Posted on 18 Apr, 2018 8:13 pm

 

प्रदेश में उच्च न्यायालय स्तर से लेकर जिला न्यायालयों/तालुका न्यायालयों, श्रम न्यायालयों और कुटुम्ब न्यायालयों में 22 अप्रैल को नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया जायेगा। नेशनल लोक अदालत का आयोजन न्यायमूर्ति श्री रंजन गोगोई, न्यायाधिपति, सर्वोच्च न्यायालय एवं कार्यपालक अध्यक्ष, राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली के निर्देशानुसार एवं न्यायमूर्ति श्री हेमंत गुप्ता, मुख्य न्यायाधिपति, मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय एवं मुख्य संरक्षक, मध्यप्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जबलपुर एवं न्यायमूर्ति श्री एस.के. सेठ, प्रशासनिक न्यायाधिपति, मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय एवं कार्यपालक अध्यक्ष, मध्यप्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के कुशल मार्गदर्शन एवं निर्देशन में होगा।

नेशनल लोक अदालत के तहत विभिन्न न्यायालयों में रखे जाने वाले लम्बित प्रकरणों में आपराधिक शमनीय प्रकरण, पराक्राम्य अधिनियम की धारा-138 के अंतर्गत प्रकरण, बैंक रिकवरी संबंधी मामले, मोटर दुर्घटना क्षतिपूर्ति दावा प्रकरण, श्रम विवाद प्रकरण, विद्युत एवं जल-कर/बिल संबंधी के सिर्फ शमनीय प्रकरण, वैवाहिक प्रकरण, भूमि अधिग्रहण के प्रकरण, सेवानिवृत्ति संबंधी लाभों से संबंधित सेवा मामले, सिर्फ जिला/उच्च न्यायालयों में लम्बित राजस्व प्रकरण, दीवानी इत्यादि मामलों के अलावा मुकदमा पूर्व के प्रकरणों को शामिल किया गया है। नेशनल लोक अदालत में दीवानी एवं आपराधिक शमनीय मामलों सहित सभी प्रकार के मामले रखे जायेंगे, जिनमें पक्षकार सौहार्दपूर्ण वातावरण में प्रकरणों का निराकरण करवाने के लिये प्रयास कर सकेंगे।

उल्लेखनीय है कि विद्युत विभाग, नगर निगम, बैंक इत्यादि विभागों द्वारा भी न्यायालयों में लम्बित/प्रिलिटीगेशन प्रकरणों के नेशनल लोक अदालत में निराकरण करवाने पर छूट प्रस्तावित की गई है। आम जनता और पक्षकार को इसका अधिक से अधिक लाभ लेने की अपील की गई है। लोक अदालत में मामले का आपसी समझौते से निराकरण होता है और जमा की गई कोर्ट फीस भी वापस की जाती है।

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

 

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