहा कि इंदिरा गाँधी मुक्त विश्वविद्यालय की तर्ज पर अब भोज विश्वविद्यालय भी उन विद्यार्थियों और कामकाजी लोगों तक उच्च शिक्षा पहुँचाने में सफल होगा, जो किसी कारणवश अपनी पढ़ाई छोड़ चुके हैं। श्री पटवारी ने कहा कि ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम से कोई भी, कहीं भी और किसी भी समय गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त कर सकता है। इस प्रयास से हम शिक्षा से वंचित आदिवासी क्षेत्रों के विद्यार्थियों को भी उच्च शिक्षा से जोड़ सकते हैं।

नॉलेज कमीशन का गठन

मंत्री श्री पटवारी ने जानकारी दी कि प्रदेश में रोजगार के अवसर बढ़ाने विद्यार्थियों को कम्प्यूटर, व्यक्तित्व विकास, अंग्रेजी भाषा आदि में विशेष तैयारी एवं प्रशिक्षण की व्यवस्था के लिये नॉलेज कमीशन का गठन किया जा रहा है। इसके माध्यम से उद्योग एवं व्यापार जगत की माँग के अनुसार विद्यार्थी तैयार हो सकेंगे।

उत्कृष्टता संस्थान खोले जायेंगे

उच्च शिक्षा मंत्री ने बताया कि भोपाल में स्थापित उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान की तर्ज पर प्रदेश में इंदौर, उज्जैन, छिन्दवाड़ा, जबलपुर, सागर, ग्वालियर, झाबुआ, खरगोन और रीवा में उत्कृष्टता संस्थान खोले जायेंगे। साथ ही, प्रदेश में कौशल विश्वविद्यालय की स्थापना की जायेगी। इसमें विद्यार्थी परम्परागत क्षेत्रीय कौशल के साथ-साथ आधुनिकतम आवश्यकताओं के अनुरूप भी अपने कौशल का विभिन्न पाठ्यक्रमों एवं प्रशिक्षण के माध्यम से विकास कर सकेंगे।

प्रमुख सचिव, उच्च शिक्षा श्री हरिरंजन राव ने कहा कि अध्ययन केन्द्र का फायदा ऐसे बच्चों तक पहुँचेगा, जो नियमित कक्षाओं में नहीं आ सकते। उन्होंने कहा कि पूर्व में अध्ययन केन्द्र स्कूलों में संचालित थे। अब इसकी जिम्मेदारी विश्वविद्यालयों को दी गई है। श्री राव ने कहा कि हमारी जिम्मेदारी है कि हम शिक्षा की गुणवत्ता पर समझौता न करें और पारदर्शिता से काम करें।

इस अवसर पर आयुक्त उच्च शिक्षा श्री राघवेन्द्र सिंह, बरकतउल्ला विश्वविद्यालय के कुलपति श्री आर.जे. राव तथा भोज विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. जयंत सोनवलकर उपस्थित थे।

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

 

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