Updated: Aug, 04 2018

 

अध्याय 2

दत्तक

5. दत्तक इस अध्याय द्वारा विनियमित होंगे –

(1) किसी हिन्दू के द्वारा या निमित्त कोई भी दत्तक इस अधिनियम के प्रारंभ के पश्चात् इस अध्याय में अन्तर्विष्ट उपबन्धों के अनुसार किए जाने के सिवाय नहीं किया जाएगा और उक्त उपबन्धों के उल्लंघन में किया गया कोई भी दत्तक शून्य होगा ।

(2) किसी ऐसे दत्तक से जो शून्य है, न तो दत्तक कुटुम्ब में किसी भी व्यक्ति के पक्ष में किसी ऐसे अधिकार का सृजन होगा जिसे वह दत्तक के कारण अर्जित करने के सिवाय अर्जित नहीं कर सकता था और न किसी भी व्यक्ति के वे अधिकार ही नष्ट होंगे जो उसे अपने जन्म के कुटुम्ब में प्राप्त हैं।

 

CHAPTER II

ADOPTION

5. Adoptions to be regulated by this Chapter-

(1) No adoption shall be made after the commencement of this Act by or to a Hindu except in accordance with the provisions contained in this Chapter, and any adoption made in contravention of the said provisions shall be void.

(2) An adoption which is void shall neither create any rights in the adoptive  family in favour of any person which he or she could not have acquired except by reason of the adoption, nor destroy the rights of any person in the family of his or her birth.