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Section 190 of Indian Penal Code (IPC) in Hindi and English
190. लोक-सेवक से संरक्षा के लिए आवेदन करने से विरत रहने के लिए किसी व्यक्ति को उत्प्रेरित करने के लिए क्षति की धमकी -
जो कोई किसी व्यक्ति को इस प्रयोजन से क्षति की कोई धमकी देगा कि वह उस व्यक्ति को उत्प्रेरित करे कि वह किसी क्षति से संरक्षा के लिए कोई वैध आवेदन किसी ऐसे लोक-सेवक से करने से विरत रहे या प्रतिविरत रहे जो ऐसे लोक-सेवक के नाते ऐसी संरक्षा करने या कराने के लिए वैध रूप से सशक्त हो, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि एक वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा।
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राज्य संशोधन
मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ - धारा 190 के तहत अपराध संज्ञेय है। [देखें अधिसूचना क्रमांक 33205-एफ. क्र. 6-59-74-B-XXI दिनांक 19-11-1975। म.प्र. राजपत्र, भाग 1, दिनांक 12-3-1976 पृष्ठ 473 पर प्रकाशित ।]
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190. Threat of injury to induce person to refrain from applying for protection to public servant -
Whoever holds out any threat of injury to any person for the purpose of inducing that person to refrain or desist from making a legal application for protection against any injury to any public servant legally empowered as such to give such protection, or to cause such protection to be given, shall be punished with imprisonment of either description for a term which may extend to one year, or with fine, or with both.
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STATE AMENDMENT
Madhya Pradesh & Chhattisgarh — Offence under section 190 is cognizable. [Vide Notification No. 33205-F. No. 6-59-74-B-XXI dated 19-11-1975. Published in M.P. Rajpatra, Part 1, dated 12-3-1976, page 473]
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