Updated: May, 03 2020

Section 228 of Indian Penal Code (IPC) in Hindi and English

228. न्यायिक कार्यवाही में बैठे हुए, लोक-सेवक का साशय अपमान या उसके कार्य में विघ्न -

जो कोई किसी लोक-सेवक का उस समय, जबकि ऐसा लोक-सेवक न्यायिक कार्यवाही के किसी प्रक्रम में बैठा हुआ हो, साशय कोई अपमान करेगा या उसके कार्य में कोई विघ्न डालेगा, वह सादा कारावास से, जिसकी अवधि छह मास तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, जो एक हजार रुपए तक का हो सकेगा, या दोनों से दण्डित किया जाएगा।

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राज्य संशोधन

मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ - धारा 228 के तहत अपराध संज्ञेय है। [देखें अधिसूचना क्रमांक 3320 5-एफ. क्र. 6-59-74-B-XXI दिनांक 19-11-1975। म.प्र. राजपत्र, भाग 1, दिनांक 12-3-1976 पृष्ठ 473 पर प्रकाशित |]

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228. Intentional insult or interruption to public servant sitting in judicial proceeding -

Whoever intentionally offers any insult, or causes any interruption to any public servant, while such public servant is sitting in any stage of a judicial proceeding, shall be punished with simple imprisonment for a term which may extend to six months, or with fine which may extend to one thousand rupees, or with both.

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STATE AMENDMENT

Madhya Pradesh & Chhattisgarh — Offence under section 228 is cognizable. [Vide Notification No. 33205-F. No. 6-59-74-B-XXI dated 19-11-1975. Published in M.P. Rajpatra, Part 1, dated 123-1976, page 473].

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