- Home
- Handbooks
- INDIAN PENAL CODE, 1860 (IPC) in Hindi and English
- अम्ल, आदि का प्रयोग करके स्वेच्छया घोर उपहति...
Section 326 A of Indian Penal Code (IPC) in Hindi and English
326 क. अम्ल, आदि का प्रयोग करके स्वेच्छया घोर उपहति कारित करना -
जो कोई किसी व्यक्ति के शरीर के किसी भाग या किन्हीं भागों को उस व्यक्ति पर अम्ल फेंककर या उसे अम्ल देकर या किन्हीं अन्य साधनों का, ऐसा कारित करने के आशय या ज्ञान से कि यह संभाव्य है कि वह ऐसी क्षति या उपहति कारित करे, प्रयोग करके स्थायी या आंशिक नुकसान कारित करता है या अंगविकार करता है या जलाता है या विकलांग बनाता है या विद्रूपित करता है या नि:शक्त बनाता है या घोर उपहति कारित करता है, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि दस वर्ष से कम की नहीं होगी किन्तु जो आजीवन कारावास तक की हो सकेगी, दंडित किया जाएगा और जुर्माने से भी दंडनीय होगा :
परन्तु ऐसा जुर्माना पीड़ित के उपचार के चिकित्सीय खर्चे को पूरा करने के लिए न्यायोचित और युक्तियुक्त होगा:
परन्तु यह और कि इस धारा के अधीन अधिरोपित कोई जुर्माना पीड़ित को संदत्त किया जाएगा।
326 A. Voluntarily causing grievous hurt by use of acid, etc. -
Whoever causes permanent or partial damage or deformity to, or burns or maims or disfigures or disables, any part or parts of the body of a person or causes grievous hurt by throwing acid on or by administering acid to that person, or by using any other means with the intention of causing or with the knowledge that he is likely to cause such injury or hurt, shall be punished with imprisonment of either description for a term which shall not be less than ten years but which may extend to imprisonment for life, and with fine :
Provided that such fine shall be just and reasonable to meet the medical expenses of the treatment of the victim :
Provided further that any fine imposed under this section shall be paid to the victim.