Posted on 11 May, 2020 7:31 pm

छत्तीसगढ़ सरकार लॉकडाउन में न सिर्फ लोगों को राशन उपलब्ध करा रही है,बल्कि लोगों को भोजन संबंधी कोई परेशानी न हो इसके लिए नए राशन कार्ड भी बनाए जा रहे हैं। दूर-दराज बसे पिछड़ी आदिवासी जनजातियों तक जरूरी खाद्य सामग्रियों की पहुंच के लिए संवेदनशीलता से निर्णय लिये जा रहे  हैं। इस कड़ी में कबीरधाम जिले के आदिवासी बैगा बहुल पंडरिया विकासखण्ड की विशेष पिछड़ी बैगा जनजाति की मांग के महज 7 दिनों के भीतर 530 परिवारो को सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत नए राशन कार्ड बनाकर दिये गये हैं। बैगा जनजाति के कई लोग शादी के बाद अपने मूल परिवार से अलग रह रहे थे। इन नये परिवारों को राशन की आवश्यकता को देखते हुए उन्हें नये राशन कार्ड बनाकर दिये गये हैं। इससे अब उनकी राशन संबंधी समस्या दूर हो गई है। इस राशन कार्ड के माध्यम से बैगा परिवारों को प्रत्येक माह 35 किलो चावल और नमक,शक्कर और अन्य समाग्री मिलेगी।
     उल्लेखनीय है कि कलेक्टर श्री अवनीश कुमार शरण ने लॉकडाउन के दौरान पंडरिया विकासखण्ड के बैगा बहुल रूखमीदार सहित अन्य गांवो का भ्रमण किया था। इस दौरान बैगा परिवारों द्वारा राशन की मांग पर प्रशासन ने पंडरिया विकासखण्ड के जरूरतमदं  बैगा परिवारो के लिए 40 क्विंटल चावल वितरण कराया गया था। बैगा परिवारों ने नया राशन कार्ड बनाने की मांग भी की थी। बैगा सदस्यों ने बताया कि गांव के अधिकांश लोग शादी करने के बाद परिवार से अलग रह रहे है। इसी तरह शादी करने के बाद कई लोग अपने बुजुर्ग माता-पिता को भी छोड़ दिए है। इस लिए हर माह चावल-राशन की परेशानी होती है। ऐसे वंचित परिवारों ने नया राशन कार्ड बनाने की मांग की थी। बैगा परिवारों की मांग को संवेदनशीलता से लेते हुए ऐसे परिवार जो वास्तविक में इस योजना हकदार है, जिनके पास राशन कार्ड नहीं है उन्हें ग्रामवार सर्वे कराकर पीडीएस वितरण प्राणाली योजना में शामिल किया गया। महज सात दिनों के भीतर सभी वंचित परिवारों का सर्वे कर 530 बैगा परिवारों को नया राशन कार्ड बना कर दिया गया है। बैगा बाहुल वनांचल क्षेत्र तेलियापानी में बैगा महिला ने नया राशन कार्ड पाकर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने कोरोना वायरस संक्रमण के इस संकट के दौर में परिवार की तरह चिंता कर मुझे नया जीवन दिया है।

साभार – जनसम्पर्क विभाग छत्तीसगढ़