Updated: Jul, 23 2019

 

64. जब समन किए गए व्यक्ति न मिल सकें तब तामील -- जहाँ समन किया गया व्यक्ति सम्यक् तत्परता बरतने पर भी न मिल सके वहाँ समन की तामील दो प्रतियों में से एक को उसके कुटुंब के उसके साथ रहने वाले किसी वयस्क पुरुष सदस्य के पास उस व्यक्ति के लिए छोड़कर की जा सकती है और यदि तामील करने वाले अधिकारी द्वारा ऐसी अपेक्षा की जाती है तो, जिस व्यक्ति के पास समन ऐसे छोड़ा जाता है वह दूसरी प्रति के पृष्ठ भाग पर उसके लिए रसीद हस्ताक्षरित करेगा।

 

स्पष्टीकरण -- सेवक, इस धारा के अर्थ में कुटुम्ब का सदस्य नहीं है।

 

64. Service when persons summoned cannot be found – Where the person summoned cannot, by the exercise of due diligence, be found, the summons may be served by leaving one of the duplicates for him with some adult male member of his family residing with him and the person with whom the summons is so left shall, if so required by the serving officer, sign a receipt therefor on the back of the other duplicate.

 

Explanation – A servant is not a member of the family within the meaning of this section.