महानगर मजिस्ट्रेटों का अधीनस्थ होना ( Subordination of Metropolitan Magistrates)
Updated: Jul, 01 2019
19. महानगर मजिस्ट्रेटों का अधीनस्थ होना -- (1) मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट और प्रत्येक अपर मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट सेशन न्यायाधीश के अधीनस्थ होगा और प्रत्येक अन्य महानगर मजिस्ट्रेट सेशन न्यायाधीश के साधारण नियंत्रण के अधीन रहते हुए मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट के अधीनस्थ होगा।
(2) उच्च न्यायालय, इस संहिता के प्रयोजनों के लिए परिनिश्चित कर सकेगा कि अपर मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट किस विस्तार तक, यदि कोई हो, मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट के अधीनस्थ होगा।
(3) मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट महानगर मजिस्ट्रेटों में कार्य के वितरण के बारे में और अपर मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट को कार्य के आवंटन के बारे में, समय-समय पर, इस संहिता से संगत नियम बना सकेगा या विशेष आदेश दे सकेगा।
19. Subordination of Metropolitan Magistrates -- (1) The Chief Metropolitan Magistrate and every Additional Chief Metropolitan Magistrate shall be subordinate to the Sessions Judge and every other Metropolitan Magistrate shall, subject to the general control of the Sessions Judge, be subordinate to the Chief Metropolitan Magistrate.
(2) The High Court may, for the purposes of this Code, define the extent of the subordination if any, of the Additional Chief Metropolitan Magistrates to the Chief Metropolitan Magistrate
(3) The Chief Metropolitan Magistrate may, from time to time, make rules or give special orders, consistent with this Code, as to the distribution of business among the Metropolitan Magistrates and as to the allocation of business to an Additional Chief Metropolitan Magistrate.