आश्रितों का भरण-पोषण (Maintenance of dependents)
Updated: Aug, 04 2018
22. आश्रितों का भरण-पोषण --
(1) उपधारा (2) के उपबंधों के अध्यधीन यह है कि मृत हिन्दू के वारिस मृतक से विरासत में प्राप्त संपदा से मृतक के आश्रितों का भरण-पोषण करने के लिए आबद्ध हैं
(2) जहां कि किसी आश्रित ने इस अधिनियम के प्रारंभ के पश्चात् मृत हिन्दू की संपदा में कोई अंश वसीयती या निर्वसीयती उत्तराधिकार द्वारा अभिप्राप्त नहीं किया है वहाँ इस अधिनियम के उपबंधों के अध्यधीन यह है कि वह आश्रित उन व्यक्तियों से भरण-पोषण प्राप्त करने का हकदार होगा जो उस संपदा को लेते हैं।
(3) जो व्यक्ति संपदा लेते हैं उनमें से हर एक का दायित्व अपने द्वारा ली गई संपदा के अंश या भाग के मूल्य के अनुपात में होगा।
(4) उपधारा (2) या उपधारा (3) में किसी बात के अन्तर्विष्ट होते हुए भी कोई भी व्यक्ति जो स्वयं एक आश्रित है. अन्यों के भरण-पोषण के लिए अभिदाय करने का दायी न होगा, यदि जो अंश या भाग उसे अभिप्राप्त हुआ हो उसका मूल्य, उससे जो उसे भरण पोषण के रूप में उस अधिनियम के अधीन अधिनिर्णीत हो, कम हो या कम हो जाएगा यदि अभिदाय करने के दायित्व का प्रवर्तन किया जाए।
22. Maintenance of dependents -
(1) Subject to the provisions of subsection (2), the heirs of a deceased Hindu are bound to maintain the dependants of the deceased out of the estate inherited by them from the deceased.
(2) Where a dependant has not obtained, by testamentary or intestate succession, any share in the estate of a Hindu dying after the commencement of this Act, the dependant shall be entitled, subject to the provisions of this Act, to maintenance from those who take the estate.
(3) The liability of each of the persons who takes the estate shall be in proportion to the value of the share or part of the estate taken by him or her.
(4) Notwithstanding anything contained in sub-section (2) or sub-section (3), no person who is himself or herself a dependant shall be liable to contribute to the maintenance of others, if he or she has obtained a share or part, the value of which is, or would, if the liability to contribute were enforced, become less than what would be awarded to him or her by way of maintenance under this Act.