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- INDIAN PENAL CODE, 1860 (IPC) in Hindi and English
- स्वेच्छया अम्ल फेंकना या फेंकने का प्रयत्न करना...
Section 326 B of Indian Penal Code (IPC) in Hindi and English
326 ख. स्वेच्छया अम्ल फेंकना या फेंकने का प्रयत्न करना -
जो कोई, किसी व्यक्ति को स्थायी या आंशिक नुकसान कारित करने या उसका अंगविकार करने या जलाने या विकलांग बनाने या विद्रूपित करने या नि:शक्त बनाने या घोर उपहति कारित करने के आशय से उस व्यक्ति पर अम्ल फेंकता है या फेंकने का प्रयत्न करता है या किसी व्यक्ति को अम्ल देता है या अम्ल देने का प्रयत्न करता है या किसी अन्य साधन का उपयोग करने का प्रयत्न करता है, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि पांच वर्ष से कम की नहीं होगी किन्तु जो सात वर्ष तक की हो सकेगी, दंडित किया जाएगा और जुर्माने से भी दंडनीय होगा।
स्पष्टीकरण 1.- धारा 326क और इस धारा के प्रयोजनों के लिए “अम्ल' में कोई ऐसा पदार्थ सम्मिलित है , जो ऐसे अम्लीय या संक्षारक स्वरूप या ज्वलन प्रकृति का है, जो ऐसी शारीरिक क्षति करने योग्य है, जिससे क्षतचिह्न बन जाते हैं या विद्रूपता या अस्थायी या स्थायी नि:शक्तता हो जाती है।
स्पष्टीकरण 2.- धारा 326क और इस धारा के प्रयोजनों के लिए स्थायी या आंशिक नुकसान या अंगविकार का अपरिवर्तनीय होना आवश्यक नहीं होगा।
326 B. Voluntarily throwing or attempting to throw acid -
Whoever throws or attempts to throw acid on any person or attempts to administer acid to any person, or attempts to use any other means, with the intention of causing permanent or partial damage or deformity or burns or maiming or disfigurement or disability or grievous hurt to that person, shall be punished with imprisonment of either description for a term which shall not be less than five years but which may extend to seven years, and shall also be liable to fine.
Explanation 1 - For the purposes of section 326A and this section, “acid” includes any substance which has acidic or corrosive character or burning nature, that is capable of causing bodily injury leading to scars or disfigurement or temporary or permanent disability.
Explanation 2 - For the purposes of section 326A and this section, permanent or partial damage or deformity shall not be required to be irreversible.