Posted on 07 Dec, 2017 3:43 pm

विभिन्न स्तर के राजस्व न्यायालयों में राजस्व वर्ष 2016-17 में लगभग 9 लाख 11 हजार 585 प्रकरणों का निराकरण हुआ है। कुल पंजीकृत प्रकरणों की संख्या 12 लख 31 हजार 464 है। निराकृत प्रकरणों का प्रतिशत 74.02 है। यह अभी तक का रिकार्ड है। प्रमुख सचिव राजस्व श्री अरूण पाण्डेय ने बताया है कि इसके पहले कभी-भी 50 प्रतिशत से अधिक प्रकरणों का निराकरण नहीं हुआ है। राजस्व वर्ष एक अक्टूबर से 30 सितम्बर तक माना जाता है। श्री पाण्डेय ने बताया है कि प्रदेश में नायब तहसीलदार से कमिश्नर तक कुल 1449 राजस्व न्यायालय हैं। निराकृत प्रकरणों में लगभग 47 हजार प्रकरण 2 साल से ऊपर के हैं। कुछ प्रकरण तो 24-25 साल के भी हैं।

प्ररकणों के निराकरण में होशंगाबाद नम्वर-एक

आर.सी.एम.एस. के माध्यम से लोगों को प्रकरण दर्ज कराने में सुविधा हुई है।उसके साथ ही प्रकरणों की मॉनीटरिंग में भी सुविधा हुई है। प्रकरणों के निराकरण में 82.74 प्रतिशत के साथ होशंगाबाद संभाग नवम्बर एक पर है। उज्जैन 82.40 प्रतिशत के साथ दूसरे और इंदौर 80.81 प्रतिशत के साथ तीसरे स्थान पर है। भोपाल में 77.90, सागर 76.24, जबलपुर 76.11, ग्वालियर 75.52, चंबल 70.45, शहडोल 59 और रीवा में 57.05 प्रतिशत राजस्व प्रकरणों का निराकरण हुआ हैं। अगर आंकड़ों में देखें तो संभाग होशंगाबाद में 59179, उज्जैन 103165, इंदौर 78847, भोपाल 100105, सागर 139055, जबलपुर 185047, ग्वालियर 83189, चंबल 32067, शहडोल 34972 और रीवा में 95959 प्रकरणों का निराकरण हुआ है।

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा 10 जुलाई 2017 की समीक्षा में दिये गए निर्देशों के अनुरूप त्वरित कार्यवाही सुनिश्चित की गयी है। मुख्य सचिव श्री बी.पी. सिंह ने राजस्व विभाग की पूरी टीम के साथ 31 जुलाई से 31 अगस्त के बीच सभी संभागों में पहुंचकर राजस्व प्रकरणों की समीक्षा की। मुख्य सचिव दूसरे चरण में भोपाल, ग्वालियर, चंबल और शहडोल संभाग की समीक्षा कर चुके हैं। इस बार संभाग के जिलों में संभाग स्तरीय समीक्षा की गयी। इस दौरान राजस्व कार्यालयों का आकस्मिक निरीक्षण भी किया जाता है। राजस्व मंत्री श्री उमाशंकर गुप्ता भी सतत समीक्षा कर जरूरी व्यवस्थायें सुनिश्चित कर रहे हैं। फलस्वरूप प्रकरणों के निराकरण में तेजी आयी है।

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

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