Updated: Mar, 13 2021

 
सार्वजनिक क्षेत्रों के बैंकों द्वारा मध्यप्रदेश शासन सिविल पेंशन भोगियों को पेंशन भुगतान की योजना
 
राज्य शासन सिविल पेंशनों के संवितरण की विद्यमान पद्धति में यह व्यवस्था है कि पेंशन प्राप्त करने के लिये पेंशनभोगी कोषागार/उपकोषागार में स्वंय उपस्थित हो बशर्ते कि उसने किसी वाहक या किसी प्राधिकृत एजेंट या किसी अनुसूचित बैंक के जरिए पेंशन प्राप्त करने का प्रबंध न किया हो। यह देखा गया है कि पेंशन भुगतानों की बढ़ती हुई मात्रा और कोषागारों/उपकोषागारों में भुगतान कार्य के केन्द्रीयकरण के कारण पेंशन के संवितरण में विलम्ब होता है जिसके परिणामस्वरूप पेंशनभोगियों को परेशानी होती है अतः शासन काफी समय से संवितरण प्रक्रिया को सरल बनाने के उपायों और साथ ही भुगतान स्थलों में वृद्धि करने के संबंध में विचार कर रहा है ताकि पेंशनभोगियों को नियम तारीख पर पेंशन प्राप्त करने में कोई भी असुविधा न हो।
2. भारत सरकार तथा रिजर्व बैंक ऑफ इण्डिया से परामर्श करने के पश्चात् अब यह निर्णय लिया गया है कि राज्य पेंशनों के भुगतान की व्यवस्था करने के लिए निम्नलिखित सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की, जिनकी शाखाएं मध्यप्रदेश में स्थित हैं, सेवाओं का उपयोग किया जाए :-
(1) स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, स्टेट बैंक ऑफ इंदौर [इस बैंक का संविलियन अब स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया में हो गया है।]
(2) सेन्ट्रल बैंक ऑफ इंडिया,
(3) बैंक ऑफ इंडिया,
(4) पंजाब नेशनल बैंक,
(5) इलाहाबाद बैंक,
(6) बैंक ऑफ महाराष्ट्र,
(7) यूनियन बैंक ऑफ इंडिया,
(8) यूको बैंक,
(9) देना बैंक,
3. इस योजना के अंतर्गत राज्य शासन के समस्त सिविल पेंशनभोगियों को सम्मिलित किया जाएगा, जिनमें अखिल भारतीय सेवा अधिकारियों के ऐसे अधिकारी शामिल होंगे जो राज्य शासन के अधीन किसी पद से सेवानिवृत्त होते हो/हो गए हों।
3. (1) इस योजना का प्रसार, अन्य राज्य सरकारों के, परिवार पेंशन पाने वाले पेंशन भोगियों सहित ऐसे सिविल पेंशनभोगियों को शामिल करने के लिए किया जा रहा है, जो पेंशन का आहरण मध्यप्रदेश में किसी कोषागार/उपकोषागार से कर रहे हैं या जो पेंशन का आहरण मध्यप्रदेश में करना चाहते हैं बशर्ते सरकारी पेंशनभोगियों को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के माध्यम से पेंशन भुगतान की इसी प्रकार की योजना उन संबंधित राज्यों में भी प्रचलन में हो। जब सरकार किसी राज्य विशेष के पेंशनभोगियों को मध्यप्रदेश राज्य में उनकी पेंशन के आहरण की सुविधा दिये जाने के बारे में निर्णय लेगी तो इस संबंध में मध्यप्रदेश सरकार द्वारा अलग से आदेश जारी किये जाएगे।
4. योजना जुलाई 1977 से अर्थात् माह जुलाई 1977 की 1 अगस्त, 1977 को देय पेंशन तथा उसके आगे से प्रारंभ की जाएगी। मामला
5. विद्यमान राज्य पेंशन भोगियों को, जो राज्य के कोषागारों से अपनी पेंशन आहरित कर रहे हों, कोषागार से ही या ऊपर पैरा 2 में दिये अनुसार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक की किसी भी शाखा से अपनी पेंशन आहरित करने का विकल्प होगा। इसी प्रकार इस योजना के प्रारंभ होने के पश्चात् सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारी अपनी इच्छानुसार अपनी पेंशन कोषागार/उपकोषागार से या किसी भी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक से आहरित कर सकते हैं।
5 (1) परिवार पेंशन पाने वाले पेंशन भोगियों सहित अन्य राज्य सरकारों के पेंशनभोगी, जो इस राज्य के कोषागारों /उपकोषागारों से पेंशन प्राप्त कर रहे हैं या जो इस राज्य से अपनी पेंशन प्राप्त करने के इच्छुक हैं, उन्हें भी यह छूट होगी कि वे अपनी पेंशन ऊपर पैरा-2 में उल्लिखित और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की किसी भी शाखा से या इस राज्य कोषागार/उपकोषागार से प्राप्त कर सकते हैं।
6. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से आहरित की जाने वाली पेंशन के संबंध में निम्नलिखित नियमों का पालन किया जाएगा। कोषागारों/उपकोषागारों से आहरित की जाने वाली पेंशन के लिये मध्यप्रदेश कोषागार संहिता में विहित नियमों के उपबंधों का पालन किया जाना चाहिये।
7. पेंशन भुगतान स्वतः होगा, कोई बिल प्रस्तुत करना आवश्यक नहीं होगा। मासिक पेंशन की राशि पेंशन भोगियों द्वारा चयन की गई भुगतान शाखा द्वारा, आगामी माह के प्रारंभ में उसके व्यक्तिगत बचत/चालू खाते में आंकलित की जाएगी। इस सुविधा का उपभोग करने वाला प्रत्येक पेंशनभोगी यदि उसका पहले से ही कोई खाता न हो, अपने नाम पर बचत/चालू खाता खोलेगा।
पेंशन का भुगतान नगद या संयुक्त या “दोनों में से एक या उत्तरजीवी खाते" के जरिए नहीं किया जाएगा।
टीप :- पेंशनभोगी के ऐसे खाते को, जिसमें शीर्षक में दी गई योजना के अधीन पेंशन आंकलित की जाती है, किसी अन्य व्यक्ति द्वारा (पेंशनभोगी द्वारा) उसके पक्ष में निष्पादित मुख्तारनामें के सामर्थ्य से संचालित करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। यदि पेंशनभोगी का पहले ही कोई खाता हो तथा उसके किसी मुख्तारनामाधारी को उसके एजेंट के रूप में उसे संचालित करने के लिये प्राधिकृत किया हो तो उससे एकमात्र अपने नाम पर नया खाता खोलने के लिये या ऐसे किसी खाते में पेंशन आंकलित किये जाने के पहले एटर्नी के पक्ष में अधिदेश को प्रति-संहृत करने के लिये कहा जाना चाहिए
8. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को पेंशन भुगतान कार्य के अंतरण की विभिन्न अवस्थाओं के लिये तथा पेंशन भुगतानों के लेखाकरण के लिए अपनाई जाने वाली प्रक्रिया निम्नलिखित पैराग्राफों में दी गई है।
 
प्रारम्भिक कार्यवाही
 
9.1 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक- इस प्रयोजन के लिये चुना गया प्रत्येक सार्वजनिक क्षेत्र बैंक, तत्काल जिले में अपनी विभिन्न शाखाओं द्वारा पेंशन भुगतान के संवितरण तथा लेखाकारण से संबंधित कार्य के समन्वय के लिये प्रत्येक जिले के मुख्यालय पर एक संबद्ध शाखा नाम निर्दिष्ट करेगा यदि सार्वजनिक क्षेत्र बैंक की किसी जिला मुख्यालय में कोई शाखा न हो तो उस जिले में उनकी किसी निकटस्थ शाखा को सम्बद्ध शाखा के रूप में नाम निर्दिष्ट किया जा सकेगा। सम्बद्ध शाखा का नाम तथा पता संबधित जिला कोषागार अधिकारी को तथा महालेखाकार, मध्यप्रदेश, ग्वालियर को भी, जिले में अन्य शाखाओं की संपूर्ण सूची तथा उनके पतों सहित संसूचित किया जाएगा। यह कार्यवाही यथासंभव की जानी चाहिए।
19.2 कोषागार - समस्त कोषागार तथा उपकोषागार उनके अंतर्गत भुगतान पाने वाले राज्य पेंशनभोगियों के पेंशन भुगतान आदेश के संवितरक के आधे हिस्से के नवीनीकरण के लिये, जहाँ ऐसे पेंशन भुगतान आदेश फट गए हों या खंडित हो गये हों, तत्काल कार्यवाही करेंगे। यह कार्य तत्काल पूरा किया जाना चाहिये।
उपर्युक्त पैराग्राफ 9.1 में निर्दिष्ट सार्वजनिक क्षेत्र बैंक की सम्बद्ध शाखा तथा अन्य शाखाओं के संबंध में जानकारी प्राप्त होने पर जिला कोषागार अधिकारी कोषागार की विशेष मुहर तथा साथ ही अपने नमूने के हस्ताक्षर, जो उस स्थान पर शासकीय कारोबार करने वाले स्टेट बैंक ऑफ इंडिया/इन्दौर के प्रबंधक/एजेंट द्वारा प्रति हस्ताक्षरित होंगे, की एक प्रति रजिस्ट्रीकृत लिफाफे में प्रत्येक सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक की सम्बद्ध शाखा के प्रबंधक/एजेंट के नाम से भेजेगा।
9.3 पेंशनभोगी - वर्तमान सरकार और अन्य सरकारें, सिविल पेंशनभोगी जो सार्वजनिक क्षेत्र बैंक की शाखा से अपनी पेंशन आहरित करने के इच्छुक हों, ऐसे कोषागार अधिकारी/कोषागार अधिकारी को, जिससे वे पेंशन प्राप्त कर रहे हों, परिशिष्ट एक में दिये गये फार्म में दो प्रतियों में आवेदन करेंगे।
पेंशनभोगी स्वंय के हित में, ऐसी पेंशन जो सार्वजनिक क्षेत्र बैंक में अंतरण के लिये आवेदन करने के पहले ही देय हो गई हो आहरित कर सकेंगे।
किसी माह की 15 तारीख तक प्राप्त आवेदन पत्र उस माह (आगामी पहली को देय) से संबद्ध पेंशनों के भुगतान के लिये सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की चुनी गई शाखाओं में तैयार किए जाएंगे।
किसी माह की 15 तारीख के बाद प्राप्त होने वाले आवेदन पत्रों के मामले में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक शाखा में उस माह से संबद्ध भुगतान में, पेंशन भुगतान आदेशों के आने-जाने में समयान्तर हो जाने के कारण कुछ दिनों का विलम्ब हो सकता है।
भावी पेंशन भोगी पेंशन के आवेदन पत्र में अपना विकल्प सूचित करेंगे।
10. नीचे पैरा 11 तथा 12 में बताए गए प्रारंभिक कार्य कोषागारों तथा सार्वजनिक क्षेत्र बैंकों द्वारा तत्काल पूरे किये जाने चाहिए ताकि पेंशन भुगतान योजना के आरम्भ होते ही सार्वजनिक क्षेत्र बैंकों द्वारा पेंशनों का (और अनाहरित बकाया रकमें, यदि कोई हों) का भुगतान करने में सुविधा हो।
 
जिला कोषागार द्वारा सम्बद्ध शाखा को पेंशन
भुगतान आदेशों का अंतरण
11. किसी उपकोषागार में प्राप्त आवेदन पत्रों के मामले में उपकोषागार अधिकारी विकल्प प्राप्त होंने पर तत्काल आवेदन पत्र की दोनों प्रतियाँ साथ ही पेंशन भुगतान आदेश का वितरक का आधा हिस्सा, जिला कोषागार अधिकारी को तत्काल अग्रेषित करेगा और इस प्रकार अंतरित पेंशन भुगतान आदेश की टीप अपने अभिलेख में दर्ज करेगा।
11.1 जिला कोषागार अधिकारी द्वारा पूर्ववर्ती पैराग्राफ में उल्लिखित किए अनुसार सीधे या उपकोषागार अधिकारी के जरिए प्राप्त पेंशनभोगियों के विकल्प आवेदन पत्र (मूल प्रति) उसके द्वारा अपनी विशेष मुहर के अधीन तथा पेंशन भुगतान आदेश के संवितरण के आधे हिस्से के साथ सार्वजनिक क्षेत्र बैंक के नाम निर्दिष्ट सम्बद्ध शाखा को भेजे जाएंगे और उसकी सूचना महालेखाकार, मध्यप्रदेश, ग्वालियर को दी जाएगी। दस्तावेज सम्बद्ध शाखा को वाहक के जरिये या रजिस्ट्रीकृत लिफाफे में भेजे जाएगे। साथ ही पेंशनभोगी को अपने भावी पेंशन भुगतानों को प्राप्त करने के लिये अपने आवेदन पत्र में विनिर्दिष्ट सार्वजनिक क्षेत्र बैंक शाखा से संपर्क स्थापित करने की सलाह दी जाएगी।
11.2 उपर्युक्त दस्तावेज सम्बद्ध शत्रा को अग्रेषित करते समय, वह माह, जिसमें जिस तक कोषागार/ उपकोषागार द्वारा पेंशन का भुगतान विना गया था। वह माह जिस माह से सार्वजनिक क्षेत्र बैंक शाखा द्वारा पेंशन भुगतान की व्यवस्था की जानी है, स्पष्टतः दर्शाया जाएगा। कोषागार/उपकोषागार द्वारा माह की 15 तारीख तक प्राप्त आवेदन पत्र जिला कोषागार द्वारा संबंधित सार्वजनिक क्षेत्र बैंक की सम्बद्ध शाखा को अधिक से अधिक माह की 25 तारीख तक अग्रेषित कर दिए जाने चाहिये ताकि सार्वजनिक क्षेत्र बैंक की भगतान शाखा द्वारा अगले माह की 1 तारीख को पेंशन भुगतान प्रारंभ करने में सुविधा हो।
11.3 नये पेंशनभोगियों के संबंध में महालेखाकार, मध्यप्रदेश, ग्वालियर जिला कोषागार अधिकारी को पेंशन भुगतान आदेश जारी करते समय पी. पी. ओ. पर ही ऐसे सार्वजनिक क्षेत्र बैंक की विशिष्ट शाखा या कोषागार/उपकोषागार का उल्लेख करेगा, जिसमें पेंशनभोगी ने पेंशन आहरित करने का विकल्प लिया हो। इन मामलों में कोषगार अधिकारी, पेंशन भुगतान आदेश के दोनों आधे हिस्से उस सार्वजनिक क्षेत्र बैंक की सम्बद्ध शाखा को अग्रेषित करेगा।
11.4 प्रत्येक जिला कोषागार उसके द्वारा सार्वजनिक क्षेत्र बैंक की सम्बद्ध शाखा को अंतरित समस्त पेंशन भुगतान आदेश का अभिलेख रखेगा जिसमें ऐसे अंतरण के लिए उपकोषागारों से प्राप्त पेंशन भुगतान आदेश भी शामिल होंगे। पेंशनभोगी के विकल्प आवेदन-पत्रों की दूसरी प्रति जिला कोषागार में रख ली जाएगी।
 
सम्बद्ध शाखा द्वारा सार्वजनिक क्षेत्र बैंक की भुगतान करने पर वाली शाखा को पेंशन भुगतान आदेश का प्रेषण
12. सार्वजनिक क्षेत्र बैंक नाम निर्दिष्ट सम्बद्ध शाखा में परिशिष्ट दो में विहित फार्म में पंजी रखेगा जो जिले में सार्वजनिक क्षेत्र बैंक द्वारा किए जाने के लिए प्राधिकृत पेंशन भुगतानों की सूची का कार्य करेगी।
12.1 उपर्युक्त 11.1 से 11.3 तक के पैराग्राफों में दर्शाए अनुसार जिला कोषागार से दस्तावेज प्राप्त होने पर सम्बद्ध शाखा पैरा 9.2 के अधीन प्राप्त तथा सम्बद्ध शाखा में रखे अभिलेख में किये गए कोषागार अधिकारी के संक्षिप्त हस्ताक्षर और विशेष मुहर का सत्यापन करेगी।
12.2 तत्पश्चात् कोषागार अधिकारी से प्राप्त दस्तावेज अर्थात् संवितरक का आधा हिस्सा/पेंशन भुगतान आदेश के दोनों हिस्से तथा पेंशनभोगी का मूल विकल्प आवेदन-पत्र तत्काल सम्बद्ध शाखा द्वारा पेंशनभोगी द्वारा विनिर्दिष्ट विशिष्ट शाखा को जिसे इसमें इसके पश्चात् “भुगतान शाखा" कहा गया, अग्रेषित कर दिया जाएगा।
 
भुगतान शाखा के कार्य
13. ऊपर बताए अनुसार सम्बद्ध शाखा से दस्तावेज प्राप्त होने पर और पेंशन का भुगतान प्रारंभ करने के पूर्व भुगतान शाखा :-
(एक) पेंशनभोगी से यह वचन लेगी कि किसी सारभूत जानकारी के प्राप्त होने में विलम्ब होने के कारण या किसी भी वास्तविक भूल के कारण उसके खाते में आंकलित, अधिक भुगतान की बैंक द्वारा वसूली की जा सकेगी; तथा
(दो) नए पेंशनभोगी के मामले में, पेंशन भुगतान आदेश के संवितरक के हिस्से में इस प्रयोजन के लिये
 दिये स्थान में यथास्थिति नमूने के हस्ताक्षर या अंगूठे का निशान लेगी और पेंशन भुगतान आदेश
 का पेंशन का हिस्सा उसे सौंप देगी।
13.1 पहचान की प्रक्रिया मध्यप्रदेश कोषागार संहिता जिल्द एक के सहायक नियम, 376 में दी गई है। इसमें पेंशनभोगी के हस्ताक्षरों की पेंशन भुगतान आदेश के संवितरक के हिस्से में उपलब्ध हस्ताक्षरों से जाँच तथा उस पर दिये गये पेंशनभोगी के फोटो का मिलान भी शामिल है। 
यदि संवितरक के हिस्से में फोटो उपलब्ध न हो जो भुगतान शाखा यथोचित समय में पेंशनभोगी से नया फोटो प्राप्त करेगी (सार्वजनिक क्षेत्र बैंक के किसी भी अधिकारी द्वारा फोटो अभिप्रमाणित की जा सकती है) और संवितरक के हिस्से को पूरा करेगी।
13.2 पेंशनभोगी की ऐसी व्यक्तिगत, शिनाख्त भुगतान शाखा में पेंशन के केवल प्रथम भुगतान के लिये होगी।
13.3 पेंशनभोगी द्वारा भुगतान शाखा से पेंशन आहरित करने के लिए कोई बिल प्रस्तुत किया जाना अपेक्षित नहीं होगा। पेंशन का भुगतान शाखा द्वारा कर की कटौती के बाद, भुगतान शाखा में पेंशनभोगी के बचत/चालू खाते में आकलित कर किया जाएगा। पेंशन का भुगतान नकद या संयुक्त या “दोनों में से एक या उत्तरजीवी खाते" के जरिए नहीं किया जाएगा। भुगतान शाखा पेंशनभोगी के खाते में किसी माह में देय पेंशन की शुद्धि राशि आगामी माह के प्रथम कार्य दिवस को आंकलित करेगी। यदि आपवादिक मामलों में पेंशन का भुगतान प्रथम कार्य दिवस को आकलित न किया जा सके तो यह अवश्य ही सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि उसे उसके पश्चात् तथा संभव शीघ्र और किसी भी स्थिति में उस माह जिस माह पेंशन देय हो, के पश्चात्वर्ती माह की अधिक से अधिक 7 तारीख तक आकलित कर दिया जाना चाहिए।
 
विषय- पति या पत्नी के साथ संयुक्त खाते के माध्यम से पेंशन भुगतान
“सार्वजनिक क्षेत्रों के बैंकों द्वारा मध्यप्रदेश शासन के सिविल पेंशन भोगियों के पेंशन की भुगतान योजन" के पैरा 13.3 के अनुसार पेंशनर को उसकी पेंशन व्यक्तिगत बचत/चालू बैंक खाते में जमा कर भुगतान की सुविधा है। पेंशन भुगतान की उक्त योजना की कंडिका 5, 6, 7 एवं 13 में पेंशनरों के बैंक खातों में पेंशन जमा करने की वर्तमान प्रक्रिया वर्णित है, परन्तु विद्यमान योजना के अंतर्गत “संयुक्त या दोनों में से एक या उत्तरजीवी" खाते में जमा की अनुमति नहीं है।
2. शासन द्वारा निर्णय लिया गया है कि पेंशनर के पति या पत्नी, जिसके पक्ष में पी.पी.ओ. में परिवार पेंशन का प्राधिकरण विद्यमान है, के “संयुक्त बैंक खाते' में पेंशन जमा करने की अनुमति दी जाए। पेंशनर का पति या पत्नी, के साथ संयुक्त खाते (“पहले अथवा उत्तरजीवी" अथवा "दों मे से एक या उत्तरजीवी खाता") के माध्यम से निम्नलिखित शतों के अधीन पेंशन का भुगतान किया जा सकता है
(i) एक बार जब पेंशनर के बैंक खाते में पेंशन जमा हो जाती है तो शासन/बैंक का दायित्व समाप हो जाएगा। इसके बाद यदि पति या पत्नी खाते से भूल से राशि आहरित करता है तो बैंक या शासन का कोई दायित्व नहीं रहेगा।
(ii) चूँकि पेशन, पेंशनर के जीवनकाल के लिए ही देय होती है, अतः उसकी मृत्यु की सूचना बैंक को शीघ्रातिशीघ्र दी जाना चाहिए। यह सूचना मृत्यु के एक माह के भीतर अनिवार्यतः दी जाए ताकि पेंशनर की मृत्यु के बाद बैंक संयुक्त खाते में पेंशन जमा करना निरन्तर न रखे। यदि कोई राशि भूल से संयुक्त खाते में जमा हो जाती है तो यह राशि पेंशनर के खाते अथवा अन्य खाते से वसूली योग्य होगी, चाहे यह खाता एकल हो या पति या पत्नि के साथ संयुक्त रूप से हो। कानूनी वारिस, उत्तराधिकारी, निष्पादक, आदि भी संयुक्त खाते में भूल से जमा राशि की वापसी के लिए दायी होंगे।
(iii) संयुक्त खाते की व्यवस्था की स्थिति में भी पेंशन के एरियर्स के लिए नामांकन के अनुसार भुगतान किए जाने के निर्देश लागू होंगे।
3. विद्यमान पेंशन जो उपर्युक्तानुसार संयुक्त खाते में पेंशन जमा कराने हेतु इच्छुक हो वे उस बैंक शाखा, जहाँ से वे पेंशन अहरित कर रहे हैं, को संलग्न प्रपत्र में आवेदन करेंगे। यह आवेदन-पत्र, इस ज्ञाप के निबंधन एवं शर्ते स्वीकार होने की स्वीकृति के प्रतीक स्वरूप, पेंशनर के पति अथवा पत्नी द्वारा भी हस्ताक्षरित किया जाएगा। ह निर्देश ऐसे शासकीय सेवकों को भी लागू होंगे जो यह ज्ञाप जारी हो के बाद सेवानिवृत्त होंगे।
4. विद्यमान योजना ऊपर इंगित किए अनुसार संशोधित समझी जावेगी। योजना में औपचारिक संशोधन यथा समय जारी किया जाएगा।
5. सभी विभागों/विभागाध्यक्षों तथा तभी अधिकृत बैंकों से अनुरोध है कि वे इस ज्ञाप द्वारा लागू व्यवस्ता का पर्याप्त प्रचार एवं प्रसार करें ताकि पेंशनर इस सुविधा का लाभ ले सकें।
[म.प्र. शासन वि.वि. क्र. एफ- 9/9/2006/नियम/चार दिनांक 4 नवम्बर 2006]
 
प्रपत्र
प्रति,
शाखा प्रबंधक
..............................(बैंक)
.............................. (शाखा एवं पता)
..............................
विषय- पी.पी.. क्रमांक .............. के अंतर्गत पेंशन का आपकी शाखा के माध्यम से भुगतान।
प्रिय महोदय/महोदया,
मैं अपने पी.पी.ओ. क्रमांक....................... के अंतर्गत देय पेंशन आपकी शाखा में मेरे तथा मेरे पति/पत्नी, जिनके पक्ष में मेरी परिवार पेंशन का प्राधिकरण मेरे पेंशन भुगतान आदेश में विद्यमान है, दारा परिचालित संयुक्त बचत/चालू खाता क्रमांक ................ में जमा द्वारा चाहता/चाहती हूँ।
2. मैंने मध्यप्रदेश शासन, वित्त विभाग के ज्ञाप क्रमांक................ दिनांक................. को पढ़ और समझ लिया है जिसमें निम्नलिखित निबंधन एवं शर्ते हैं-
(i) एक बार जब पेंशनर के बैंक खाते में पेंशन जमा हो जाती है तो शासन/बैंक का दायित्व समाप्त हो जाएगा। इसके बाद यदि पति या पत्नी खाते से भूल से राशि आहरित करता है तो बैंक या शासन का कोई दायित्व नहीं रहेगा।
(ii) चूँकि पेंशन, पेंशनर के जीवनकाल के लिए ही देय होती है, अतः उसकी मृत्यु की सूचना बैंक को शीघ्रातिशीघ्र दी जाना चाहिए। यह सूचना मृत्यु के एक माह के भीतर अनिवार्यतः दी जाए ताकि पेंशनर की मृत्यु के बाद बैंक संयुक्त खाते में पेंशन जमा करना निरन्तर न रखे। यदि कोई राशि भूल से संयुक्त खाते में जमा हो जाती है तो यह राशि पेंशनर के खाते अथवा अन्य खाते से वसूली योग्य होगी, चाहे वह खाता एकल हो या पति या पत्नी के साथ संयुक्त रूप से हो। कानूनी वारिस, उत्तराधिकारी, निष्पादक, आदि भी संयुक्त खाते में भूल से जमा राशि की वापसी के लिए
 दायी होंगे।
(iii) संयुक्त खाते की व्यवस्था की स्थिति में भी पेंशन के एरियर्स के लिए नामांकन
 के अनुसार भुगतान किए जाने के निर्देश लागू होंगे।
3. मैं और मेरी पत्नी/पति उक्त निबंधन एवं शर्तों को स्वीकार करते हैं और इसके स्वीकार करने के प्रतीक स्वरूप नीचे हस्ताक्षर किए गए हैं।
दिनांक.............................. 1. पेंशनर के हस्ताक्षर 2. पति अथवा पत्नी
के हस्ताक्षर
स्थान..............................
पता ..............................
 
13.3 क. भुगतान शाखा द्वारा किए गए पेंशन भुगतान का परिशिष्ट-तीन या परिशिष्ट- तीन 'क' जो भी स्थिति हो, में विहित फार्म में विस्तृत अभिलेख रखेगी। परिशिष्ट -तीन का उपयोग 31-10-2000 के पूर्व सेवा निवृत्त हुए कर्मचारियों को किया जाएगा, जबकि परिशिष्ट-तीन 'क' का उपयोग 1-11-2000 के पश्चात् सेवा निवृत्त हुए कर्मचारियों के लिए होगा। इस प्रकार भुगतान शाखा को उक्त दो प्रकार के पेंशनरों के विषय में दो अलग-अलग प्रपत्रों में अभिलेख संधारित करने होंगे। [.प्र. वि. वि. अधि. क्र. डी 1692/2000/PWC/चार दि. 29.11.2000 द्वारा 12 '' जोड़ी गई। 13.5 तथा 13.6 संशोधित।]
13.4 भुगतान -शाखा, समय -समय पर विहित दरों के अनुसार पेंशन के स्रोत पर आयकर की कटौती के लिए उत्तरदायी होगी। जहाँ ऐसी कटौतियाँ की जाए वहां भुगतान शाखा में पेंशनभोगी को प्रत्येक वर्ष अप्रैल में आयकर नियमों में विहित फार्म में काटे गए कर का एक प्रमाणपत्र जारी करेगी।
13.5 भुगतान-शाखा समय-समय पर उसके द्वारा किये गए पेंशन भुगतानों का परिशिष्ट- तीन या परिशिष्ट-तीन 'क' जो भी स्थिति हो, में विहित फार्म में विस्तृत अभिलेख करेगी। प्रत्येक भुगतान की प्रतिष्टि पेंशन भुगतान आदेश के संवितरक के हिस्से में भी की जाएगी और भुगतान शाखा के प्राधिकृत अधिकारी द्वारा अभिप्रमाणित की जाएगी। भुगतान शाखा पेंशन भुगतान के स्क्रोल में भुगतान कोड 101 अधिवार्षिकी या सेवा निवृत्ति पेंशन, 105 परिवार पेंशन, 111 विधायकों को पेंशन, 800 या अन्य व्यय 8685 -हाईकोर्ट जजों की पेंशन, दर्शाएगी।
13.6 भुगतान शाखा द्वारा सिवाय उस स्थिति के जब भुगतान तथा सम्बद्ध एक न हो, परिशिष्ट तीन में या परिशिष्ट-तीन 'क' जो भी स्थिति हो में विहित फार्म में चार प्रतियों में स्क्रॉल तैयार किये जाएगे। भुगतान शाखा तथा सम्बद्ध शाखा एक होने की स्थिति में केवल तीन प्रतियाँ तैयार की जाएंगी।
भुगतान-शाखा पेंशन भुगतान की सूचना अपनी सम्बद्ध शाखा को प्रत्येक माह की 10 तारीख तक भेजेगी, भुगतान का प्रमाण-पत्र सूचना पर ही अभिलिखित किया जाएगा। स्क्रॉल की एक प्रति भुगतान-शाखा द्वारा स्वयं के अभिलेख के लिये रख ली जाएगी और स्क्रॉल की शेष प्रतियां पेंशनभोगी द्वारा नीचे पैरा 18 के अधीन प्रस्तुत किये जाने वाले प्रमाण-पत्रों के साथ और पेंशन भुगतान सूचना के साथ सम्बद्ध शाखा को भेजी जाएंगी।
 
संबंद्ध शाखा के कार्य
14. जिले की समस्त भुगतान शाखाओं से आवश्यक जानकारी सहित भुगतान सूचना तथा स्क्रॉल की तीन प्रतियाँ प्राप्त होने पर, सम्बद्ध शाखा, प्रत्येक माह की 15 तारीख तक स्क्रॉल की दो प्रतियाँ और सहायक दस्तावेज तथा साथ ही संक्षिप्त पत्रक (समरी शीट) तथा पेंशनभोगियों की ओर से शासन से रकम की प्राप्ति की रसीद की अभिस्वीकृति देते हुए, सम्यक् रूप से मुद्रांकित रसीद स्टेट बैंक इंडिया या उसकी सहायक शाखाओं को, जो जिला मुख्यालयों पर शासकीय कारोबार कर रही हों, भेजेगी। भुगतान शाखाओं से प्राप्त स्क्रॉल की तीसरी प्रति तथा भुगतान संबंधी सूचनाएं सम्बद्ध शाखा द्वारा रख ली जाएंगी।
 
सार्वजनिक क्षेत्र बैंक की प्रतिपूर्ति तथा अनुवर्ती कार्यवाही
15. सार्वजनिक क्षेत्र बैंक से स्क्रॉल आदि प्राप्त होने पर सम्बद्ध शाखा स्टेट बैंक ऑफ इंडिया या उसकी सहायक शाखा यह सुनिश्चित करने के लिये स्क्रॉल की जाँच करेगी कि वह सभी दृष्टि से पूर्ण है और उसके साथ उसमें शामिल किये गये प्रत्येक भुगतान के संबंध में संगत प्रमाण-पत्र हैं। तत्पश्चात् सार्वजनिक क्षेत्र बैंक द्वारा संवितरित पेंशन की शुद्ध राशि की सार्वजनिक क्षेत्र बैंक को, राज्य शासन के लेखे से विकलन द्वारा प्रतिपूर्ति कर दी जाएगी। सम्बद्ध शाखा से प्राप्त विकलन सूचना की एक प्रति औरसाथ में स्क्रॉल की दोनों प्रतियाँ तथा अन्य सहायक दस्तावेज स्टेट बैंक ऑफ इंडिया या उसकी सहायक शाखा द्वारा जिला कोषागार अधिकारी को भेजे जाएगे।
टीप- स्टेट बैंक ऑफ इंडिया या उसकी सहायक शाखा, स्टेट बैंक ऑफ इन्दौर, जिससे सम्बद्ध शाखा प्रतिपूर्ति दावा कर सकेगी वह होगी जो उस कोषागार के साथ लेन-देन करेगी जिसने सार्वजनिक क्षेत्र बैंक का पेंशन भुगतान आदेश अंतरित किया था।
16. कोषागार अधिकारी योगों की सत्यता की जाँच करेगा और तत्पश्चात् महालेखाकार, मध्यप्रदेश ग्वालियर को स्क्रॉल की मूल प्रति तथा संबंधित दस्तावेजों के साथ प्रस्तुत किये जाने वाले अपने लेखाओं में लेन-देन करेगा। स्क्रॉल की दूसरी प्रति जिला कोषागार में रखी जाएगी।
16.1 कोषागार अधिकारी, महालेखाकार, मध्यप्रदेश, ग्वालियर को कोषागारं लेखे भेजते समय सकल पेंशनों तथा आयकर के निमित्त की गई कटौतियों के लेखाकारण के लिये उत्तरदायी होगा।
17. कोषागार लेखे प्राप्त होने पर महालेखाकार, मध्यप्रदेश, ग्वालियर लेन-देनों का सामान्य क्रम में समायोजन करेगा।
 
पेंशनभोगियों द्वारा प्रस्तुत किये जाने वाले प्रमाण-पत्र
18. जीवन प्रमाण-पत्र-पेंशनभोगियों के लिये वर्ष में एक बार नवम्बर महीने में परिशिष्ट चार (ए) में विहित फार्म में एक जीवन प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करना अपेक्षित होगा। इस प्रयोजन के लिये सार्वजनिक क्षेत्र बैंक के अधिकारी जीवन प्रमाणपत्र देने के लिए प्राधिकृत हैं।
18.1 बेरोजगारी प्रमाण-पत्र- सेवानिवृत्त राज्य सेवा प्रथम श्रेणी अधिकारियों तथा अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों से अपेक्षा की जाती है कि वे अपनी सेवानिवृत्ति की तारीख से दो वर्ष के भीतर वाणिज्यिक नियोजन/स्वीकार करने/स्वीकार न करने के संबंध में तथा भारत से बाहर कहीं किसी शासन के अधीन कोई नियोजन स्वीकार करने/स्वीकार न करने के संबंध में प्रति मई तथा नवम्बर में परिशिष्ट चार (दो) में विहित फार्म में एक घोषणा प्रस्तुत करेंगे। ऐसे मामलों में जहाँ शासन का अनुमोदन प्राप्त किये बिना (सेवानिवृत्त की तारीख से दो वर्ष की भीतर) वाणिज्यिक नियोजन/भारत के बाहर किसी शासन के अधीन नियोजन स्वीकार किया गया हो, वहां भुगतान शाखा आगे और पेंशनों का भुगतान करने के पहले जिला कोषागार अधिकारी के मार्फत शासन के आदेश प्राप्त करेगी। पेंशन भुगतान आदेश में दर्शाई गई पेंशन पर राहत का भुगतान, भुगतान शाखा द्वारा रोक दिया जाएगा, यदि राज्य शासन का कोई पेंशनभोगी राज्य शासन, अन्य राज्य शासन, केन्द्रीय शासन, राष्ट्रीयकृत बैंक, शासकीय सार्वजनिक उपक्रम, स्वायत्त/स्थानीय निकाय के अधीन नियोजित/पुनर्नियोजित हो जाए।
18.2 विवाह करने/पुनर्विवाह करने का प्रमाण-पत्र- परिवार पेंशन प्राप्त करने वाली/ वाले किसी विधवा के मामले में परिशिष्ट चार (तीन) में विहित पुनर्विवाह का प्रमाण-पत्र आवश्यक नहीं होगा। विधवा से यह वचन बंध प्राप्त किया जाएगा कि ऐसी किसी भी घटना की सूचना वह तत्काल संवितरण कार्यालय को देगी।
परिवार पेंशन प्राप्त करने वाले अन्य व्यक्तियों विधवा या अविवाहित पुत्री के मामले में परिशिष्ट चार (तीन) में विहित फार्म में पुनर्विवाह/विवाह न करने का प्रमाणपत्र, पेंशन पाने वाले व्यक्ति द्वारा प्रत्येक छह माही में एक बार (मई तथा नवम्बर में) प्रस्तुत किया जाना अपेक्षित होगा।
पेंशनों का अंतरण
19. पेंशन के अंतरण के आवेदन पत्र निम्नलिखित प्रवर्गों में से किसी भी प्रवर्ग के अंतर्गत आ सकते:-
(एक) उसी स्थान पर उसी जिले के उसी सार्वजनिक बैंक की किसी एक भुगतान शाखा से अन्य भुगतान शाखा को अंतरण;
(दो) एक ही स्थान के एक सार्वजनिक क्षेत्र बैंक से अन्य सार्वजनिक क्षेत्र बैंक को अंतरण (ऐसे अंतर की वित्तीय वर्ष में केवल एक बार ही अनुमति दी जाएगीः; तथा
(तीन) विभिन्न जिलों में एक स्थान से अन्य स्थान को अंतरण ।
19.1 उपर्युक्त प्रवर्ग (एक) के अंतर्गत आने वाले निवेदन स्वयं सार्वजनिक क्षेत्र बैंक द्वारा स्वीकार किय जाएगे। भुगतान शाखा पेंशन भुगतान आदेश के संवितरक के हिस्से पर वह माह दर्ज करेगी, जिस तक भुगतान किया गया है और तत्पश्चात् पेंशन भुगतान आदेश का संवितरक का हिस्सा सम्बद्ध शाखा को लौटा देगी। पेंशन भुगतान आदेश का संवितरक का हिस्सा प्राप्त होने पर सम्बद्ध शाखा परिशिष्ट दो में दिय गये फार्म में उसके द्वारा खाली रखी गई पंजी में आवश्यक प्रविष्टि करेगी और पेंशन भुगतान आदेश का संवितरक का हिस्सा भविष्य में पेंशन भुगतानों के लिये अन्य भुगतान शाखा को अग्रेषित करेगी तथा जिला कोषागार को इसकी सूचना देगी।
19.2 उपर्युक्त (दो) तथा (तीन) के अंतर्गत आने वाले किसी मामले में भुगतान शाखा अपनी सम्बद्ध शाखा के जरिये पेंशन भुगतान आदेश के दोनों हिस्से में वह माह दर्शायेगी, जिस तक पेंशन भुगतान किया गया हो, दर्शाते हुए जिला कोषागार अधिकारी, को लौटा देगी। यह प्राप्त होने पर जिला कोषागार अधिकारी यथास्थिति इन आदेशों या मध्यप्रदेश कोषागार संहिता जिल्द के एक सहायक नियम 344 के निबन्धनों के अनुसार पेंशनभोगी के निवेदन के अनुसार सार्वजनिक क्षेत्र की किसी शाखा या कोषागार/ उपकोषागार में पेंशन के भुगतान के लिये आवश्यक कार्यवाही करेगा।
19.3 अंतरण के समय अधिक भुगतान के जोखिम से बचने के लिये सार्वजनिक क्षेत्र बैंक की भुगतान शाखा द्वारा पेंशन भुगतान आदेश पर निम्नलिखित प्रमाण-पत्र अभिलिखित किया जाएगाः
“प्रमाणित किया जाता है कि.............माह तक पेंशन का भुगतान कर दिया गया है, और इस पेंशन भुगतान आदेश में संवितरण अभिलिखित करने के लिये........... सिलसिलेवार पत्रक समादिष्ट हैं।"
19.4 उपर्युक्त उपबंधित स्थिति को छोड़कर एक भुगतान केन्द्र से दूसरे भुगतान केन्द्र को पेंशन के अंतरण की अनुमति सामान्यतः नहीं दी जाएगी।
20. जब कभी मध्यप्रदेश अथवा छत्तीसगढ़ राज्य शासन द्वारा पेंशनों पर कोई अतिरिक्त राहत मंजूर की गई हो तो इस भुगतान को मंजूर करने वाले आदेश की पर्याप्त संख्या में प्रतियाँ तथा उससे संबंधित आशु-परिकलक (रेडी रेकनर) संबंधित राज्य शासन, वित्त विभाग द्वारा सीधे सार्वजनिक क्षेत्र बैंक के क्षेत्रीय/स्थानीय मुख्य कार्यालय को भेजा जाएगा। इसके बाद ये कार्यालय कार्यान्वयन के लिये इन आदेशों की प्रतियां अपनी-अपनी संबंधित शाखाओं को भेजने की तत्काल अर्थात् 10 दिनों के भीतर व्यवस्था करेंगे। प्रत्येक भुगतान शाखा, राज्य के सिविल पेंशन भोगियों को देय पेंशनों पर राहत की पुनरीक्षित दरें शीघ्र निर्धारित करेगी। प्रत्येक पेंशन भोगी पर लागू इन दरों की गणना परिशिष्ट छह के अनुसार की जाएगी और ये दरें तथा इनके प्रभावी होने की तारीख/तारीखें पेंशन भुगतान आदेश के संवितरक के हिस्से में दर्ज की जाएंगी और शाखा प्रबंधक या प्रभारी द्वारा, पेंशनभोगियों को इन दरों राहत का तथा साथ की बकाया राशि, यदि इन निमित्त उन्हें कोई देय हो, भुगतान करने के पूर्व इनका अभिप्रमाणन किया जाएगा।
20.1 पुनरीक्षित दरों (परिशिष्ट छह) की गणनाएं दर्शाने वाला विवरण चार प्रतियों में तैयार किया जाएगा। उसकी प्रथम तीन प्रतियाँ भुगतान शाखा द्वारा संबंधित कोषागार अधिकारी को (उनकी सम्बद्ध शाखाओं के जरिए) सत्यापन तथा विवरण लिये भजी जाएगी तथा चौथी प्रति उसके द्वारा कार्यालय प्रति के रूप में रख ली जाएगी। कोषागार अधिकारी तत्काल विवरण में दी गई गणनाओं की जाँच करेगा और जहां भी आवश्यक हो वहां तीन प्रतियों में अपने अभिप्रमाणन के अधीन विवरण के अभ्युक्ति खाने में अतिरिक्त राहत की सही पनरीक्षित दरें दर्शायेगा। वह अपने द्वारा सम्यक रूप से जाँची गई तथा अभिप्रमाणित विवरण की मूल प्रति, उसकी प्राप्ति के दो सप्ताह के भीतर, सम्यक् शाखा की मार्फत भुगतान को लौटा देगा। दूसरी प्रति उसके द्वारा महालेखाकार को भेजी जाएगी, जबकि तीसरी प्रति उसके अभिलेख के लिए रख ली जाएगी। सत्यापित विवरण के अभ्युक्ति खाने में कोषागार अधिकारी द्वारा किये गये सुधार, यदि कोई हो सम्बद्ध शाखा द्वारा तत्काल उसके संबंधित अभिलेखों में दर्ज किये जाएगे और तत्पश्चात् वह उस विवरण को पेंशन भुगतान आदेश के संवितरक के हिस्से के संबंध में तथा अन्य संबंधित अभिलेखों के संबंध में इसी प्रकार की कार्यवाही के लिये भुगतान शाखा को भेजेगी तत्पश्चात् भुगतान शाखा पुनरीक्षित तथा सत्यापित दरों पर पेंशनभोगियों को पश्चात्वर्ती भुगतान करने के लिये कार्यवाही करेगी और उपर्युक्त पैरा 20 के अनुसार भुगतान करने के लिये प्रारम्भ में अपनाई गई पुनरीक्षित दरों के आधार पर उसके द्वारा पहले ही किए गए किसी अधिक भुगतान/कम भुगतान को समायोजित करेगी।
20.2 अत्याधिक अपवादित परिस्थितियों में यदि कोई भुगतान शाखा, उपर्युक्त पैराग्राफ 20 तथा 20.1 के अनुसार दरें न निकाल पाए, तथा भुगतान न कर पाए तो वह अतिरिक्त राहत मंजूर करने वाले आदेशोंकी प्रति प्राप्त होने पर परिशिष्ट छह में दिये अनुसार उसी फार्म में तत्काल तीन प्रतियों में एक विवरण तैयार करेगी, जिसमें उसके भुगतान के अंतर्गत आने वाले राज्य शासन के समस्त सिविल पेंशन भोगी शामिल होंगे, किन्तु उसका खाना 6 तथा 7 खाली छोड़ दिया जाएगा और उसे वह अतिरिक्त राहत की पुनरीक्षित दरों की गणना के लिए सम्बद्ध शाखा के जरिये (तत्काल कोषागार अधिकारी को भेज देगी) कोषागार अधिकारी ये दरें निकालेगा और तीन प्रतियों में खाना 6 तथा 7 भरेगा और उन्हें अभिप्रमाणित करेगा। वह दो सप्ताहों के भीतर मूल विवरण सम्बद्ध शाखा के जरिये भुगतान शाखा को लौटा देगा तथा दूसरी प्रति महालेखाकार को भेजेगा और तीसरी प्रति कार्यालय अभिलेख के लिये रख लेगा। सम्बद्ध शाखा पुनरीक्षित दरों वाला विवरण अपने सम्बद्ध अभिलेखों में राशि दर्ज करने के बाद भुगतान शाखा को संप्रेषित कर देगा। पूर्ण विवरण प्राप्त होने पर भुगतान शाखा पेंशन भुगतान आदेश के संवितरक के हिस्से में से पुनरीक्षित हकदारियाँ भी दर्ज करेगी जो शाखा प्रबंधक या प्रभारी द्वारा अभिप्रमाणित की जाएगी तथा पेंशनभोगियों को पुनरीक्षित दरों पर राहत राशि उसके खाते में जिससे पेंशन का भुगतान होता है उन्हें देय बकाया राशि, की प्रविष्टि करेगी और भुगतान की कार्यवाही प्रारंभ करेगी।
20.3 अतिरिक्त राहत की मंजूरी के कारण बढ़ी हुई हकदारियाँ तथा उनके प्रभावी होने की तारीख, (तारीखे) पेंशनभोगियों द्वारा निवेदन किये जाने पर भुगतान शाखा द्वारा पेंशन भुगतान आदेश के पेंशनभोगियों के हिस्सों में तभी दर्ज की जाएंगी, जब वे कोषागार अधिकारी द्वारा सत्यापित कर सूचित कर दी गई हों।
20.4 प्रत्येक सम्बद्ध शाखा यह सुनिश्चित करने के लिये उत्तरदायी होगी किः-
(क) अतिरिक्त राहत मंजूर करने वाले आदेश की प्रतियाँ वस्तुतः उनकी भुगतान शाखाओं द्वारा प्राप्त की गई हैं, तथा
(ख) पेंशनभोगियों को पुनरीक्षित दरों पर अतिरिक्त राहत का भुगतान बिना किसी अवांछित विलम्ब के प्रारंभ कर दिया गया है।
वे उन मामलों में भी कोषागार अधिकारी से चर्चा करेंगे जिनमें पुनरीक्षित दरों पर हकदारी राहत का सत्यापन करने या सूचना देने में एक माह से अधिक का विलम्ब हुआ है। ऐसे मामले जिनमें तीन माह से अधिक का विलम्ब हुआ हो, उपर्युक्त उपचारी कार्यवाही के लिये महालेखाकार की जानकारी में लाए जाएगे और एक प्रति वित्त विभाग को भेजी जाएगी।
 
पेंशनों का लघुकरण
21. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक के जरिये किये जाने वाले भुगतानों में, पेंशन का लघुकरण स्वीकृत होने के मामले में उसके भुगतान तथा पेंशन भुगतान आदेश के संशोधन के लिये निम्नलिखित प्रक्रिया अपनाई जायेगी।
21. महालेखाकार, मध्यप्रदेश, ग्वालियर से लघुकरण को मंजूर करने वाली तथा लघुकरण के पश्चात् देय पेंशन की पुनरीक्षित दर दर्शाने वाली संसूचना प्राप्त होने पर कोषागार अधिकारी उसे, भुगतान की व्यवस्था के लिये सार्वजनिक क्षेत्र बैंक की सम्बद्ध शाखा के जरिये भुगतान शाखा को अपनी मुहर लगा कर अग्रेषित करेगा। प्राधिकार प्राप्त होने पर भुगतान शाखा :-
(एक) पेंशन के लघुकृत भाग के भुगतान की तत्काल व्यवस्था और संबंधित भुगतान स्क्रॉल में, भुगतान की इस मद के सामने महालेखाकार के प्राधिकार-पत्र दर्शायेगी;
(दो) पेंशन भुगतान आदेश के संवितरक के हिस्से में (साथ ही अवसर मिलते ही पेंशन भुगतान आदेश के पेंशनभोगी के हिस्से में) लघुकरण भुगतान की तारीख तथा वह तारीख जब से लघुकृत पेंशन देय हो (जैसा कि लघुकरण मंजूरी में दर्शाया गया है) दर्ज करेगी;
(तीन) लघुकृत पेंशन का भुगतान प्रारंभ करेगी और साथ ही साथ पेंशनभोगियों को किये गये अधिक
 भुगतान, यदि कोई हों, की वसूली की व्यवस्था करेगी; तथा
(चार) कोषागार अधिकारी को, सम्बद्ध शाखा के जरिये ऐसी तारीख, जिस तारीख को पेंशन के लघुकृत भाग का भुगतान किया गया हो और वह तारीख, जिस तारीख से लघुकृत
 भुगतान प्रारम्भ किया गया हो, की सूचना देगी।
सम्बद्ध शाखा भी ऐसी सूचना के आधार पर अपने अभिलेखों में उपर्युक्त प्रविष्टियाँ करेगी।
"[21.2] ऐसे किसी भी पेंशनर को, जिसने अपनी पेंशन का भाग कम्यूट किया हो तथा जिसने 70 वर्ष की आयु पूर्ण कर ही हो, 70 वर्ष की आयु प्राप्त करने के माह के पश्चात् आने वाले पहले दिन से उसकी पेंशन के कम्यूट किये गये हिस्से को फिर चालू कर दिया जाएगा। प्रत्यार्वित पेंशन को पुनः कम्यूट करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
21.3 कोई भी पेंशन, जो पैराग्राफ 21.3 के अनुसार प्रत्यावर्तन के लिये पात्र हो, संबंधित सार्वजनिक क्षेत्र बैंक की मध्यप्रदेश सिविल सेवा (पेंशन का कम्यूटेशन) नियम 1996 के प्रारूप 'ग' में आवेदन करेगा, जो पेंशन के कम्यूटेड भाग को प्रत्यावर्तन करेगा।]" [वित्त विभाग की अधिसूचना क्र. बी. 25/13/96/पी. डब्ल्यू. सी./चार दि. 27.2.97 द्वारा जोड़ा गया।]
 
पेंशनभोगी की मृत्यु हो जाने पर पेंशन की बकाया राशि
22. पेंशन, पेंशनभोगी की मृत्यु के दिन के लिये आहरित की जा सकती है। किसी पेंशनभोगी की मृत्यु हो जाने पर, भुगतान शाखा पेंशनभोगी का मृत्यु प्रमाण-पत्र प्राप्त करेगी और मृत व्यक्ति को देय किसी भी बकाया राशि को या उसे किये गये किसी अधिक भुगतान, यदि कोई हो, का हिसाब निकालेगी वह मृत व्यक्ति के खाते से अधिक भुगतान की वसूली के लिये तत्काल कार्यवाही करेगी जिसके लिये सार्वजनिक क्षेत्र बैंक ने उपर्युक्त पैराग्राफ 13 (दो) में दिये अनुसार पेंशन भोगी से वचन बंध प्राप्त किया हो। "मृत पेंशनभोगियों के वारिस को" किन्हीं भी बकाया राशियों के भुगतान के लिये, भुगतान शाखा
मामला अपनी संपर्क शाखा के जरिये संबंधित कोषागार को निर्दिष्ट करेगी और कोषागार मध्यप्रदेश कोषगार संहिता, जिल्द-एक के सहायक नियम 388 के अनुसार कार्यवाही करेगा।
 
परिवार पेंशन
23. महालेखाकार द्वारा जारी पेंशन भुगतान आदेश पेंशन भोगी की मृत्यु के परिणामस्वरूप विधवा/पति को देय परिवार पेंशन के संबंध में हकदारी दर्शाता है। कोषागार अधिकारी किसी पेंशनभोगी का मृत्यु प्रमाण-पत्र प्राप्त होने पर तथा उसे परिवार पेंशन देने के लिये फार्म मध्यप्रदेश कोषालय संहिता 42-अ (परिशिष्ट पाँच) में आवेदन प्राप्त होने पर परिवार पेंशन का भुगतान प्रारंभ के लिये प्राधिकृत है। इस प्रयोजन के लिये महालेखाकार, मध्यप्रदेश, ग्वालियर, द्वारा पृथक् पेंशन भुगतान आदेश जारी नहीं किया जाता है।
23.1 ऐसे पेंशनभोगियों के मामले में, जो सार्वजनिक क्षेत्र बैंकों के जरिए अपनी पेंशन आहरित कर रहे हों, पेंशन भुगतान आदेश में दर्शायी गई दर पर परिवार पेंशन का भुगतान मृत्यु प्रमाणपत्र तथा फार्म मध्यप्रदेश कोषागार संहिता 42-अ (परिशिष्ट- पाँच) में परिवार पेंशन के लिये आवेदन प्राप्त होने तथा पेंशन भुगतान आदेश का पेंशनभोगी का हिस्सा प्राप्त होने पर, सम्बद्ध शाखा द्वारा प्रारंभ किया जाएगा, भुगतान शाखा पेंशन का भुगतान आदेश के संवितरक के हिस्से में पेंशनभोगी की मृत्यु की तारीख दर्ज केरगी और पेंशनभोगी के हिस्से में तथा परिशिष्ट तीन के फार्म में पंजी में भी प्रविष्टियाँ करेगी।
परिवार पेंशन का भुगतान पेंशन पाने वाले के बचत/चालू खाते (संयुक्त या दोनों में से एक या उत्तरजीवी खाते में नहीं) और यदि पेंशन पाने वाले का पहले से ऐसा खाता न हो तो खाता खोल कर आकलन द्वारा किया जाएगा, इसके अतिरिक्त परिवार पेंशन का भुगतान किये जाने के पहले, भुगतान शाखा द्वारा पेंशन पाने वाले व्यक्ति के पैराग्राफ 13 में उल्लिखित वचनबंध जैसा ही एक वचनबंध प्राप्त किया जाएगा।
भुगतान शाखा अभिलेख के लिए पेंशनभोगी की मृत्यु की तथा परिवार पेंशन के भुगतान प्रारंभ होने की तारीख भी सम्बद्ध शाखा के जरिए कोषागार अधिकारी को सूचित करेगी और इसकी महालेखाकार, मध्यप्रदेश, ग्वालियर को सूचना देगी।
23.2 जैसा कि पैराग्राफ 18.2 में पहले ही उल्लेख किया जा चुका है, भुगतान शाखा पेंशन पाने वाले से पुनर्विवाह/विवाह न करने का प्रमाण-पत्र प्राप्त करने के लिए उत्तरदायी होगी।
 
पेंशन का बंद होना
24. जब मृत्यु आदि के कारण परिवार पेंशन पाने वाले को पेंशनभोगी भुगतान बंद हो जाए तो भुगतान शाखा पेंशन भुगतान आदेश में तथा उसके अभिलेखों में आवश्यक प्रविष्टियाँ करेगी और उसे सम्बद्ध शाखा के जरिए कोषागार अधिकारी को लौटा देगी। कोषागार अधिकारी तद्नुसार अपने अभिलेखों में संशोधन करेगा।
24. (अ) पेंशनभोगी की मृत्यु के कारण देय पेंशन की बकाया राशियों के अलावा अन्य मामलों में यदि पेंशन जिसमें परिवार पेंशन भी शामिल है, किसी कारण से एक वर्ष से अधिक अवधि के लिए पेंशनभोगी के खाते में आंकलित न की गई हो तो तत्संबंधी ब्यौरे तथा पेंशन आकंलित न किये जाने के कारण, यदि वे ज्ञात हो, प्रत्येक वर्ष 1 अप्रैल तथा 1 अक्टूबर को भेजे जाने वाले अर्धवार्षिक प्रतिवेदन के माध्यम से सम्बद्ध शाखा के जरिये कोषागार अधिकारी को संसूचित किये जाएगे ताकि कोषागार अधिकारी, मध्यप्रदेश कोषागार संहिता जिल्द-एक के सहायक नियम 389 के अधीन महालेखाकार को मामलों की सूचना दे सकें। यदि ऐसे किसी भी मामले में पेंशन, नि परिवार पेंशन भी शामिल है, पेंशनभोगी के खाते में छह वर्ष की अवधि के लिए आकलित न की गई हो, तो पेंशन भुगतान आदेश का संवितरक का हिस्सा सम्बद्ध शाखा के जरिए उस पर उपयुक्त पृष्ठांकन सहित उस तारीख को प्रमाणित करते हए जिस तारीख में पेंशन आंकलित की गई हो कोषागार अधिकारी को वापस लिया जाना चाहिए।
 
विविध
25. यदि पेंशन भुगतान आदेश के संवितरक के हिस्से में मासिक भुगतानों को दर्ज करने संबंधी पत्रक भर गए हों तो भुगतानों को दर्ज करने के लिये अतिरिक्त पत्रक जोड़ सकेगी। जब कभी कोई अनुवर्ती पत्रक जोड़ा जाए तो भुगतान शाखा द्वारा पत्रक पर उपलब्ध मामलों के क्रमांकों का उल्लेख करते हुए पेंशन भुगतान आदेश (संवितरक का हिस्सा) पर उपयुक्त प्रविष्टि की जाएगी।
26. पेंशन का भुगतान करने वाले सार्वजनिक क्षेत्र बैंक की शाखाओं द्वारा सम्बद्ध शाखाओं में भी रखे गए लेखे, अभिलेख तथा पंजियाँ महालेखाकार, मध्यप्रदेश, ग्वालियर या उसके द्वारा इस संबंध में नियुक्त किसी भी व्यक्ति द्वारा लेखा परीक्षा के लिए उपलब्ध रहेंगी।
27. मध्यप्रदेश कोषागार संहिता के संगत उपबंध उपर्युक्त सीमा तक संशोधित किए गए समझे जाएगे।
28. अन्य राज्य सरकारों के पेंशनभोगियों को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा किए गए भुगतान, बैंक के पेंशन भुगतान स्क्रॉल में उस राज्य के नाम के सामने जिसमें यह भुगतान नाम डाला जाना है, अलग से दर्शाया जाएगा तथापि भुगतान प्रारंभिक तौर पर इस राज्य सरकार के नगदी शेष में से किया जावेगा।
28. (1) राज्य सरकारों की ओर से किए गए भुगतान-कोषालय अधिकारियों के माध्यम से प्राप्त भुगतान स्क्रॉलों के आधार पर महालेखाकार, मध्यप्रदेश द्वारा समेकित किए जावेंगे और इस तरह भुगतान की गई प्रतिपूर्ति संबंधित महालेखाकार से की जावेगी। इस संबंध में अंतर्गत समायोजन हेतु अनुदेशों का आवश्यक संशोधनों के साथ अनुपालन किया जावेगा।
अवर सचिव, मध्यप्रदेश शासन,
वित्त विभाग
परिशिष्ट - एक
सार्वजनिक क्षेत्र बैंक के जरिए पेंशन के आहरण का आवेदन-पत्र
(दो प्रतियों में प्रस्तुत किया जाएगा)
प्रति,
कोषागार/उपकोषागार अधिकारी
(स्थान)
महोदय,
मैं सार्वजनिक क्षेत्र बैंक के जरिए अपनी पेंशन आहरित करने का विकल्प लेता हूँ और आवश्यक विवरण नीचे दे रहा हूँ ताकि आप इस सम्बन्ध में व्यवस्थाएं कर सकें :-
1. पेंशनभोगी का ब्यौरा
(क) नाम.......................................
(ख) पेंशन भुगतान आदेश क्रमांक.....................
(ग) वर्तमान पता................................
2. प्राधिकृत सार्वजनिक क्षेत्र बैंक का ब्यौरा...................
(क) नाम...................................
(ख) शाखा जहां भुगतान चाहा गया हो........................
मैं उपर्युक्त बैंक को भुगतान प्राप्त करने के लिये अपनी ओर से रसीद देने के लिये प्राधिकृत करता  हूँ।
3. उस शाखा में, जिसमें पेंशन आंकलित की जाएगी पेंशनभोगी का बचत बैंक/चालू खाता क्र.
स्थान................................ भवदीय
तारीख.............................. (पेंशनभोगी)
(संयुक्त या दोनों में से एक या उत्तरजीवी खाता नहीं) पेंशनभोगी के नमूने के हस्ताक्षर

 

पृष्ठभाग
उपकोषागार में उपयोग के लिये
श्री/श्रीमती/कुमारी..................के संवितरक के आधे हिस्से के साथ कोषागार अधिकारी को अग्रेषित.............. माह की अवधि तक पेंशन का भुगतान किया जा चुका है।
उपकोषधिकारी
कोषागार में उपयोग के लिये
प्रबंधक/एजेंट...........................(सार्वजनिक क्षेत्र बैंक की सम्बद्ध शाखा) को अग्रेषित श्री/ श्रीमती/कुमारी................. के पेंशन भुगतान आदेश का संवितरक का आधा हिस्सा/दोनों आधे हिस्से, जिनका/जिनके क्र....................... है/हैं; इसके साथ भेजा जा रहा है/भेजे जा रहे हैं।
पेंशनभोगी को माह................... तक की अवधि के लिये पेंशन का भुगतान किया जा चुका है।
माह....................... से देय पेंशन की व्यवस्था बैंक द्वारा की जाएगी।
स्थान..................... कोषागार अधिकारी
मुहर सहित
 
परिशिष्ट - दो
सार्वजनिक क्षेत्र बैंकों की शाखाओं के जरिए प्राधिकृत पेंशन भुगतान की सूचक पंजी
 
पेंशनभोगी का नाम
पेंशन भुगतान आदेश का क्रमांक
पेंशन की मासिक राशि (मूल पेंशन तथा राहत  पृथक रूप से दर्शायी जाएगी)
वह शाखा जिसमें भुगतान  किया जाना है
वह तारीख जिस तारीख से पेंशन भुगतान प्रारंभ होगा
अभ्युक्ति
(1)
(2)
(3)
(4)
(5)
(6)
1.
2.
3.
 
 
 
 
 
 
टीप :- प्रत्येक प्रविष्टि सार्वजनिक क्षेत्र बैंक की सम्बद्ध शाखा के नामनिर्दिष्ट अधिकारी द्वारा अभिप्रमाणित की जानी चाहिए। (अतिरिक्त प्रविष्टियाँ रिजर्व बैंक के अनुदेशों के अधीन की जाएँ)
 
परिशिष्ट - तीन
पेंशनों के भुगतान की पंजी
पेंशन भोगी का नाम
पेंशन  भुगतान आदेश का क्रमांक
वह अवधि जिसके लिये पेंशन का भुगतान किया गया है
पेंशन राशि  (मूल) पेंशन और राहत पृथक रूप से दर्शायी जाएगी)
अधिक भुगतान  यदि कोई हो, की वसूली
आयकर  कटौती
भुगतान की गई शुद्ध राशि
पेंशन भुगतान आदेश में  दर्शाए अनुसार पेंशन का आवंटन
अभ्‍युक्ति
(1)
(2)
(3)
(4)
(5)
(6)
(7)
(8)
(9)
1.
2.
3.
 
 
 
 
 
 
 
 
 
टीप. :- प्रत्येक प्रविष्टि उस शाखा, जिसमें भुगतान किया गया हो के नामनिर्दिष्ट अधिकारी द्वार अभिप्रमाणित की जानी चाहिए। (अतिरिक्त प्रविष्टियाँ रिजर्व बैंक के अनुदेशों के अधीन की जाएं।
 
प्रतिशिष्ट - चार
पेंशनभोगी द्वारा प्रस्तुत किया जाने वाला प्रमाण-पत्र
(देखिए पैरा 18)
एक -जीवन प्रमाण-पत्र
प्रमाणित किया जाता है कि मैंने पेंशन भुगतान आदेश क्र.................... के धारक पेंशनभोगी ............. (पेंशनभोगी का नाम) को देखा है और वह आज की तारीख को जीवित हैं।
स्थान........................... नाम............................
  प्राधिकृत अधिकारी का पद नाम
  .....................................
दिनांक........................ मुहर...............................
 
दो- बेरोजगारी प्रमाण-पत्र
(राज्य सेवा प्रथम श्रेणी अधिकारियों तथा अखिल भारतीय सेवा अधिकारियों द्वारा प्रस्तुत किया जाएगा)
(ए) मैं यह घोषणा करता हूं कि मैंने शासन की मंजूरी प्राप्त करने के पश्चात्/बिना मंजूरी प्राप्त किये वाणिज्यिक नियोजन स्वीकार कर लिया है।
(ए) मैं यह घोषणा करता हूं कि मैने शासन से मंजूरी प्राप्त करने के पश्चात्/बिना मंजूरी प्राप्त किये भारत के बाहर किसी भी शासन के अधीन कोई नियोजन स्वीकार कर लिया है/स्वीकार नहीं किया है।
(ए) मैं यह घोषणा करता हूं कि मैने भारत में किसी भी शासन, राष्ट्रीयकृत बैंक, शासकीय सार्वजनिक उपक्रम, स्वायत्त/स्थानीय निकाय के अधीन कोई नियोजन स्वीकार कर लिया है/स्वीकार नहीं किया है।
(ए) जो लागू न हो उसे काट दें।
सेवानिवृत्ति की तारीख से पहले दो वर्षों के दौरान प्रस्तुत किया जाएगा।
  हस्ता............................................
स्थान.......................... पेंशनभोगी का नाम..........................
दिनांक........................ पेंशन भुगतान आदेश क्रमांक..............

 

तीन-पुनर्विवाह/विवाह करने का प्रमाण-पत्र
*मैं एतद् द्वारा यह घोषणा करता हूँ कि मैं विवाहित नहीं हूँ/मैने पिछले छह माह के दौरान विवाह नहीं किया है।
या
*मैं इसके द्वारा यह घोषणा करती हूँ कि मैने पुनर्विवाह नहीं किया है तथा मैं वचन देती हूं कि ऐसी किसी भी घटना की कोषागार/बैंक को तत्काल सूचना दे दूंगी।
*केवल परिवार पेंशन पाने वाली विधवा के लिये ही लागू होगा तथा केवल एक ही बार प्रस्तुत किया जाएगा।
स्थान.......................... हस्ताक्षर.......................................
दिनांक........................ पेंशनभोगी का नाम..........................
  पेंशन भुगतान आदेश क्रमांक..............
 
मैं अपनी सर्वोत्तम जानकारी तथा विश्वास के अनुसार प्रमाणित करता हूं कि उपर्युक्त घोषणा सही है।
  उत्तरदायी अधिकारी या किसी
  प्रतिष्ठित व्यक्ति के हस्ताक्षर
स्थान................... नाम......................
दिनांक................. पद नाम.................
 
 
परिशिष्ट पांच
(सहायक नियम 374 - अ) देखिये
आवेदन का फार्म
(राज्य शासन के कर्मचारियों के लिये परिवार पेंशन योजना, 1966)
स्व र्गीय श्री/श्रीमती................. पद नाम.................. कार्यालय/ विभाग................ के परिवार के लिये परिवार पेंशन का आवेदन-पत्र
1. आवेदन का नाम.........................................
2. मृत शासकीय कर्मचारी/पेंशनभोगी से संबंध......................
3. यदि मृत व्यक्ति पेंशनभोगी था, तो सेवानिवृत्ति की तारीख........
4. शासकीय कर्मचारी/पेंशनभोगी की मृत्यु की तारीख.................
5. मृत व्यक्ति के जीवित संबंधियों के नाम तथा आय
 
सीन
नाम
आयु
कर्मचारी के सम्बन्ध
प्रयुक्ति विधवा/विधुर/ अविवाहित पुत्री/
(1)
(2)
 
 
 
 
 
6. कोषागार/उपकोषागार/सार्वजनिक क्षेत्र बैंक की उस शाखा का नाम..................
जहाँ से भुगतान चाहा गया हो।
7. हस्ताक्षर या बायें हाथ के अंगूठे का निशान
(ऐसे व्यक्तियों के मामले में जो साक्षर
न हों ओर अपने हस्ताक्षर न कर सकें)
8. विधवा/विधुर/मृत व्यक्ति के अवयस्क बच्चों के अभिभावक का विवरण
(एक) जन्म दिनांक................................
(दो) ऊंचाई............................................
(तीन) हाथ या चेहरे पर व्यक्तिगत चिन्ह यदि कोई हों........................
(चार) बायें हाथ के अंगठे तथा उंगलियों के निशान............................
कनिष्ठा अनामिकामा मध्यमा तर्जनी अंगूठा
9. आवेदक का पूरा पता...............................................................
निम्नलिखित द्वारा अभिप्रमाणित गवाह
(1)........................... (1)...........................
(2)......................... (2).........................

टीप :- परिवार पेंशन के आवेदन-पत्र के साथ भेजे जाने वाले विवरण (खाना 8) तथा हस्ताक्षर या बायें हाथ के अंगूठे तथा उंगलियों के निशान दो पृथक एत्रकों में दो प्रतियों में होने चाहिये और वे दो राजपत्रित अधिकारियों या उस नगर, ग्राम या परगने के जिसमें आवेदक रहता हो, दो प्रतिष्ठित व्यक्तियों द्वारा अभिप्रमाणित होने चाहिए।

 
परिशिष्ट - छः
(देखिए पैराग्राफ 20)
राज्य सिविल पेंशनभोगियों को मध्यप्रदेश शासन, वित्त विभाग, ज्ञाप क्रमांक......
दिनांक............. द्वारा मंजूर दिनांक............. से देय राहत की गणना दर्शाने वाला विवरण
 
क्रमांक
नाम
पेंशन  भुगतान आदेश क्रमांक
सेवानिवृत्ति की तारीख
लघुकरण, यदि कोई हो, के पूर्व मूल  पेंशन/परिवार पेंशन असाधारण पेंशन की राशि
खाना (5) में  दर्शाई गई राशि  में लागू की जाने  वाली राहत की प्रतिशत दर
कुल राहत की राशि (विहित  न्‍यूनतम  तथा  अधिकतम प्रतिमाह  के  अध्‍यधीन)
अभ्युक्ति
(1)
(2)
(3)
(4)
(5)
(6)
(7)
(8)
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
कोषागार अधिकारी
स्थान............... भुगतान शाखा के प्रबंधक या प्रभारी के मुद्रांक सहित
दिनांक.............. हस्ताक्षर

खाना (7) में दर्शाई गई राशि का सत्यापन किया गया और अभ्युक्ति के खाने में दर्शाये गये सुधारों के अध्यधीन (कोषागार अधिकारी द्वारा अप्रिमाणित किये जाएगे) सही पाया गया। दिनांक................... प्रबंधक/प्रभारी अधिकारी

...........................................

कोषागार अधिकारी के हस्ताक्षर

प्ररूप 'ग'
[म.प्र. शासन वित्त विभाग क्र. बी 25/13/96/PWC/चार 27.4.97 द्वारा संशोधित।]
[नियम 10 (2) देखिये]
(देखिये पैरा 21.3)
प्रति,
[पेंशन वितरण अधिकारी/सार्वजनिक क्षेत्र बैंक,]
(पब्लिक सेक्टर बैंक)
........................................
........................................
मैं अपनी पेंशन के कम्यूटेड भाग को फिर से चालू करने के लिए अनुरोध करता हूँ। सुसंगत विवरण निम्नानुसार है :-
1. पेंशनर का नाम, डाक के पूरे पते सहित .......................................
2. पेंशन का भुगतान आदेश क्रमांक ...............................................
3. जन्म दिनांक.........................................................................
4. सेवानिवृत्ति का दिनांक............................................................
5. पेंशन प्रारंभ होने का दिनांक.....................................................
6. मूल पेंशन होने का दिनांक.......................................................
7. (क) कम्यूटेड भाग की राशि.....................................................
(ख) पेंशन में कटौती प्रभावी होने का दिनांक....................................
(ग) कटौती की गई पेंशन की राशि.................................................
8. 70 वर्ष की आयु पूरी होने का दिनांक..........................................
स्थान......................... आवेदक के हस्ताक्षर
दिनांक.......................  

टिप्पणी :- राजपत्रित अधिकारी द्वारा हस्ताक्षरित जीवन प्रमाण पत्र आवेदनपत्र के साथ संलग्न किया जाना चाहिए।