Updated: Jan, 30 2021

22. कार्यवाहियों का बन्द कमरे में होना और उन्हें मुद्रित या प्रकाशित न किया जाना --

(1) इस अधिनियम के अधीन हर कार्यवाही बन्द कमरे में की जाएगी और किसी व्यक्ति के लिये ऐसी किसी कार्यवाही के सम्बन्ध में किसी बात को मुद्रित या प्रकाशित करना विधिपूर्ण नहीं होगा किन्तु उच्च न्यायालय या उच्चतम न्यायालय के उस निर्णय को छोड़कर जो उस न्यायालय की पूर्व अनुज्ञा से मुद्रित या प्रकाशित किया गया है ।

(2) यदि कोई व्यक्ति उपधारा (1) के उपबन्धों के उल्लंघन में कोई बात मुद्रित या प्रकाशित करेगा तो वह जुर्माने से, जो एक हजार रुपये तक का हो सकेगा, दण्डनीय होगा ।

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22. Proceedings to be in camera and may not be printed or published. –

(1) Every proceedings under this Act shall be conducted in camera and it shall not be lawful for any person to print or publish any matter in relation to any such proceeding except a judgment of the High Court or of the Supreme Court printed or published with the previous permission of the Court.

(2) If any person prints or publishes any matter in contravention of the provisions contained in sub-section (1), he shall be punishable with fine which may extend to one thousand rupees.

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