Updated: Jan, 30 2021

23-क. विवाह-विच्छेद और अन्य कार्यवाहियों में प्रत्यर्थी को अनुतोष -- विवाह-विच्छेद या न्यायिक पृथक्करण या दाम्पत्य अधिकारों के प्रत्यास्थापन के लिए किसी कार्यवाही में प्रत्यर्थी अर्जीदार के जारकर्म, क्रूरता या अभित्यजन के आधार पर चाहे गए अनुतोष का न केवल विरोध कर सकेगा बल्कि वह उस आधार पर इस अधिनियम के अधीन किसी अनुतोष के लिए प्रतिदावा भी कर सकेगा और यदि अर्जीदार का जारकर्म, क्रूरता या अभित्यजन साबित हो जाता है तो न्यायालय प्रत्यर्थी को इस अधिनियम के अधीन कोई ऐसा अनुतोष दे सकेगा जिसके लिए वह उस दशा में हकदार होता या होती जिसमें उसने उस आधार पर ऐसे अनुतोष की माँग करते हुए अर्जी उपस्थापित की होती ।

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23-A. Relief for respondent in divorce and other proceedings. - In any proceedings for divorce or judicial separation or restitution of conjugal rights, the respondent may not only oppose the relief sought on the ground of petitioner's adultery, cruelty or desertion, but also make a counter-claim for any relief under this Act on that ground; and if the petitioner's adultery, cruelty or desertion is proved, the Court may give to the respondent any relief under this Act to which he or she would have been entitled if he or she had presented a petition seeking such relief on that ground.

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