दत्तक के परिणाम (Effect of adoptions)
Updated: Aug, 04 2018
12. दत्तक के परिणाम -- दत्तक अपत्य दत्तक की तारीख से अपने दत्तक पिता या माता का अपत्य समस्त प्रयोजनों के लिए समझा जाएगा और ऐसी तारीख से यह समझा जाएगा कि उस अपत्य के अपने जन्म के कुटुम्ब के साथ समस्त बन्धन टूट गए हैं और उनका स्थान उन बन्धनों ने ले लिया है जो दत्तक कुटुम्ब में दत्तक के कारण सृजित हुए हों :
परन्तु :
(क) वह अपत्य किसी ऐसे व्यक्ति से विवाह नहीं कर सकेगा जिससे कि यदि वह अपने जन्म के कुटुम्ब
में ही बना रहा होता तो वह विवाह न कर सकता था;
(ख) कोई भी सम्पत्ति जो दत्तक अपत्य में दत्तक के पूर्व निहित थी, ऐसी सम्पत्ति के स्वामित्व से संलग्न बाध्यताओं के, यदि कोई हों, अध्यधीन, जिनके अन्तर्गत उसके जन्म के कुटुम्ब में के, नातेदारों का भरण-पोषण करने की बाध्यता भी आती है, ऐसे व्यक्ति में निहित बनी रहेगी।
(ग) दत्तक अपत्य किसी व्यक्ति को उस संपदा से निर्निहित नहीं करेगा जो उस व्यक्ति में दत्तक के पूर्व निहित हो गई है।
12. Effect of adoptions - An adopted child shall be deemed to be the child of his or her adoptive father or mother for all purposes with effect from the date of the adoption and from such date all the ties of the child in the family of his or her birth shall be deemed to be severed and replaced by those created by the adoption in the adoptive family.
Provided that-
(a) the child cannot marry any person whom he or she could not have married if he or she had continued in the family of his or her birth;
(b) any property which vested in the adopted child before the adoption shall continue to vest in such person subject to the obligations, if any, attaching to the ownership of such property, including the obligation to maintain relatives in the family of his or her birth;
(c) the adopted child shall not divest any person of any estate which vested in him or her before the adoption.