Updated: May, 06 2020

Section 363 of Indian Penal Code (IPC) in Hindi and English

363. व्यपहरण के लिए दण्ड -

जो कोई भारत में से या विधिपूर्ण संरक्षकता में से किसी व्यक्ति का व्यपहरण करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि सात वर्ष तक की हो सकेगी, दण्डित किया जाएगा और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा।

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राज्य संशोधन

मध्यप्रदेश - धारा 363 के अधीन अपराध "सत्र न्यायालय" द्वारा विचारणीय है।

[देखें म.प्र. अधिनियम क्रमांक 2 सन्‌ 2008 की धारा 41 म.प्र. राजपत्र (असाधारण) दिनांक 22-2-2008 पृष्ठ 157-158 पर प्रकाशित ।]

उत्तरप्रदेश - धारा 363 के अधीन अपराध अजमानतीय है।

[देखें उत्तरप्रदेश अधिनियम संख्यांक 1 सन्‌ 1984, धारा 12 (दिनांक 1-5-1984 से प्रभावशील) ]

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363. Punishment for kidnapping -

Whoever kidnaps any person from India or from lawful guardianship, shall be punished with imprisonment of either description for a term which may extend to seven years, and shall also be liable to fine.

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STATE AMENDMENT

Madhya Pradesh — Offence under section 363 is triable by “Court of Session”.

[Vide Madhya Pradesh Act 2 of 2008, section 4. Published in M.P. Rajpatra (Asadharan) dated 22-2-2008 page 158-158(1).]

Uttar Pradesh — Offence under section 363 is non-bailable.

[Vide Uttar Pradesh Act | of 1984, sec. 12 (w.e.f. 1-5-1984)].

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