Posted on 30 May, 2020 7:20 pm

कोरोना संक्रमण काल में बैंकों के खुले होने के बावजूद ग्रामीण क्षेत्रों से आकर शहरी क्षेत्र की बैंकों में लेन-देन करना एक दुरूह कार्य हो गया था। इस दौर में ग्रामीण क्षेत्रों के छोटी-छोटी बैंक बचत करने वाले परिवारों को उनके घर पर ही बैंक सुविधाएं उपलब्ध कराने का कार्य 651 बैंक-सखियों द्वारा किया गया। लॉकडाउन अवधि में बैंक-सखियों द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में 62 करोड़ 23 लाख रूपये की राशि संबंधित खातेदारों तक पहुंचाई।

अपर मुख्य सचिव ग्रामीण विकास विभाग श्री मनोज श्रीवास्तव ने बताया कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (म.प्र.) के अंतर्गत ग्रामीण अंचल में स्व-सहायता समूहों के माध्यम से बड़ी संख्या में महिलाओं को रोजगार-मूलक गतिविधियों से जोड़ा गया है। वर्तमान में प्रदेश में 2 लाख 87 हजार से अधिक स्व-सहायता समूहों से 32 लाख 27 हजार महिलाऐं सदस्य के रूप में जुड़ी है।

उन्होंने बताया कि इन समूहों की पढ़ी-लिखी महिलाओं या उनकी बेटियों को बैंक सखी के रूप में राष्ट्रीयकृत बैंकों से जोड़ा गया है। यह बैंक-सखियाँ बैंक प्रतिनिधि के रूप में ग्रामीण क्षेत्रों में बैंक की रोजमर्रा की गतिविधियों के लिए अधिकृत है।

कोरोना संक्रमण काल में ग्रामीणों को उनके घर पर ही बैठकर बैंक से लेन-देन, खाता खोलने-बंद करने की सुविधा का मिलना एक सुखद अहसास करा रहा है। प्रदेश में 652 बैंक-सखियों द्वारा 3 लाख 34 हजार बैंक ट्रान्सजेक्शन किए गये है।

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश