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- Guide to Prevention of Corruption Act,1988 - By N.Siddiqui
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Section 9 - Taking gratification, for exercise of personal influence with public servant.-
Whoever accepts or obtains, or agrees to accept, or attempts to obtain, from any person, for himself or for any other person, any gratification whatever as a motive or reward for inducing, by the exercise of personal influence, any public servant, whether named or otherwise, to do or to forbear to do any official act, or in the exercise of the official functions of such public servant to show favour or disfavour to any person, or to render or attempt to render any service or disservice to any person with the Central Government or any State Government or Parliament or the Legislature of any State or with any local authority, corporation or Government company referred to in clause (c) of section 2, or with any public servant, whether named or otherwise, shall be punishable with imprisonment for a term which shall be not less than 1[three years] but which may extend to 1[seven years] and shall also be liable to fine.
9. लोक सेवक पर वैयक्तिक असर डालने के लिए परितोषण का लेना -
जो कोई अपने लिए या किसी अन्य के लिए किसी प्रकार का कोई परितोषण किसी लोक सेवक को चाहे नामित या अन्यथा अपने वैयक्तिक प्रभाव के प्रयोग द्वारा इस बात के लिए उत्प्रेरित करने के लिए हेतु या ईनाम के रूप में किसी व्यक्ति से प्रतिग्रहीत करेगा या अभिप्राप्त करेगा या करने की सहमत होगा या करने का प्रयत्न करेगा कि वह लोक सेवक कोई पदीय कार्य करे या करने का लोप करे अथवा किसी व्यक्ति को ऐसे लोक सेवक के पदीय कृत्यों के प्रयोग में कोई उपकार करे या दिखाए या दिखाने का लोप करे अथवा केन्द्रीय सरकार या राज्य सरकार या संसद या राज्य विधान मंडल या किसी स्थानीय प्राधिकारी, निगम या धारा 2 के खंड (ग) में वर्णित शासकीय कम्पनी अथवा किसी लोक सेवक से चाहे नामित हो या अन्यथा ऐसे कारावास से जिसकी अवधि 1[सात वर्ष तक की हो सकेगी किन्तु जो 1[तीन वर्ष] से कम की नहीं होगी दंडित किया जाएगा और जुर्माने से भी दंडनीय होगा ।