अधिनियम का लागू होना (Application of Act)
Updated: Aug, 04 2018
2. अधिनियम का लागू होना --
(1) यह अधिनियम लागू है :
(क) ऐसे किसी भी व्यक्ति को जो हिन्दू धर्म के किसी भी रूप या विकास के अनुसार जिसके अंतर्गत
वीरशैव, लिंगायत अथवा ब्रह्म समाज, प्रार्थना समाज या आर्य समाज के अनुयायी भी आते हैं, धर्मतः हिन्दू हो,
(ख) ऐसे किसी भी व्यक्ति को जो धर्मतः बौद्ध, जैन या सिक्ख हो, तथा
(ग) ऐसे किसी भी अन्य व्यक्ति को जो धर्मतः मुस्लिम, क्रिश्चियन, पारसी या यहूदी न हो, जब तक
कि यह साबित न कर दिया जाए कि यदि यह अधिनियम पारित न किया गया होता तो कोई भी ऐसा व्यक्ति एतस्मिन् उपबंधित किसी भी बात के बारे में हिन्दू विधि या उस विधि के भाग रूप किसी रूढ़ि या प्रथा द्वारा शासित न होता ।
स्पष्टीकरण -- निम्नलिखित व्यक्ति धर्मतः यथास्थिति, हिन्दु, बौद्ध, जैन या सिक्ख हैं :
(क) कोई भी अपत्य, धर्मज या अधमर्ज जिसके माता-पिता, दोनों ही धर्मतः हिन्दू, बौद्ध, जैन या
सिक्ख हों;
(ख) कोई भी अपत्य, धर्मज या अधर्मज, जिसके माता-पिता में से कोई एक धर्मतः हिन्दु, बौद्ध,
जैन या सिक्ख हो और जो उस जनजाति, समुदाय, समूह या कुटुम्ब के सदस्य के रूप में पला
हो, जिसका वह माता या पिता सदस्य है, या था;
(खख) कोई भी अपत्य, धर्मज या अधर्मज, जो अपने पिता और माता दोनों द्वारा परित्यक्त कर दिया गया हो अथवा जनकता ज्ञात न हो, और जो दोनों में से किसी भी दशा में हिन्दू, बौद्ध, जैन या सिक्ख के रूप में पला हो;] तथा
(ग) ऐसा कोई भी व्यक्ति जो हिन्दू, जैन या सिक्ख धर्म में संपरिवर्तित या प्रतिसंपरिवर्तित हो गया हो ।
(2) उपधारा (1) में अन्तर्विष्ट किसी बात के होते हुए भी, इस अधिनियम में अन्तर्विष्ट कोई भी बात किसी ऐसी जनजाति के सदस्यों को, जो संविधान के अनुसार अनुच्छेद 366 के खंड (25) के अर्थ के अन्तर्गत अनुसूचित जनजाति के हों, लागू न होगी जब तक कि केन्द्रीय सरकार शासकीय राजपत्र में अधिसूचना द्वारा अन्यथा निर्दिष्ट न कर दे।
(3) इस अधिनियम के किसी भी प्रभाग में आए हुए “हिन्दू'' पद का अर्थ ऐसा लगाया जाएगा मानो उसके अन्तर्गत ऐसा व्यक्ति आता हो जो यद्यपि धर्मतः हिन्दू नहीं है तथापि ऐसा व्यक्ति है, जिसे यह अधिनियम इस धारा में अन्तर्विष्ट उपबन्धों के आधार पर लागू होता है ।
2. Application of Act-
(1) This Act applies-
(a) to any person, who is a Hindu by religion in any of its forms or developments, including a Virashaiva, a Lingayat or a follower of the Brahmo, Prarthana or Arya Samaj,
(b) to any person who is a Buddhist, Jaina or Sikh by religion, and
(c) to any other person who is not a Muslim, Christian, Parsi or Jew by religion unless it is proved that any such person would not have been governed by the Hindu law or by any custom or usage as part of that law in respect of any of the matters dealt with herein if this Act had not been passed.
Explanation - The following persons are Hindus, Buddhists, Jainas or Sikhs by religion, as the case may be:-
(a) any child, legitimate or illegitimate, both of whose parents are Hindus, Buddhists, Jainas or Sikhs by religion;
(b) any child, legitimate for illegitin~ate, one of whose parents is a Hindu, Buddhist, Jaina or Sikh by religion and who is brought up as a member of the tribe, community, group or family to which such parent belongs or belonged,
(bb) any child, legitimate or illegitimate, who has been abandoned both by his father and mother or whose parentage is not known and who is either case is brought up as a Hindu, Buddhist, Jaina or Sikh, and
(c) any person who is a convert or reconvert to the Hindu, Buddhist, Jaina or Sikh, religion.
(2) Notwithstanding anything contained in sub-section (1), nothing contained in this Act shall apply to the members of any Scheduled Tribe within the meaning of clause (25) of Article 366 of the Constitution unless the Central Government, by notification in the Official Gazette, otherwise directs.
(2-A) Notwithstanding anything contained in sub-section (1), nothing contained in this Act shall apply to the Reno cants of the Union Territory of Pondicherry.
(3) The expression "Hindu" in any portion of this Act shall be construed as if it included a person who, though not a Hindu by religion, is nevertheless, a person to whom this Act applies by virtue of the provisions contained in this section.