हिन्दू नारी की दत्तक लेने की सामर्थ्य (Capacity of a female Hindu to take in adoption)
Updated: Aug, 04 2018
8. हिन्दू नारी की दत्तक लेने की सामर्थ्य -- कोई भी हिन्दू नारी जो स्वस्थ चित्त है और अप्राप्तवय नहीं है, वह पुत्र या पुत्री को दत्तक लेने की सामर्थ्य रखती है :
1. स्वीय विधि (संशोधन) अधिनियम, 2010 (क्र. 30 सन् 2010) की धारा 3 द्वारा धारा 8 के स्थान पर प्रतिस्थापित (दिनांक 31-8-2010 से प्रभावशील) । इस प्रतिस्थापन के पूर्व, धारा 8 निम्नानुसार थी :
8. हिन्दू नारी की दत्तक लेने की सामर्थ्य -- कोई भी हिन्दू नारी जो :
(क) स्वस्थ चित्त है,
(ख) अप्राप्तवय नहीं है, और
(ग) विवाहिता नहीं है या यदि विवाहिता है तो उसका विवाह विघटित कर दिया गया है या जिसका पति मर चुका है या पूर्ण और अंतिम रूप से संसार का त्याग कर चुका है या हिन्दू नहीं रह गया है या सक्षम अधिकारिता वाले किसी न्यायालय ने उसके बारे में यह घोषित कर दिया है कि वह विकृत चित्त का है, वह पुत्र या पुत्री को दत्तक लेने की सामर्थ्य रखती है ।
परन्तु यह कि, यदि उसका पति जीवित हो तो वह उसके पति की सहमति के सिवाय पुत्र या पुत्री को दत्तक नहीं लेगी, जब तक कि पति पूर्ण और अंतिम रूप से संसार का त्याग न कर चुका हो या हिन्दू नहीं रह गया हो या सक्षम अधिकारिता वाले किसी न्यायालय ने उसके बारे में यह घोषित कर दिया हो कि वह विकृत चित्त का है ।
8. Capacity of a female Hindu to take in adoption - Any female Hindu who is of sound mind and is not a minor has the capacity to take a son or daughter in adoption :
1. Subs. by the Personal Laws (Amendment) Act, 2010 (No. 30 of 2010), Section 3, for Section 8 (w.e.f. 31-8-2010). Prior to its substitution, Section 8 read as under
“8. Capacity of a female Hindu to take in adoption — Any female Hindu –
(a) who is of sound mind,
(b) who is not a minor, and
(c) who is not married, or if married, whose marriage has been dissolved or whose husband is dead or has completely and finally renounced the world or has ceased to be a Hindu or has been declared by a Court of competent jurisdiction to be of unsound mind, has the capacity to take a son or daughter in adoption.
Provided that, if she has a husband living, she shall not adopt a son or daughter except with the consent of her husband unless the husband has completely and finally renounced the world or has ceased to be a Hindu or has been declared by a Court of competent jurisdiction to be of unsound mind.