प्रादेशिक खण्ड ( Territorial divisions )
Updated: Jul, 22 2019
7. प्रादेशिक खण्ड.-- (1) प्रत्येक राज्य एक सेशन खण्ड होगा या उसमें सेशन खण्ड होंगे और इस संहिता के प्रयोजनों के लिए प्रत्येक सेशन खण्ड एक जिला होगा या उसमें जिले होंगे :
परन्तु प्रत्येक महानगर क्षेत्र, उक्त प्रयोजनों के लिए, एक पृथक् सेशन खण्ड और जिला होगा।
(2) राज्य सरकार उच्च न्यायालय से परामर्श के पश्चात् ऐसे खण्डों और जिलों की सीमाओं या संख्या में परिवर्तन कर सकती है।
(3) राज्य सरकार, उच्च न्यायालय से परामर्श के पश्चात् किसी जिले को उपखण्डों में विभाजित कर सकती है और ऐसे उपखण्डों की सीमाओं या संख्या में परिवर्तन कर सकती है।
(4) किसी राज्य में इस संहिता के प्रारंभ के समय विद्यमान सेशन खण्ड, जिले और उपखण्ड इस धारा के अधीन बनाए गए समझे जाएँगे।
7. Territorial divisions — (1) Every State shall be a sessions division or shall consist of sessions divisions and every sessions divisions shall, for the purposes of this Code, be a district or consist of districts :
Provided that every metropolitan area shall, for the said purposes, be a separate sessions division and district.
(2) The State Government may, after consultation with the High Court, alter the limits or the number of such divisions and districts.
(3) The State Government may, after consultation with the High Court, divide any district into sub-divisions and may alter the limits or the number of such sub- divisions.
(4) The sessions divisions, districts and sub-divisions existing in a State at the commencement of this Code, shall be deemed to have been formed under this section
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