Act to be in addition to any other law
Updated: Mar, 27 2020
Section 28 - Act to be in addition to any other law.-
The provisions of this Act shall be in addition to, and not in derogation of, any other law for the time being in force, and nothing contained herein shall exempt any public servant from any proceeding which might, apart from this Act, be instituted against him.
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28. इस विधान का अन्य विधियों के परिवर्धन में होना -
इस अधिनियम के प्रावधान, तत्समय प्रवृत्त किसी विधि के परिवर्धन के लिए होंगे, न कि उसके अल्पीकरण के लिए और उसमें की कोई भी बात किसी लोक सेवक को उसके विरुद्ध इस अधिनियम की कार्यवाही के अतिरिक्त की जाने वाली किसी कार्यवाही से छूट प्रदान नहीं करेंगे।