बच्चों के पोषण स्तर निर्धारण के लिये 10 दिवसीय शारीरिक माप अभियान प्रारंभ
Posted on 18 Jun, 2024 5:59 pm
प्रदेश के आंगनवाड़ी केन्द्रों में जन्म से 6 वर्ष की आयु वर्ग के बच्चों के पोषण स्तर निर्धारण के लिये प्रत्येक माह के 10 कार्य दिवस में बच्चों के शारीरिक माप दिवसों का आयोजन किया जाता है। इस दौरान पोषण ट्रेकर एप में पंजीकृत जन्म से 6 वर्ष की आयु वर्ग के समस्त बच्चों का वजन एवं लंबाई/ऊँचाई की सटीकता के साथ माप लिया जाकर एप में प्रविष्टि की जाती है, जिससे बच्चों के पोषण स्तर का निर्धारण किया जाता है। जून माह में 10 दिवसीय शारीरिक माप अभियान के रूप में 18 से 28 जून तक आयोजित किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि महिला, बाल विकास मंत्रालय द्वारा माह जून 2024 के लिये पोषण ट्रेकर एप में पूर्व में बच्चों के वजन और लंबाई/ऊँचाई के माप में हुई त्रुटिपूर्ण प्रविष्टि में उनके वास्तविक माप अनुसार सुधार के लिये विकल्प उपलब्ध कराया गया है।
आयुक्त, महिला-बाल विकास श्रीमती सूफिया फारूकी वली ने निर्देश दिये हैं कि शारीरिक माप अभियान के दौरान प्रत्येक पर्यवेक्षक द्वारा अपने क्षेत्र में उन कमजोर प्रदर्शन वाले केन्द्रों में एक-एक दिवस उपस्थित होकर समक्ष में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के सहयोग से पूर्व माह में चिन्हित सभी कम वजन/ठिगनापन तथा SAM/MAM बच्चों की सटीकता के साथ वजन तथा लंबाई/ऊँचाई लेकर पोषण ट्रेकर में सही जानकारी की प्रविष्टि सुनिश्चित कराएंगे। प्रत्येक पर्यवेक्षक 10 से 15 केन्द्रों का भ्रमण कर आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने कहा कि जिला स्तर से उन केन्द्रों का निरीक्षण सुनिश्चित किया जाए, जिन केन्द्रों में परियोजना अंतर्गत सर्वाधिक कुपोषित बच्चों की संख्या है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के माध्यम से पर्यवेक्षक द्वारा विशेषकर उन बच्चों की सूची तैयार की जाये, जिनकी विगत माहों में वजन और लंबाई/ऊँचाई के माप में पूर्व में त्रुटिपूर्ण प्रविष्टि हुई हो, वर्तमान में सही माप ली जाकर उसकी प्रविष्टि पोषण ट्रेकर एप में सुनिश्चित कराई जाए। श्रीमती फारूकी ने कार्यक्रम के प्रभावी क्रियान्वयन और पर्यवेक्षण के लिये बाल विकास परियोजना अधिकारी द्वारा कम से कम 20 आंगनवाड़ी केन्द्रों पर, जिला कार्यक्रम अधिकारी एवं संयुक्त संचालक को कम से कम 15-15 आंगनवाड़ी केन्द्रों का अनिवार्य रूप से भ्रमण कर समक्ष में बच्चों के वजन का सत्यापन कराने के निर्देश दिये हैं।
साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश