Updated: May, 02 2020

Section 211 of Indian Penal Code (IPC) in Hindi and English

211. क्षति करने के आशय से अपराध का मिथ्या आरोप -

जो कोई किसी व्यक्ति को यह जानते हुए कि उस व्यक्ति के विरुद्ध ऐसी कार्यवाही या आरोप के लिए कोई न्यायसंगत या विधिपूर्ण आधार नहीं है क्षति कारित करने के आशय से उस व्यक्ति के विरुद्ध कोई दाण्डिक कार्यवाही संस्थित करेगा या करवाएगा या उस व्यक्ति पर मिथ्या आरोप लगाएगा कि उसने अपराध किया है वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि दो वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा; तथा यदि ऐसा दाण्डिक कार्यवाही मृत्यु, आजीवन कारावास या सात वर्ष या उससे अधिक के कारावास से दण्डनीय अपराध के मिथ्या आरोप पर संस्थित की जाए, तो वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि सात वर्ष तक की हो सकेगी, दण्डित किया जाएगा और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा।

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राज्य संशोधन

छत्तीसगढ़ - धारा 211 में निम्मलिखित परन्तुक अंत:स्थापित किया जाए, अर्थात्‌ :-

परन्तु यह कि, यदि ऐसी दांडिक कार्यवाही धारा 354, धारा 354क, धारा 354ख, धारा 354ग, धारा 354घ, धारा 3545, धारा 376ख, धारा 376ग, धारा 376च, धारा 509, धारा 509क या धारा 509ख से दंडनीय अपराध के मिथ्या आरोप पर संस्थित की जाए, तो दोनों में से किसी भांति के कारावास से जो तीन वर्ष से कम का नहीं होगा परन्तु जो पांच वर्ष तक का हो सकेगा और जुमनि से भी दंडनीय होगा।''

देखे दण्ड विधि (छ.ग. संशोधन) अधिनियम, 2013 (क्र. 25 सन्‌ 2015), धारा 2 (दिनांक 21-7-2015 से प्रभावशील)। छ.ग. राजपत्र (असाधारण) दिनांक 21-7-2015 पृष्ठ 777-778(9) पर प्रकाशित ।]

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211. False charge of offence made with intent to injure -

Whoever, with intent to cause injury to any person, institutes or causes to be instituted any criminal proceeding against that person, or falsely charges any person with having committed an offence, knowing that there is no just or lawful ground for such proceeding or charge against that person, shall be punished with imprisonment of either description for a term which may extend to two years, or with fine, or with both; and if such criminal proceeding be instituted on a false charge of an offence punishable with death, [imprisonment for life], or imprisonment for seven years or upwards, shall be punishable with imprisonment of either description for a term which may extend to seven years, and shall also be liable to fine.

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STATE AMENDMENT

Chhattisgarh — In Section 211, the following proviso shall be inserted, namely:-

“Provided that, if such criminal proceeding be instituted on a false charge of an offence punishable under section 354, section 354A, section 354B, section 354C, section 354D, section 354E, section 376B, section 376C, section 376F, section 509, section 509A or section 509B shall be punishable with imprisonment of either description which shall not be less than three years but which may extend to five years and shall also be liable to fine.”.

[Vide The Criminal Law (C.G. Amendment) Act, 2013 (No. 25 of 2015), Sec. 2 (w.e.f. 21-7-2015). Published in C.G. Rajpatra (Asadharan) dated 21-7-2015 pages 777-778(9).]

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