Updated: Jan, 30 2021

व्यावृतियाँ और निरसन

29. व्यावृतियाँ -- 

(1) इस अधिनियम के प्रारंभ के पूर्व हिन्दुओं के बीच अनुष्ठापित ऐसा विवाह, जो अन्यथा विधिमान्य हो, केवल इस तथ्य के कारण अविधिमान्य या कभी अविधिमान्य रहा हुआ न समझा जाएगा कि उसके पक्षकार एक ही गोत्र या प्रवर के थे अथवा, विभिन्न धर्मों, जातियों या एक ही जाति की विभिन्न उपजातियों के थे ।

(2) इस अधिनियम में अन्तर्विष्ट कोई भी बात रूढ़ि से मान्यता प्राप्त या किसी विशेष अधिनियमिति द्वारा प्रदत्त किसी ऐसे अधिकार पर प्रभाव डालने वाली न समझी जाएगी जो किसी हिन्दू विवाह का, वह इस अधिनियम के प्रारंभ के चाहे पूर्व अनुष्ठापित हुआ हो चाहे पश्चात्, विघटन अभिप्राप्त करने का अधिकार हो ।

(3) इस अधिनियम में अन्तर्विष्ट कोई भी बात तत्समय प्रवृत्त किसी विधि के अधीन होने वाली किसी ऐसी कार्यवाही पर प्रभाव न डालेगी जो किसी विवाह को बातिल और शून्य घोषित करने के लिए या किसी विवाह को बातिल अथवा विघटित करने के लिए या न्यायिक पृथक्करण के लिए हो और इस अधिनियम के प्रारंभ पर लंबित हो और ऐसी कोई भी कार्यवाही चलती रहेगी और अवधारित की जाएगी मानो यह अधिनियम पारित ही न हुआ हो ।

(4) इस अधिनियम में अन्तर्विष्ट कोई भी बात विशेष विवाह अधिनियम, 1954 (1954 का 43) में अन्तर्विष्ट किसी ऐसे उपबंध पर प्रभाव न डालेगी जो हिन्दुओं के बीच उस अधिनियम के अधीन, इस अधिनियम के प्रारंभ के चाहे पूर्व चाहे पश्चात् अनुष्ठापित विवाहों के सम्बन्ध में हो ।

29. Savings. -

(1) A marriage solemnized between Hindus before the commencement of this Act, which is otherwise valid, shall not be deemed to be invalid or ever to have been invalid by reason only of the fact that the parties thereto belonged to the same gotra or pravara or belonged to different religion, castes or sub-divisions of the same caste.

(2) Nothing contained in this Act shall be deemed to affect any right recognized by custom or conferred by any special enactment to obtain the dissolution of a Hindu Marriage, whether solemnized before or after the commencement of this Act.

(3) Nothing contained in this Act shall affect any proceeding under any law for the time being in force for declaring any marriage to be null and void or for annulling or dissolving any marriage or for judicial,   separation pending at the commencement of this Act, and any such proceeding may be continued and determined as if this Act had not been passed.

(4) Nothing contained in this Act shall be deemed to effect the provisions contained in the Special Marriage Act, 1954 (43 of 1954), with respect to marriages between Hindus solemnized under that Act, whether before or after the commencement of this Act.