Posted on 12 Sep, 2024 4:34 pm

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ग्वालियर जिले में हाल ही में हुई भारी बारिश के कारण उत्पन्न हुई जल भराव की स्थिति पर सतत नजर रख रहे हैं। उन्होंने जल भराव से प्रभावित लोगों तक तत्काल राहत पहुंचाने के निर्देश जिला प्रशासन को दिए हैं। मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए निर्देशों के पालन में जिला प्रशासन द्वारा युद्ध स्तर पर राहत और बचाव कार्य चलाएं जा रहे हैं। जिले के प्रभारी मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट व मुख्य सचिव श्रीमती वीरा राणा व अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह श्री एस एन मिश्रा सहित राज्य शासन के वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन व समन्वय से जिले में तेजी से राहत एवं बचाव कार्यों को अंजाम दिया जा रहा है। साथ ही हैलीकॉप्टर सहित एनडीआरएफ का दल हैदराबाद से ग्वालियर पहुंच रहा है।

ग्वालियर जिले की डबरा तहसील के ग्राम सेंकरा व डबरा कस्बे में चारों ओर जल भराव होने से फंसे लोगों को एयरलिफ्ट कर सुरक्षित रूप से बाहर निकाला जाएगा। इसके लिए हैदराबाद से वायुसेना के विशेष विमान से एनडीआरएफ का 60 सदस्यीय दल ग्वालियर के लिए रवाना हो गया है। ग्वालियर विमान तल से यह दल दो टीमों में बंटकर हैलीकॉप्टर द्वारा लोगों को एयरलिफ्ट कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने का काम करेगा। ग्राम सेंकरा में राहत व बचाव कार्य के लिए तीन हैलीकॉप्टर भी रवाना हो चुके हैं।

कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान ने सेंकरा ग्राम में चारों ओर पानी भरने से बने टापू पर फंसे लोगों की जानकारी मिलने पर बुधवार की रात लगभग 3:30 बजे हैदराबाद से एनडीआरएफ की टीम भेजने के लिए संपर्क किया था। कलेक्टर श्रीमती चौहान ने बताया कि सेंकरा व डबरा में जिला प्रशासन की टीमें मौजूद हैं और जल भराव में फंसे सभी लोग सुरक्षित हैं। हैदराबाद की टीम पहुंचने पर जल्द से जल्द इन लोगों को रैस्क्यू कर लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि जरूरत पड़ने पर जिले के अन्य स्थानों से भी इस टीम की मदद से लोगों को रेस्क्यू कराया जाएगा।

कलेक्टर ने बताया कि जिला प्रशासन, पुलिस, नगरीय निकायों व जनपद पंचायत की टीमों ने पिछली रात मैदान में मौजूद रहकर राहत एवं बचाव कार्यों को अंजाम दिया। उन्होंने बताया जिले के ग्रामीण अंचल में विभिन्न स्थानों से इन टीमों ने एसडीआरएफ के सहयोग से लगभग 325 लोगों को सुरक्षित रूप बाहर निकालकर राहत कैंपों में पहुंचाया गया है। सभी राहत कैंपों में पर्याप्त मात्रा में खाद्य पदार्थ व दवाएं उपलब्ध हैं।

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

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