JAGISHA ARORA VERSUS THE STATE OF UTTAR PRADESH & ANR.
Section 32 - Remedies for enforcement of rights conferred by this Part
Section 505 - Statements conducing public mischief
Section 500 - Punishment for defamation
Information Technology Act, 2000. [As Amended by Information technology (Amendment) Act 2008]
Supreme Court of India (Division Bench (DB)- Two Judge)
Writ Petition (Crl.), 164 of 2019, Judgment Date: Jun 11, 2019
Order regarding Prashant Kanojia
माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने श्री प्रशांत कनोजिया उत्तर प्रदेश द्वारा सोशल मीडिया में महज tweet/post करने पर पुलिस द्वारा IPC की धारा 500,505 एवं आईटी एक्ट की धारा 17 के अंतर्गत गिरफ्तार करने एवं जुडिशल मजिस्ट्रेट द्वारा 13/14 दिन के लिए पुलिस रिमांड में सौपने को ज्यादती तथा स्वतंत्रता के अधिकार का हनन मानते हुए संविधान के आर्टिकल 32 एवं 142 के अंतर्गत तत्काल रिहा करने का आदेश दिया. माननीय सर्वोच्च न्यायलय ने यह भी कहा की इस प्रकृति के अपराध के लिए स्वंत्रता के अधिकार को नहीं छीना जा सकता . .
JAGISHA ARORA VERSUS THE STATE OF UTTAR PRADESH & ANR.